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संसद सत्र से पहले राहुल गांधी का पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला, बोले- 'संविधान पर हमला स्वीकार्य नहीं' - Rahul Gandhi Slams PM Modi - RAHUL GANDHI SLAMS PM MODI

18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हुआ, और कांग्रेस व विपक्षी पार्टियों ने इस सत्र की शुरुआत भी हंगामे के साथ की. संसद भवन में लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियों ने विरोध जताया और नारेबाजी की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोला.

Rahul Gandhi, Member of Parliament
सांसद राहुल गांधी (फोटो - ANI Photo)
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By ANI

Published : Jun 24, 2024, 3:54 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संविधान पर 'हमला' कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले विपक्षी दल को स्वीकार्य नहीं हैं. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने संविधान की प्रतियां हाथों में लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.

रायबरेली के सांसद ने आज 18वीं लोकसभा के सत्र की शुरुआत से पहले संवाददाताओं से कहा कि 'प्रधानमंत्री और अमित शाह संविधान पर जो हमला कर रहे हैं, वह हमें स्वीकार्य नहीं है, हम ऐसा नहीं होने देंगे. इसलिए, हमने शपथ लेते समय संविधान को हाथ में लिया... हमारा संदेश यह है कि कोई भी ताकत भारत के संविधान को नहीं छू सकती.'

इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र शुरू होने से पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए 1975 में लगाए गए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि यह लोकतंत्र पर एक धब्बा है, जब संविधान को नकार दिया गया.

उन्होंने कहा कि 'कल 25 जून है. 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 साल पूरे हो रहे हैं. भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया था, देश को जेलखाना बना दिया गया था और लोकतंत्र को पूरी तरह से दबा दिया गया था.'

पीएम मोदी ने कहा कि 'अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा काम करने की हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले किया गया था. हम जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे. हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार आम लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे.'

भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने को लेकर उठे विवाद के बीच, इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में संसद परिसर के अंदर संविधान की प्रतियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि 'सत्तारूढ़ पार्टी अपना अहंकार नहीं भूली है... हम देख सकते हैं कि वे देश के प्रमुख विषयों की अनदेखी कर रहे हैं...'

उन्होंने कहा कि 'अगर के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता तो भारत का पूरा दलित समुदाय एक ऐतिहासिक दृश्य देख सकता था... आज भाजपा ने न केवल कांग्रेस, I.N.D.I.A. गठबंधन और के सुरेश की उपेक्षा की है, बल्कि पूरे दलित समुदाय की उपेक्षा की है...' अखिलेश यादव, डिंपल यादव और समाजवादी पार्टी के सभी अन्य सांसद सोमवार सुबह भारत के संविधान की एक प्रति लेकर संसद पहुंचे.

तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, कल्याण बनर्जी और सौगत रॉय ने कहा कि मोदी सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है. टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि 'हम देश के संविधान की रक्षा की मांग करते हैं... भारत और बांग्लादेश के बीच समझौते होते हैं, लेकिन वे पश्चिम बंगाल सरकार को नहीं बुलाते हैं, और सब कुछ एकतरफा करते हैं... हमें इस 18वीं लोकसभा के पहले दिन से ही इसकी रक्षा करनी है...'

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि 'हम विरोध कर रहे हैं क्योंकि संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संविधान का उल्लंघन किया गया है. जिस तरह से प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की गई है, वह संवैधानिक प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है और पहले की मिसालों का स्पष्ट उल्लंघन है...'

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संविधान पर 'हमला' कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले विपक्षी दल को स्वीकार्य नहीं हैं. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने संविधान की प्रतियां हाथों में लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.

रायबरेली के सांसद ने आज 18वीं लोकसभा के सत्र की शुरुआत से पहले संवाददाताओं से कहा कि 'प्रधानमंत्री और अमित शाह संविधान पर जो हमला कर रहे हैं, वह हमें स्वीकार्य नहीं है, हम ऐसा नहीं होने देंगे. इसलिए, हमने शपथ लेते समय संविधान को हाथ में लिया... हमारा संदेश यह है कि कोई भी ताकत भारत के संविधान को नहीं छू सकती.'

इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र शुरू होने से पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए 1975 में लगाए गए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि यह लोकतंत्र पर एक धब्बा है, जब संविधान को नकार दिया गया.

उन्होंने कहा कि 'कल 25 जून है. 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 साल पूरे हो रहे हैं. भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया था, देश को जेलखाना बना दिया गया था और लोकतंत्र को पूरी तरह से दबा दिया गया था.'

पीएम मोदी ने कहा कि 'अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा काम करने की हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले किया गया था. हम जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे. हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार आम लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे.'

भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने को लेकर उठे विवाद के बीच, इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में संसद परिसर के अंदर संविधान की प्रतियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि 'सत्तारूढ़ पार्टी अपना अहंकार नहीं भूली है... हम देख सकते हैं कि वे देश के प्रमुख विषयों की अनदेखी कर रहे हैं...'

उन्होंने कहा कि 'अगर के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता तो भारत का पूरा दलित समुदाय एक ऐतिहासिक दृश्य देख सकता था... आज भाजपा ने न केवल कांग्रेस, I.N.D.I.A. गठबंधन और के सुरेश की उपेक्षा की है, बल्कि पूरे दलित समुदाय की उपेक्षा की है...' अखिलेश यादव, डिंपल यादव और समाजवादी पार्टी के सभी अन्य सांसद सोमवार सुबह भारत के संविधान की एक प्रति लेकर संसद पहुंचे.

तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, कल्याण बनर्जी और सौगत रॉय ने कहा कि मोदी सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है. टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि 'हम देश के संविधान की रक्षा की मांग करते हैं... भारत और बांग्लादेश के बीच समझौते होते हैं, लेकिन वे पश्चिम बंगाल सरकार को नहीं बुलाते हैं, और सब कुछ एकतरफा करते हैं... हमें इस 18वीं लोकसभा के पहले दिन से ही इसकी रक्षा करनी है...'

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि 'हम विरोध कर रहे हैं क्योंकि संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संविधान का उल्लंघन किया गया है. जिस तरह से प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की गई है, वह संवैधानिक प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है और पहले की मिसालों का स्पष्ट उल्लंघन है...'

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