नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को 18वीं लोकसभा में रायबरेली से सांसद के रूप में शपथ लेने के बाद राहुल गांधी को 'जन-नायक' और संविधान के 'रक्षक' के रूप में सम्मानित किया. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि संसद के निचले सदन में राहुल का पांचवां कार्यकाल उनकी गरीब-हितैषी राजनीति का एक नया चरण है और कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख आने वाले दिनों में एनडीए सरकार को चौकन्ना रखेंगे.
प्रसन्नचित्त राहुल ने अपनी खास सफेद टी-शर्ट पहनकर शपथ ली, जो पिछले साल उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लोकप्रिय हुई थी. उन्होंने संविधान की एक प्रति भी दिखाई, जिसकी रक्षा का संकल्प उन्होंने पूरे लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान लिया था. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और उनकी मां सोनिया गांधी तथा बहन प्रियंका गांधी वाड्रा, जो पूर्व पार्टी प्रमुख द्वारा खाली की गई केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगी, उन्होंने सदन में गैलरी से राहुल को शपथ लेते हुए देखा.
एआईसीसी पदाधिकारी बीएम संदीप कुमार ने ईटीवी भारत से कहा कि 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह एक जननायक हैं. उन्होंने लोगों की आवाज सुनने के लिए देश भर में यात्रा की और फिर पार्टी के घोषणापत्र में उनकी चिंताओं को व्यक्त किया. राष्ट्रीय चुनाव अभियान के दौरान, उन्होंने संविधान की रक्षा करने की कसम खाई थी, जिसे भाजपा नेता बदलना चाहते थे. लोगों ने उनकी अपील का सकारात्मक जवाब दिया और विपक्षी गठबंधन का समर्थन किया.'
यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी के भीतर इस आम स्वीकृति के बीच आई है कि सामाजिक न्याय पर राहुल के आक्रामक फोकस और मोदी सरकार द्वारा संवैधानिक मानदंडों के कथित उल्लंघन ने लोकसभा में इस पुरानी पार्टी की संभावनाओं को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई.
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ईटीवी भारत से कहा कि 'विपक्ष की सबसे मजबूत आवाज अब संसद में पहुंच गई है. सामाजिक न्याय की राजनीति की नई शुरुआत होगी. हमारे नेता संविधान की रक्षा के संकल्प के साथ सदन में जनता की आवाज उठाएंगे. अन्याय के खिलाफ जनता के अधिकार मजबूत होंगे. वे सदन में गरीबों, किसानों और महिलाओं की आवाज उठाएंगे और हमारे सपनों का नया भारत बनाएंगे.'
पार्टी नेताओं ने कहा कि संविधान की रक्षा पर राहुल के जोर ने विपक्षी I.N.D.I.A. गुट को भी प्रभावित किया है, जो 24 जून को संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से ही अद्भुत एकता प्रदर्शित कर रहा है. उदाहरण के लिए, पूरे I.N.D.I.A. गुट ने 24 जून को संसद भवन परिसर में संविधान की प्रतियां प्रदर्शित कीं और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई लोगों ने कन्नौज के सांसद के रूप में शपथ लेते समय भी इसे प्रदर्शित किया.
लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने ईटीवी भारत से कहा कि 'संसदीय परंपराओं का सम्मान दोनों पक्षों, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को करना चाहिए. एनडीए ने पहले प्रोटेम स्पीकर के नामांकन और बाद में लोकसभा में स्पीकर के चुनाव को लेकर परंपराओं के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया. हमारी जायज मांग कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए, एनडीए ने खारिज कर दिया.
उन्होंने आगे कहा कि 'पिछले सदन में केंद्र ने पूरे पांच साल के लिए डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति नहीं की थी. जननायक राहुल गांधी ने कहा है कि हम रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाना चाहते हैं. अगर विपक्ष को लोगों के मुद्दे उठाने की इजाजत दी जाती है, तो संसद चलेगी. इस बार विपक्ष मजबूत है और एनडीए को अपनी आवाज दबाने नहीं देगा. हम सरकार को चौकन्ना रखेंगे.'