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अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में क्वाड एक शक्तिशाली कारक है: जयशंकर - Jaishankar Quad Meeting - JAISHANKAR QUAD MEETING

Jaishankar Quad powerful stabilizing factor uncertain world: जापान के टोक्यो में क्वाड की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकास में क्वाड की भूमिका अहम है. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

EAM Jaishankar in Tokyo
जापान में क्वाड बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर (ANI VIDEO)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 29, 2024, 12:30 PM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री जयशंकर ने क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद टोक्यो में संयुक्त प्रेस वक्तव्य के दौरान कहा कि क्वाड देश अपने आप में अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक हैं. संयुक्त प्रेस वार्ता में अपने प्रारंभिक भाषण में जयशंकर ने कहा, 'क्वाड बैठक का समग्र संदेश यह है कि इसके चार देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र, नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. यह अपने आप में अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है.'

उन्होंने कहा कि क्वाड और संबंधित द्विपक्षीय या यहां तक ​​कि त्रिपक्षीय संबंधों के बीच एक मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता है. एक मोर्चे पर प्रगति दूसरे को मजबूत करती है और इस तरह क्वाड का मूल्य बढ़ाती है. हम साझा एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र के कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने में भी सक्षम हैं.

उन्होंने कहा, 'ये चुनौतीपूर्ण समय है. चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं. उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की जरूरत है. उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है. क्वाड दोनों का एक महान समकालीन उदाहरण है.' जयशंकर ने कहा, 'केवल एक विदेश मंत्री के रूप में ही नहीं, बल्कि क्वाड के साथ सबसे लंबे समय से जुड़े होने के नाते मुझे वास्तविक संतुष्टि यह देखकर होती है कि यह अब हमारी विदेश नीतियों में कितनी गहराई से और व्यवस्थित रूप से शामिल हो गया है.'

उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से हमने अभी जो बैठकें की है वे दिशा देने में बहुत सहायक हैं. हालांकि तथ्य यह है कि हमारी सरकार की विभिन्न एजेंसियां और उनके अलावा हितधारक बढ़ता जा रहा है. अब इसे आगे बढ़ाने के लिए नियमित रूप से एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं और हमारे नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से क्वाड के विकास का नेतृत्व किया है.'

उन्होंने बताया, 'पिछले कुछ वर्षों में हमने जो व्यापक एजेंडा बनाया है, उसकी सराहना करें. इसके बारे में सोचें. हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और समुद्र के नीचे केबल कनेक्टिविटी को लेकर काम कर रहे हैं. आपने अभी विदेश मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना. उन्होंने मीडिया से कहा, 'यह संक्षिप्त सूची है. हम सभी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए. इसे कैसे बेहतर संसाधन उपलब्ध कराया जाए. कैसे अधिक निकटता से समन्वय किया जाए. मुझे लगता है कि हमने आज उस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.'

उन्होंने कहा कि यह कोई बातचीत का मंच नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जो व्यावहारिक परिणाम उत्पन्न करता है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पलाऊ में ओपन-आरएएन नेटवर्क की तैनाती की जा रही है. मॉरीशस में जल्द ही अंतरिक्ष आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी. ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं. उन्होंने कहा, 'कोविड के दौरान हमने इस क्षेत्र के देशों को टीके पहुंचाने में सहयोग किया.

यह ध्यान देने योग्य है कि विदेश मंत्री जयशंकर की टोक्यो यात्रा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समकक्षों के साथ उनकी पहली बैठक है. दरअसल, अमेरिका द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना किए जाने के बाद यह अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ उनकी पहली आमने-सामने की बैठक होगी.

क्वाड विदेश मंत्री साइबर सुरक्षा उपायों पर सहयोग करने, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग और 5 जी नेटवर्क जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर देंगे. इसके साथ ही मानवीय सहायता, आपदा राहत कार्यों पर समन्वय बढ़ाने, विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं और अन्य आपात स्थितियों पर प्रतिक्रिया देने पर विचार करेंगे.

यह बैठक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए क्वाड राष्ट्रों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. साथ ही लोकतंत्र, मानवाधिकार और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर जोर देती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्री क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे. क्वाड विदेश मंत्रियों का एकत्र होना क्वाड सदस्यों के बीच एकता और सहयोग का एक मजबूत संकेत देता है. ये साझा चिंताओं को दूर करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के उनके संकल्प को प्रदर्शित करता है.

ये भी पढ़ें- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री के साथ चर्चा की: जयशंकर

नई दिल्ली: विदेश मंत्री जयशंकर ने क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद टोक्यो में संयुक्त प्रेस वक्तव्य के दौरान कहा कि क्वाड देश अपने आप में अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक हैं. संयुक्त प्रेस वार्ता में अपने प्रारंभिक भाषण में जयशंकर ने कहा, 'क्वाड बैठक का समग्र संदेश यह है कि इसके चार देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र, नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. यह अपने आप में अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है.'

उन्होंने कहा कि क्वाड और संबंधित द्विपक्षीय या यहां तक ​​कि त्रिपक्षीय संबंधों के बीच एक मजबूत अंतःक्रियात्मक गतिशीलता है. एक मोर्चे पर प्रगति दूसरे को मजबूत करती है और इस तरह क्वाड का मूल्य बढ़ाती है. हम साझा एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र के कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने में भी सक्षम हैं.

उन्होंने कहा, 'ये चुनौतीपूर्ण समय है. चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं. उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की जरूरत है. उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है. क्वाड दोनों का एक महान समकालीन उदाहरण है.' जयशंकर ने कहा, 'केवल एक विदेश मंत्री के रूप में ही नहीं, बल्कि क्वाड के साथ सबसे लंबे समय से जुड़े होने के नाते मुझे वास्तविक संतुष्टि यह देखकर होती है कि यह अब हमारी विदेश नीतियों में कितनी गहराई से और व्यवस्थित रूप से शामिल हो गया है.'

उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से हमने अभी जो बैठकें की है वे दिशा देने में बहुत सहायक हैं. हालांकि तथ्य यह है कि हमारी सरकार की विभिन्न एजेंसियां और उनके अलावा हितधारक बढ़ता जा रहा है. अब इसे आगे बढ़ाने के लिए नियमित रूप से एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं और हमारे नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से क्वाड के विकास का नेतृत्व किया है.'

उन्होंने बताया, 'पिछले कुछ वर्षों में हमने जो व्यापक एजेंडा बनाया है, उसकी सराहना करें. इसके बारे में सोचें. हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और समुद्र के नीचे केबल कनेक्टिविटी को लेकर काम कर रहे हैं. आपने अभी विदेश मंत्री वोंग को इसके बारे में बात करते हुए सुना. उन्होंने मीडिया से कहा, 'यह संक्षिप्त सूची है. हम सभी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए. इसे कैसे बेहतर संसाधन उपलब्ध कराया जाए. कैसे अधिक निकटता से समन्वय किया जाए. मुझे लगता है कि हमने आज उस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.'

उन्होंने कहा कि यह कोई बातचीत का मंच नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जो व्यावहारिक परिणाम उत्पन्न करता है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पलाऊ में ओपन-आरएएन नेटवर्क की तैनाती की जा रही है. मॉरीशस में जल्द ही अंतरिक्ष आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी. ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं. उन्होंने कहा, 'कोविड के दौरान हमने इस क्षेत्र के देशों को टीके पहुंचाने में सहयोग किया.

यह ध्यान देने योग्य है कि विदेश मंत्री जयशंकर की टोक्यो यात्रा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समकक्षों के साथ उनकी पहली बैठक है. दरअसल, अमेरिका द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना किए जाने के बाद यह अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ उनकी पहली आमने-सामने की बैठक होगी.

क्वाड विदेश मंत्री साइबर सुरक्षा उपायों पर सहयोग करने, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग और 5 जी नेटवर्क जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर देंगे. इसके साथ ही मानवीय सहायता, आपदा राहत कार्यों पर समन्वय बढ़ाने, विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं और अन्य आपात स्थितियों पर प्रतिक्रिया देने पर विचार करेंगे.

यह बैठक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए क्वाड राष्ट्रों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. साथ ही लोकतंत्र, मानवाधिकार और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर जोर देती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्री क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे. क्वाड विदेश मंत्रियों का एकत्र होना क्वाड सदस्यों के बीच एकता और सहयोग का एक मजबूत संकेत देता है. ये साझा चिंताओं को दूर करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के उनके संकल्प को प्रदर्शित करता है.

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