जौनपुर: Purvanchal University Jai Shri Ram: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के टीचरों का अजब कारनामा सामने आया है. काफी संख्या में फर्स्ट क्लास नंबर प्राप्त करने वाले छात्र शिकायत के बाद दोबारा मूल्यांकन कराए जाने पर फेल हो गए.
जांच में पता चला कि छात्रों ने कॉपी में जय श्री राम, जय हनुमान और अन्य उल्टी-सीधी बातें लिखी थीं. इसके बाद भी कॉपी चेकिंग में छात्रों को फर्स्ट क्लास नंबर दे दिए गए. छात्र नेताओं ने मामले की शिकायत पीएम, सीएम, राज्यपाल व कुलपति से कर कार्रवाई की मांग की था. इस पर परीक्षा समिति की बैठक में उन दोनों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया, जिन्होंने कॉपियां चेक की थी.
छात्र नेता दिव्यांशु सिंह ने पीएम, सीएम,राज्यपाल व कुलपति को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से शून्य अंक पाने वाले छात्रों को भी 60 फीसदी से अधिक अंक देकर उन्हें पास कर दिया गया है.
शिकायत के बाद दोबारा मूल्यांकन कराया गया तो छात्रों को दिए गए अंक में बड़े पैमाने पर भिन्नता पाई गई. छात्र नेता उद्देश्य सिंह के द्वारा छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिका जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई है, जिसमें जय श्री राम और हनुमान जी के जयकारे लिखे हुए हैं. इसके बाद भी बढ़िया अंक दे दिए गए.
शिकायतकर्ता दिव्यांशु सिंह का आरोप था कि फार्मेसी संस्थान के कुछ शिक्षकों द्वारा रिश्वत लेकर छात्रों को अंक प्रदान किए गए थे, जो उत्तर पुस्तिका के दोबारा मूल्यांकन कराए जाने पर सामने आ चुका है. राजभवन द्वारा विश्वविद्यालय की कुलपति को पत्र लिखकर प्रकरण में कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था.
शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि बिना आदेश के सत्र 2021-22 के डी-फार्मा छात्रों को कई बार मानक के विपरीत बैक व स्पेशल बैक की परीक्षा करा दी गई. जबकि परीक्षा नियंत्रक की टिप्पणी में है कि डी-फार्मा में बैक परीक्षा आयोजित कराने का प्रावधान नहीं है.
मामले में पूर्वांचल विश्विद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना ने बताया की डी-फार्मा के फर्स्ट ईयर के दो छात्रों की शिकायत की गई थी कि इनको ज्यादा नंबर दिए गए हैं. जिसकी समिति बनाकर जांच कराई गई. समिति ने जांच की रिपोर्ट में यह पाया कि छात्रों को ज्यादा नंबर दिए गए हैं.
जय श्री राम और क्रिकेटरोंं का नाम लिखने पर कुलपति ने बताया की एक छात्र की कॉपी में स्पष्ट नहीं लिखा, जिससे कुछ समझा जाए और उससे नंबर दिया जाए. वहीं दो शिक्षक मनीष गुप्ता, विनय वर्मा पर आरोप सिद्ध हुआ है, जिन पर आचार संहिता के बाद कार्रवाई की जाएगी.
परीक्षा समिति ने संस्तुति की है कि दोनो शिक्षको को टर्मिनेट किया जाए. वहीं इस जांच के बाद कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. पूर्वांचल विश्विद्यालय में पिछले कई सालों से इस तरह से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसी पुनरावृत्ति न हो इसलिए कठोर नियम बनाए जा रहे हैं.
जिसमें विश्वविद्यालय परिसर स्थित फार्मेसी संस्थान के संविदा शिक्षक डॉ.विनय वर्मा व डॉ.आशीष गुप्ता को बर्खास्त कर दिया गया. समिति ने त्रिलोचन महादेव स्थित आरडीएस महाविद्यालय को तीन साल के लिए डिबार कर दिया गया है.
आरोप था कि प्रायोगिक के लिए नामित परीक्षक से प्रेक्टिकल न कराकर दूसरे से कराकर जमा कर अंक जमा कर दिया गया था. शिकायत मिलने पर दूसरे परीक्षक से कुटीर पीजी कालेज पर परीक्षा कराकर छात्रों का रिजल्ट घोषित किया गया था.
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