लखनऊ: पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार ने बागपत जिले के पुरा महादेव गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव चुना है. विश्व पर्यटन दिवस पर यह सम्मान शुक्रवार को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा दिया गया. सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव, उपनिदेशक पर्यटन मेरठ मंडल प्रीति श्रीवास्तव और ग्राम प्रधान ब्रह्मपाल ने यह सम्मान प्राप्त किया. यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी.
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि देश भर से विभिन्न श्रेणियों में 36 गांवों को सम्मानित किया गया, जिसमें एक पुरा महादेव भी है. हेरिटेज श्रेणी में सम्मानित पुरा महादेव गांव ने राज्य को विशेष पहचान दिलाई. पुरा महादेव ग्राम अपने प्राचीन शिव मंदिर के लिए प्रख्यात है. देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक एवं तीर्थ यात्री इस गांव में आते हैं. ग्रामीण पर्यटन विकास योजना के अंतर्गत इस गांव को ग्रामीण पर्यटन के लिए तैयार किया जा रहा है.
मंत्री ने बताया कि पुरा महादेव में स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. यहां विभिन्न होमस्टे बनाए गए हैं, जहां आने वाले पर्यटक ग्रामीण परिवेश में ठहरने के साथ ही स्थानीय व्यंजन का आनंद भी लेते हैं. इसके अलावा समूह बनाकर स्थानीय उत्पाद तैयार कराने की तैयारी है. ताकि पर्यटक इसकी खरीदारी करें और ग्रामीणों की आय में और भी वृद्धि हो.
जिला प्रशासन की पोर्टल के अनुसार, हिंडन नदी के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित पुरा महादेव गांव मलिक जाटव ने बसाया था. यहां भगवान शिव का बहुत ही प्राचीन मंदिर है. जहां साल में दो बार भक्त भगवान शिव को हरिद्वार से गंगा नदी से जल लेकर पैदल आते हैं और चढ़ाते हैं. इस गांव में भगवान शिव मंदिर परिसर में श्रावण के चौदहवें दिन और फाल्गुन में मले लगता है. महादेव पुरा निकटतम बलेनी शहर से लगभग 3 किलोमीटर है. वहीं, मेरठ से 32 तो बागपत मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर है. यह गांव राजमार्ग जुड़ा हुआ है. परंपरा के अनुसार, ऋषि परशुराम ने यहां शिव मंदिर की स्थापना की थी औरनाम शिवपुरी रखा था. जो समय के साथ बदलकर शिवपुरा हो गया और फिर छोटा होकर पुरा महादेव हो गया.
बता दें कि जिला स्तर से शीर्ष 5 गांवों का चयन किया जाता है और राज्य को रेकेमंड किया जाता है. राज्य स्तर से तीन गांवों को मंत्रालय को भेजा जाता है. जहां से राष्ट्रीय स्तर से मंत्रालय अंतिम चयन करता है.