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पराली जलाने में दिल्ली के आंकड़े भी चौंकाने वाले, पंजाब-हरियाणा सबसे आगे, देखें ICAR की रिपोर्ट

सर्दियां शुरू होते ही किसान पराली को जलाना शुरू कर देते हैं. इसका असर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स पर देखने को मिलता है.

पराली जलाने में दिल्ली के आंकड़े भी चौंकाने वाले
पराली जलाने में दिल्ली के आंकड़े भी चौंकाने वाले (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 27, 2024, 3:36 PM IST

नई दिल्लीः पंजाब और हरियाणा में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. प्रणाली के धुएं से दिल्ली एनसीआर गैस का चैंबर बनता जा रहा है. वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2024 में 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में 2 से 89 प्रतिशत तक की कमी आई है, लेकिन उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं. दूसरी ओर डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) तकनीकी खामी के कारण पराली से दिल्ली-एनसीआर में कितना प्रदूषण हो रहा है, इसका पता नहीं लगा पा रहा है.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सेटेलाइट के जरिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 15 सितंबर से 15 नवंबर तक पराली जलाने के मामलों की सेटलाइट के जरिए निगरानी किया जाता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की इस साल 15 सितंबर से 25 अक्टूबर तक की रिपोर्ट के मुताबिक, उपरोक्त राज्यों में कुल 4609 स्थानों पर पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं.

आईसीएआर की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में 1749, हरियाणा में 689, उत्तर प्रदेश में 849, दिल्ली में 11, राजस्थान में 442 और मध्यप्रदेश में 869 स्थानों पर पराली जलाई गई. 25 अक्टूबर 2024 की बात करें तो सबसे अधिक पंजाब में 71 स्थानों पर पराली जलाई गई. मध्य प्रदेश मे 94, राजस्थान में 49, उत्तर प्रदेश में 23 स्थानों पर और हरियाणा में 3 स्थानों पर पराली जलाने के मामले सामने आए हैं.

किस राज्य में किस वर्ष कितनी पराली जलाई गईः


राज्य

वर्ष (पराली जलाने की घटनाएं)

2024 2023 2022 2021 2020
पंजाब 1749 2704 5798 613416221
हरियाणा 6898711372 18351772
राजस्थान442 557 10258452
मध्य प्रदेश86912612102911323
उत्तर प्रदेश 849628 552 671783
दिल्ली1102050008

वर्ष 2020 से 2024 में 25 अक्टूबर तक किस राज्य में पराली जलाने के मामले कितने प्रतिशत कम हुएः

राज्य

प्रतिशत (पराली जलाने की घटनाएं)

पंजाब89.21
राजस्थान2.26
हरियाणा 61.11
मध्य प्रदेश52.24
उत्तर प्रदेश 7.77 (बढ़े)
दिल्ली27.27 (बढ़े)

पराली से प्रदूषण का अनुमान नहीं लगा पा रहा सिस्टम: एक तरफ धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है. वहीं, डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) इन दिनों परली से होने वाले प्रदूषण का अनुमान नहीं लगा पा रहा है. ये सिस्टम प्रदूषण के सोर्स की जानकारी देने के साथ अगले पांच दिनों का पूर्वानुमान भी बताता है. सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण अब पराली के प्रदूषण का पूर्वानुमान नहीं बताया जा रहा है. यह सिस्टम यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के निर्देश पर तैयार किया गया था. एक्सपर्ट इस बात पर सवाल खड़े कर रहे है कि सिस्टम अन्य सभी सोर्स का पूर्वानुमान दे रहा है, लेकिन सिर्फ पराली के प्रदूषण का पूर्वानुमान क्यों नहीं दे रहा है.

ये भी पढ़ें:

  1. दिल्ली की एयर क्वालिटी पर दिवाली से पहले अच्छी रिपोर्ट! आसपास के राज्यों में पराली जलाने में आई कमी
  2. दिल्ली-NCR में पराली जलाने पर लगेगा 15000 तक का जुर्माना, खेतों की होगी मॉनिटरिंग, देखें जुर्माने की लिस्ट

नई दिल्लीः पंजाब और हरियाणा में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. प्रणाली के धुएं से दिल्ली एनसीआर गैस का चैंबर बनता जा रहा है. वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2024 में 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में 2 से 89 प्रतिशत तक की कमी आई है, लेकिन उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं. दूसरी ओर डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) तकनीकी खामी के कारण पराली से दिल्ली-एनसीआर में कितना प्रदूषण हो रहा है, इसका पता नहीं लगा पा रहा है.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सेटेलाइट के जरिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 15 सितंबर से 15 नवंबर तक पराली जलाने के मामलों की सेटलाइट के जरिए निगरानी किया जाता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की इस साल 15 सितंबर से 25 अक्टूबर तक की रिपोर्ट के मुताबिक, उपरोक्त राज्यों में कुल 4609 स्थानों पर पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं.

आईसीएआर की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में 1749, हरियाणा में 689, उत्तर प्रदेश में 849, दिल्ली में 11, राजस्थान में 442 और मध्यप्रदेश में 869 स्थानों पर पराली जलाई गई. 25 अक्टूबर 2024 की बात करें तो सबसे अधिक पंजाब में 71 स्थानों पर पराली जलाई गई. मध्य प्रदेश मे 94, राजस्थान में 49, उत्तर प्रदेश में 23 स्थानों पर और हरियाणा में 3 स्थानों पर पराली जलाने के मामले सामने आए हैं.

किस राज्य में किस वर्ष कितनी पराली जलाई गईः


राज्य

वर्ष (पराली जलाने की घटनाएं)

2024 2023 2022 2021 2020
पंजाब 1749 2704 5798 613416221
हरियाणा 6898711372 18351772
राजस्थान442 557 10258452
मध्य प्रदेश86912612102911323
उत्तर प्रदेश 849628 552 671783
दिल्ली1102050008

वर्ष 2020 से 2024 में 25 अक्टूबर तक किस राज्य में पराली जलाने के मामले कितने प्रतिशत कम हुएः

राज्य

प्रतिशत (पराली जलाने की घटनाएं)

पंजाब89.21
राजस्थान2.26
हरियाणा 61.11
मध्य प्रदेश52.24
उत्तर प्रदेश 7.77 (बढ़े)
दिल्ली27.27 (बढ़े)

पराली से प्रदूषण का अनुमान नहीं लगा पा रहा सिस्टम: एक तरफ धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है. वहीं, डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) इन दिनों परली से होने वाले प्रदूषण का अनुमान नहीं लगा पा रहा है. ये सिस्टम प्रदूषण के सोर्स की जानकारी देने के साथ अगले पांच दिनों का पूर्वानुमान भी बताता है. सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण अब पराली के प्रदूषण का पूर्वानुमान नहीं बताया जा रहा है. यह सिस्टम यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के निर्देश पर तैयार किया गया था. एक्सपर्ट इस बात पर सवाल खड़े कर रहे है कि सिस्टम अन्य सभी सोर्स का पूर्वानुमान दे रहा है, लेकिन सिर्फ पराली के प्रदूषण का पूर्वानुमान क्यों नहीं दे रहा है.

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