मुंबई: पिछले सात दशक से भी ज्यादा समय से आशा भोसले सिंगिंग के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं. इस दौरान उन्होंने अपनी उपलब्धियों का हिमालय खड़ा किया. आशा भोसले की यह यात्रा अद्भुत रही है. उन्होंने अपनी इस यात्रा का जिक्र 'स्वरस्वामिनी आशा' नामक पुस्तक में किया है. किताब में उनकी अपने अनूठे करियर के डिटेल में जानकारी दी गई है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस पुस्तक का विमोचन किया.
पुस्तक के प्रकाशन के अवसर पर आशा भोसले को सम्मानित भी किया गया. उनके छोटे भाई और मशहूर संगीत निर्देशक पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने अपनी बहन को एक साड़ी भेंट की. यह एक भावुक अवसर था. हृदयनाथ मंगेशकर ने जोर देकर कहा कि आशाताई ने उन्हें पालने में बहुत मेहनत की है.
इस अवसर पर बोलते हुए हृदयनाथ मंगेशकर ने बहन आशा भोसले के साथ कई मार्मिक अनुभव बताए. उन्होंने कहा, "1942 की एक दोपहर में, आशा मुझे थालनेर में तापी के किनारे ले गईं और कई दिनों तक खुद भूखे रहन बाद मेरी देखभाल की."
#WATCH महाराष्ट्र: गायिका आशा भोंसले की जीवनी 'स्वरस्वामिनी आशा' आज मुंबई में लॉन्च की गई।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2024
इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार, पंडित हृदयनाथ मंगेशकर और कई अन्य हस्तियां मौजूद थीं। pic.twitter.com/1OkwIw4zv1
'आशा भोसले को गाते नहीं देखा'
उन्होंने कहा कि आशा एक महान गायिका बन गईं, लेकिन उन्होंने मुझे कभी नहीं बताया कि वह गाती हैं. जब मैंने उनका गाना सुना तो मैं चौंक गया, क्योंकि हमारे सभी भाई-बहन दीनानाथ मंगेशकर के सामने गा रहे थे, लेकिन मैंने कभी आशा भोसले को गाते नहीं देखा था.
आशा भोसले ने क्या कहा?
वहीं, आशा भोसले ने कृतज्ञतापूर्वक कहा कि उन्हें अपने जीवन में अनेक लोगों का आशीर्वाद और सहयोग मिला है, आप महिलाओं ने मुझे पार्श्व गायिका बनाया. 'बाला जोजो रे, पापाणी पंखुड़ीत जोफू दे आयुम चि पाखेरे, बाला जोजो रे...' गीत लोकप्रिय होने के बाद मुझे हिंदी में भी काम मिलना शुरू हुआ. मुझे अनेक संगीतकारों के साथ काम करने का अवसर मिला.
इस अवसर पर आशा भोसले ने दिवंगत सुधीर फड़के और यशवंत देव के साथ संगीत के निर्माण की कहानियां सुनाईं. आशा भोसले द्वारा प्रस्तुत सुधीर फड़के और यशवंत देव के गीतों ने दर्शकों की सराहना बटोरी. मंगेशकर परिवार की सावरकर भक्ति किसी से छिपी नहीं है. आशा भोसले ने विनायक दामोदर सावरकर को 'अपना भगवान' बताकर उनकी यादें ताजा कीं.
अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने उसे बड़ा किया है. उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं उसके लिए कोई गाना गाऊंगी. मैंने उसके लिए 'चंदन शिंपीत जा' गाया. फिर 'जीवलगा रहिल रे दूर घर मजान' गाना गाया. उसके बाद मुझे आश्चर्य होता है कि कैसे हृदयनाथ ने 'केंव अती पहाते', 'चांदनीत शर्टना माजा घरलास तू हाट' जैसे गीत रचे."
आशा भोसले ने कहा, "मैं राजनीति नहीं जानती. मुझे अभी भी नहीं पता कि मेरे 80 साल के जीवन में मेरे बारे में कितनी राजनीति की गई है, लेकिन ये नए बच्चे अब थोड़ा-बहुत समझने लगे हैं." इस बीच गायक सोनू निगम ने गुलाब जल से उनके पैर धोए.
वहीं, आशीष शेलार ने कहा कि हम चाहते थे कि आशा भोसले पर लिखी गई किताब बेहतरीन हो. उनका जीवन बहुत कठिन था, उनके जीवन पर बायोपिक बननी चाहिए. इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित संगीत और फिल्म उद्योग से जुड़ी बड़ी संख्या में हस्तियां मौजूद थीं.