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प्रोफेसर मजहर आसिफ ने जामिया के 16वें कुलपति के रूप में संभाला कार्यभार, राष्ट्रपति ने की थी नियुक्ति

-जेएनयू के छात्र रहे हैं प्रोफेसर मजहर आसिफ. -विश्वविद्यालय टॉपर रह चुके हैं मजहर आसिफ . -27 वर्ष का शैक्षणिक अनुभव.

प्रोफेसर मजहर आसिफ जामिया के कुलपति का संभाला कार्यभारआ
प्रोफेसर मजहर आसिफ जामिया के कुलपति का संभाला कार्यभार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 25, 2024, 2:34 PM IST

नई दिल्ली: लगभग एक साल के इंतजार के बाद आखिरकार जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को अपना नियमित कुलपति मिल गया. जेएनयू के प्रोफेसर मजहर आसिफ ने जामिया के 16वें कुलपति के रूप में शुक्रवार को कार्यालय पहुंचकर कार्यभार संभाला. उन्हें मौजूदा कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद शकील ने कार्यभार ग्रहण कराया. इस दौरान विश्वविद्यालय के सभी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे.

इस मौके पर कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद शकील ने कहा कि हम सब लोग आशा करते हैं कि प्रोफेसर मजहर के नेतृत्व में जामिया मिल्लिया इस्लामिया आगे बढ़ेगा और हम अपनी एनआईआरएफ रैंकिंग में भी सुधार करेंगे. उन्होंने कहा कि तीन पैरामीटर पर हमारी एनआईआरएफ रैंकिंग काफी अच्छी रही है और हम बाकी पैरामीटर्स को भी सभी के साथ मिलकर सुधारने का प्रयास करेंगे.

जेएनयू के रहें हैं छात्र: बता दें कि जामिया की विजिटर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वविद्यालय के एक्ट में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल आफ लैंग्वेज के प्रोफेसर मजहर आसिफ को गुरुवार को जामिया का नया कुलपति नियुक्त किया था. उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने से 5 साल या 70 साल की उम्र सीमा पूरी करने तक होगी. वे जेएनयू के ही पूर्व छात्र हैं. साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समिति के भी सदस्य रहे हैं.

विश्वविद्यालय टॉपर रह चुके हैं: बिहार में जन्मे प्रोफेसर मजहर आसिफ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड से ही प्राप्त की. उन्होंने 1985 में 10वीं और 1987 में 12वीं की परीक्षा बिहार बोर्ड से प्रथम श्रेणी में पास की. इसके बाद वर्ष 1991 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से ही बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वर्ष 1993 में कला संकाय से एमए की परीक्षा पास की और विश्वविद्यालय टॉपर रहे.

यह भी पढ़ें- डीयू के 12 कॉलेजों में स्थायी शिक्षकों के 618 पद खाली, दो साल से लंबित है भर्ती प्रक्रिया

कई भाषाओं का है ज्ञान: प्रोफेसर मजहर के पास 27 वर्ष का शैक्षणिक अनुभव है. वहीं प्रोफेसर के पद पर 10 साल से अधिक का अनुभव होने के साथ उन्हें लंबा प्रशासनिक अनुभव भी है. उन्हें भारतीय ज्ञान प्रणाली, सूफीवाद और रहस्यवाद विषय में विशेषज्ञता हासिल है. वो कई विश्वविद्यालय की अकादमी परिषद के सदस्य, कोर्ट मेंबर सहित विभिन्न समितियों के सदस्य हैं. इन सबके अतिरिक्त, वो असमिया, भोजपुरी, अंग्रेजी, हिंदी, फारसी, उर्दू और वज्जिका भाषाओं के जानकार हैं. उन्होंने वर्ष 2002 में 20वीं सदी के प्रथम छमाही के दौरान भारत में फारसी भाष और साहित्य में पीएचडी की थी.

यह भी पढ़ें- जामिया में दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान हुए बवाल के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे हिंदू संगठनों को पुलिस ने खदेड़ा

नई दिल्ली: लगभग एक साल के इंतजार के बाद आखिरकार जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को अपना नियमित कुलपति मिल गया. जेएनयू के प्रोफेसर मजहर आसिफ ने जामिया के 16वें कुलपति के रूप में शुक्रवार को कार्यालय पहुंचकर कार्यभार संभाला. उन्हें मौजूदा कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद शकील ने कार्यभार ग्रहण कराया. इस दौरान विश्वविद्यालय के सभी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे.

इस मौके पर कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद शकील ने कहा कि हम सब लोग आशा करते हैं कि प्रोफेसर मजहर के नेतृत्व में जामिया मिल्लिया इस्लामिया आगे बढ़ेगा और हम अपनी एनआईआरएफ रैंकिंग में भी सुधार करेंगे. उन्होंने कहा कि तीन पैरामीटर पर हमारी एनआईआरएफ रैंकिंग काफी अच्छी रही है और हम बाकी पैरामीटर्स को भी सभी के साथ मिलकर सुधारने का प्रयास करेंगे.

जेएनयू के रहें हैं छात्र: बता दें कि जामिया की विजिटर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वविद्यालय के एक्ट में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल आफ लैंग्वेज के प्रोफेसर मजहर आसिफ को गुरुवार को जामिया का नया कुलपति नियुक्त किया था. उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने से 5 साल या 70 साल की उम्र सीमा पूरी करने तक होगी. वे जेएनयू के ही पूर्व छात्र हैं. साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समिति के भी सदस्य रहे हैं.

विश्वविद्यालय टॉपर रह चुके हैं: बिहार में जन्मे प्रोफेसर मजहर आसिफ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड से ही प्राप्त की. उन्होंने 1985 में 10वीं और 1987 में 12वीं की परीक्षा बिहार बोर्ड से प्रथम श्रेणी में पास की. इसके बाद वर्ष 1991 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से ही बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वर्ष 1993 में कला संकाय से एमए की परीक्षा पास की और विश्वविद्यालय टॉपर रहे.

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कई भाषाओं का है ज्ञान: प्रोफेसर मजहर के पास 27 वर्ष का शैक्षणिक अनुभव है. वहीं प्रोफेसर के पद पर 10 साल से अधिक का अनुभव होने के साथ उन्हें लंबा प्रशासनिक अनुभव भी है. उन्हें भारतीय ज्ञान प्रणाली, सूफीवाद और रहस्यवाद विषय में विशेषज्ञता हासिल है. वो कई विश्वविद्यालय की अकादमी परिषद के सदस्य, कोर्ट मेंबर सहित विभिन्न समितियों के सदस्य हैं. इन सबके अतिरिक्त, वो असमिया, भोजपुरी, अंग्रेजी, हिंदी, फारसी, उर्दू और वज्जिका भाषाओं के जानकार हैं. उन्होंने वर्ष 2002 में 20वीं सदी के प्रथम छमाही के दौरान भारत में फारसी भाष और साहित्य में पीएचडी की थी.

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