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ऑपरेशन ब्लू स्टार की सालगिरह पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे लगे - Pro Khalistan slogans

Pro-Khalistan slogans raised at Golden Temple: पंजाब के स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे लगाने का मामला सामने आया है. इस बीच स्वर्ण मंदिर और आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

Pro-Khalistan slogans raised at Golden Temple
स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे लगे (प्रतिकात्मक फोटो) (IANS)
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By ANI

Published : Jun 6, 2024, 11:22 AM IST

Updated : Jun 6, 2024, 11:58 AM IST

अमृतसर: ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर बृहस्पतिवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिख समुदाय के कई लोगों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए. प्रदर्शनकारी मारे गए अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लिए हुए थे. शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान भी नारे लगाने और स्वर्ण मंदिर परिसर में जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर दिखाते लोगों में शामिल थे.

इस बीच स्वर्ण मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएस रंधावा सिंह ने कहा, 'यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बैरिकेडिंग की गई है. किसी भी अप्रिय घटना पर नजर रखी जा रही है.' भिंडरावाले कट्टरपंथी सिख संगठन दमदमी टकसाल का प्रमुख था. जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान वह अपने हथियारबंद अनुयायियों के साथ मारा गया था.

6 जून 1984, वह दिन था जब पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में सिख उग्रवाद को रोकने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत स्वर्ण मंदिर में धावा बोला था. यह बताया गया कि भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर परिसर में भारी मात्रा में हथियार छिपा रखा था. इस ऑपरेशन की कड़ी आलोचना की गई. महीनों बाद 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों ने उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर हत्या कर दी.

बेअंत सिंह और सतवंत सिंह इंदिरा गांधी के अंगरक्षक थे. उन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी थी. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में बेअंत सिंह (इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों में से एक) के बेटे सरबजीत सिंह खालसा ने आम आदमी पार्टी के नेता करमजीत सिंह अनमोल पर 70,053 मतों के अंतर से फरीदकोट निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की.

इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कुलदीप सिंह बरार, जिन्होंने स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को बाहर निकालने के लिए 1984 के ऑपरेशन ब्लूस्टार का नेतृत्व किया था, ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आतंकवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले को एक प्रकार के फ्रेंकस्टीन राक्षस के रूप में विकसित होने दिया. जब वह शिखर पर पहुंच गया तो उसे खत्म करने का फैसला किया.

1971 के युद्ध के सेवानिवृत्त दिग्गज लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) बरार ने एक न्यूज एजेंसी के साथ साक्षात्कार में कहा, 'कोई भी ऑपरेशन नहीं चाहता, लेकिन आप क्या करते हैं? इंदिरा गांधी ने उन्हें फ्रेंकस्टीन बनने दिया. आप हर साल देख सकते थे कि क्या हो रहा था लेकिन जब वह शिखर पर पहुंच गया तो अब उसे खत्म कर दो, अब उसे नष्ट कर दो. बहुत देर हो चुकी है.' उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने भिंडरावाले पंथ को पनपने दिया. अकाली और कांग्रेस के बीच उनके पास अपनी छोटी सी समस्या थी. उन्होंने भिंडरावाले के इस पंथ को जारी रहने दिया.

ये भी पढ़ें- Khalistan Supporters Protest : कनाडा में बेलगाम खालिस्तान समर्थक, दूतावास के बाहर तिरंगे का अपमान

अमृतसर: ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर बृहस्पतिवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिख समुदाय के कई लोगों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए. प्रदर्शनकारी मारे गए अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लिए हुए थे. शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान भी नारे लगाने और स्वर्ण मंदिर परिसर में जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर दिखाते लोगों में शामिल थे.

इस बीच स्वर्ण मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएस रंधावा सिंह ने कहा, 'यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बैरिकेडिंग की गई है. किसी भी अप्रिय घटना पर नजर रखी जा रही है.' भिंडरावाले कट्टरपंथी सिख संगठन दमदमी टकसाल का प्रमुख था. जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान वह अपने हथियारबंद अनुयायियों के साथ मारा गया था.

6 जून 1984, वह दिन था जब पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में सिख उग्रवाद को रोकने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत स्वर्ण मंदिर में धावा बोला था. यह बताया गया कि भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर परिसर में भारी मात्रा में हथियार छिपा रखा था. इस ऑपरेशन की कड़ी आलोचना की गई. महीनों बाद 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों ने उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर हत्या कर दी.

बेअंत सिंह और सतवंत सिंह इंदिरा गांधी के अंगरक्षक थे. उन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी थी. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में बेअंत सिंह (इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों में से एक) के बेटे सरबजीत सिंह खालसा ने आम आदमी पार्टी के नेता करमजीत सिंह अनमोल पर 70,053 मतों के अंतर से फरीदकोट निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की.

इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कुलदीप सिंह बरार, जिन्होंने स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को बाहर निकालने के लिए 1984 के ऑपरेशन ब्लूस्टार का नेतृत्व किया था, ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आतंकवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले को एक प्रकार के फ्रेंकस्टीन राक्षस के रूप में विकसित होने दिया. जब वह शिखर पर पहुंच गया तो उसे खत्म करने का फैसला किया.

1971 के युद्ध के सेवानिवृत्त दिग्गज लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) बरार ने एक न्यूज एजेंसी के साथ साक्षात्कार में कहा, 'कोई भी ऑपरेशन नहीं चाहता, लेकिन आप क्या करते हैं? इंदिरा गांधी ने उन्हें फ्रेंकस्टीन बनने दिया. आप हर साल देख सकते थे कि क्या हो रहा था लेकिन जब वह शिखर पर पहुंच गया तो अब उसे खत्म कर दो, अब उसे नष्ट कर दो. बहुत देर हो चुकी है.' उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने भिंडरावाले पंथ को पनपने दिया. अकाली और कांग्रेस के बीच उनके पास अपनी छोटी सी समस्या थी. उन्होंने भिंडरावाले के इस पंथ को जारी रहने दिया.

ये भी पढ़ें- Khalistan Supporters Protest : कनाडा में बेलगाम खालिस्तान समर्थक, दूतावास के बाहर तिरंगे का अपमान
Last Updated : Jun 6, 2024, 11:58 AM IST
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