देहरादून (उत्तराखंड): इस बार बाबा केदारनाथ के कपाट 10 मई की सुबह 7 बजे खुलेंगे. वहीं बदरीनाथ के कपाट 12 मई को खुलेंगे. जिसके लिए तैयारियों जोरों पर चल रही हैं. प्रदेश के 17 विभाग चारधाम यात्रा से संबंधित तमाम व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुटे हुए हैं. ताकि उत्तराखंड चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो. आगामी चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार किन-किन मुख्य बिंदुओं पर फोकस कर रही है, क्या है विभागों की ओर से तैयारियां? पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट...
10 मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही 10 मई को बाबा केदारनाथ और 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार अभी से ही व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने पर जोर दे रही है, ताकि चारधाम की यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया जा सके. ताकि यात्रा में रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो.
इसके लिए चारधाम यात्रा से संबंधित करीब 17 से अधिक विभागों ने अपने अपने रोडमैप तैयार कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गए हैं. चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटन विभाग बतौर नोडल विभाग काम करता है. इसके अलावा लोक निर्माण विभाग, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही तमाम अन्य विभाग श्रद्धालुओं के लिए तमाम व्यवस्थाओं को करते हैं. ताकि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु सुगमता और सुरक्षित ढंग से अपनी यात्रा को संपन्न कर सके. इसके साथ ही यात्रा संचालन में जिला प्रशासन की भी अहम भूमिका होती है.
पुलिस विभाग: चारधाम यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो, इसमें पुलिस विभाग की बड़ी भूमिका होती है. ऐसे में यात्रा के दौरान धामों और यात्रा मार्गों पर एसडीआरएफ, पुलिस बल, जल पुलिस, गोताखोर, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जाएगी. यात्रा शांतिपूर्वक, सफलतापूर्वक और सुरक्षित संपन्न हो इसके लिए पुलिस विभाग संचालन प्लान तैयार कर रहा है. इसके अलावा, चारधाम यात्रा मार्गों पर अस्थायी पुलिस चौकी बनाने के लिए जगह भी चिन्हित कर रहा है. यात्रा सीजन के दौरान वाहनों की चेकिंग की जिम्मेदारी भी पुलिस विभाग की होगी.
लोक निर्माण विभाग: चारधाम यात्रा मार्ग की तमाम सड़कें उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के अधीन हैं. ऐसे में यात्रियों को यात्रा के दौरान असुविधा न हो इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने सड़कों की स्थिति जानने के साथ ही सुधारीकरण का कार्य शुरू में जुटा है. साथ ही डीजीबीआर के अधीन आने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य भी किया जाएगा. पीडब्ल्यूडी विभाग जल्द ही मार्गों में क्रैश बैरियर और साइनेज की स्थिति को जानने के साथ ही इन कार्यों को पूरा करेगा. अधिकांश मार्ग अवरुद्ध होने क्षेत्रों में जेसीबी मशीनें भी तैनात की जाएगी, ताकि मार्ग अवरूद्ध होने पर मार्ग तत्काल खोला जा सके. इसके अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग को इस बाबत भी निर्देश दिए गए हैं कि डंपिंग जोन को समतल किया जाए, ताकि जाम के दौरान भारी वाहनों की पार्किंग की जा सके.
परिवहन विभाग: चारधाम यात्रा के दौरान विभाग विभाग की एक बड़ी भूमिका होती है. ऐसे में परिवहन विभाग ने पिछले यात्रा सीजन को देखते हुए आगामी चारधाम यात्रा के लिए बसों और टैक्सियों के जरूरत का आकलन शुरू कर दिया है. ताकि यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए पर्याप्त बसों का संचालन किया जा सके. इसके साथ ही परिवहन विभाग व्यवसायिक, अस्थाई चेक पोस्टों और कंट्रोल रूम बनाएगा. ताकि व्यवसायिक वाहनों को फिटनेस प्रमाण-पत्र, ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड समय से जारी किया जा सके. यात्रा शुरू होने से पहले परिवहन विभाग, चालकों, ट्रैवल एजेंसियों के लिए क्या करें, क्या न करें से संबंधित तमाम जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी करेगा. पिछले साल यात्रा के दौरान जारी किए गए दिशा-निर्देश में इस साल परिवहन विभाग कुछ संशोधन करने पर भी जोर दे रहा है.
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के तहत चारधाम यात्रा सीजन में यात्रा मार्ग और धामों में खाद्य सामग्री की उपलब्धता के साथ ही समय पर खाद्य सामग्री उपलब्ध हो इसपर ध्यान देना. इसके अलावा, पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल,सीएनजी और गैस सिलेंडर की कमी न हो, इसके लिए इस विभाग ने रोडमैप तैयार करने शुरू कर दिए हैं.
चिकित्सा विभाग: चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी भूमिका है. क्योंकि चारों धाम काफी अधिक ऊंचाई पर मौजूद है. साथ ही धामों में तापमान भी काफी कम रहता है. जिसके चलते यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं होती हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने को लेकर चारधाम यात्रा मार्गों पर अस्थायी चिकित्सा केन्द्र बनाए जायेंगे. जहां पर डॉक्टरों की टीम के साथ ही जीवन रक्षक दवाइयां, उपकरण, पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर और एम्बुलेंस, एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती की जाएगी. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलावटी खाद्य पदार्थों की चेकिंग भी की जाएगी, ताकि यात्रियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना किया जा सके. चारधाम की यात्रा शुरू होने से पहले स्वास्थ्य विभाग श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ एडवाइजरी भी जारी करेगा.
शहरी विकास विभाग: चारधाम यात्रा के दौरान शहरी विकास विभाग की मुख्य भूमिका साफ सफाई की होगी. सभी स्थानीय निकायों, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषदों की ओर से साफ-सफाई व्यवस्था, दैनिक सफाई कर्मचारियों की तैनाती के साथ ही स्थानीय निकाय क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट, नालियों की साफ-सफाई के काम किए जायेंगे. इसके साथ ही ठोस कूड़ा प्रबंधन की जिम्मेदारी भी शहरी विकास विभाग के पास होगी. जिसके चलते शहरी विकास विभाग ने रोडमैप तैयार करने शुरू कर दी है.
ऊर्जा विभाग: यात्रा सीजन के दौरान धामों में 24 घंटे बिजली की सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए पहले ही सरकार की ओर से ऊर्जा विभाग को दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं. जिसके तहत यात्रा शुरू होने से पहले ही ऊर्जा विभाग बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था को मुकम्मल करेगा. उरेडा की ओर से विद्युत आपूर्ति के साथ ही आवश्यक अतिरिक्त जनरेटरों की व्यवस्था के साथ ही तमाम जगहों पर सोलर लाइटें भी लगाए जाएंगी. ताकि यात्रा मार्गों पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो सके.
पेयजल विभाग: धर्मों में आने वाले यात्रियों को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सके. इसके लिए हर साल की तरह इस साल भी पेयजल विभाग की ओर से पेयजल की आपूर्ति की जाएगी. यात्रा मार्गों पर जगह-जगह पर पेयजल सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा लोगों को पेयजल सुविधा की जानकारी मिले. इसके लिए 50 से 100 मीटर पहले पेयजल विभाग की ओर से साइनेज भी लगाए जाएंगे. यात्रियों को लगातार शुद्ध पेयजल जल मिलता रहे, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाएगी.
आपदा प्रबंधन विभाग: चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को मौसम की जानकारी के साथ ही अन्य तमाम जानकारियां उपलब्ध हो सके इसके अलावा किसी भी घटना के दौरान तत्काल राहत बचाव के कार्य किया जा सके. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 24 घंटे आपदा कंट्रोल रूम का संचालन किया जाएगा. मुख्य रूप से आपदा प्रबंधन विभाग सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का काम करेगा, ताकि आपदा की स्थिति में संबंधित विभागों तक जानकारी पहुंचाई जा सके.
जिला प्रशासन: चारधाम यात्रा के दौरान जिला प्रशासन की एक बड़ी भूमिका होती है क्योंकि धाम से संबंधित जिला प्रशासन यात्रा का संचालन करता है. ऐसे में पैदल मार्ग गौरीकुंड-केदारनाथ, जानकी चट्टी-यमुनोत्री के लिए जरूरत के अनुसार घोडे-खच्चरों एवं डंडे-कंडी की व्यवस्था कर उनकी दरों को तय करेगा. केदारनाथ धाम में विशेषकर दोपहर 2 बजे के बाद मौसम बदलने के चलते ठंडक हो जाती है. लिहाजा ठंड से बचने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था की जाएगी. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए पर्यटक सुरक्षा मित्र की तैनाती भी जिला प्रशासन करेगा. जिला स्तर पर कंट्रोल रूम का संचालन करने के साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए तमाम जगहों पर साइनेज लगाए जाएंगे.
बदरी-केदार मंदिर समिति: धाम परिसर में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए तमाम व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी बदरी केदार मंदिर समिति की होती है. जिसके तहत बीकेटीसी की ओर से ऑनलाइन पूजा की बुकिंग और वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा. धामों पर दर्शन के लिए कतार प्रबंधन को लेकर टोकन व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए बीकेटीसी की ओर से साइनेज की व्यवस्था की जाएगी.
पर्यटन विभाग: चारधाम यात्रा को बेहतर ढंग से संचालित और संपन्न कराए जाने को लेकर पर्यटन विभाग ने कमर कस ली है. दरअसल, चारधाम यात्रा के लिए पर्यटन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. चारधाम में आने वाले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन, व्हाट्सएप और फोन कॉल पर भी सुविधा मिलेगी. हालांकि, यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के दर्शन को लेकर टोकन की व्यवस्था करेगा. इसके अलावा पर्यटन विभाग की ओर से चारधाम यात्रा का बृहद स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु चारधाम के दर्शन करने उत्तराखंड पहुंचे.
नागरिक उड्डयन विभाग: उत्तराखंड चारधाम की यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है. 10 मई को ही बाबा केदारनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहे हैं. ऐसे में केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं का संचालन एक बड़ी चुनौती होती है, यात्रा सीजन के दौरान नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से केदारनाथ धाम तक के लिए हेली सेवाओं का संचालन किया जाएगा. इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. पिछले साल की तरह ही इस साल भी नौ होली कंपनियां सेवाएं देंगी. हालांकि 8 हेली कंपनियां पहले से ही चयनित हैं. ऐसे में एक अन्य हेली कंपनी को चयनित करने के लिए विभाग की ओर से कार्रवाई की जा रही है. इस सीजन भी आईआरसीटीसी के जरिए हेली सेवाओं की बुकिंग की जाएगी.
गढ़वाल मंडल विकास निगम: चारधाम यात्रा के दौरान तमाम श्रद्धालु जीएमवीएनएल गेस्ट हाउस का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में गढ़वाल मंडल विकास निगम धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर, गेस्ट हाउस को व्यवस्थित करने का काम करेगा. इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, ताकि घर बैठे ही पर्यटक पहले ही ऑनलाइन बुकिंग कर सके.
संचार की मिलेगी सुविधा: आईटीडीए (Information Technology Development Agency) की ओर से चारधाम समेत हेमकुंड साहिब में बेहतर टेलीकम्युनिकेशन की व्यवस्था यात्रियों को मिल सके, इसके लिए नेटवर्क फ्रीक्वेंसी को बेहतर किया जाएगा. इसके अलावा आईटीडीए की ओर से मंदिर परिसर समेत अन्य स्थानों पर वाई-फाई की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि यात्रियों को इसका फायदा मिल सके.
पशुपालन विभाग: हर साल चारधाम यात्रा के दौरान बाबा केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में संचालित होने वाले घोड़े खच्चर के मौत के तमाम मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में घोड़े खच्चरों को होने वाली बीमारियों की रोकथाम को लेकर को लेकर पैदल मार्गों पर पशु चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी. ताकि समय रहते बेजुबान जानवरों को बचाया जा सके.
समस्त जिलाधिकारी गढ़वाल: यात्रा व्यवस्था से जुड़े जिलाधिकारियों के स्तर से उनके जिले में पड़ने वाले मार्गों, पड़ावों पर ग्रीष्मकालीन यात्रा-2024 को और अधिक सहज, सुगम, सुखद और सुरक्षित बनाएंगे. वहीं सूचना विभाग द्वारा उत्तराखंड चारधाम की यात्रा के दौरान अधिक से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने आए इसके लिए सूचना विभाग की ओर से प्रचार प्रसार किया जाएगा.
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