दंतेवाड़ा: सुरक्षा बल के जवान एक बार फिर ग्रामीणों के लिए देवदूत बनकर सामने आए. दर्द से तड़प रही गर्भवती महिला को जवानों ने कांवर में डालकर अस्पताल तक पहुंचाया. गर्भवती महिला को अगर समय पर इलाज नहीं मिलता तो उसकी जान भी जा सकती थी. दरअसल जवानों की टीम रुटीन सर्चिंग अभियान पर निकली थी. फोर्स जब लोहा गांव के पहुंची तो जवानों ने देखा कि गांव के लोग परेशान हैं. टीम ने तुरंत गांव वालों से बात की. ग्रामीणों ने बताया कि गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती कराना है. गांव वालों के पास अस्पताल पहुंचाने का कोई साधन नहीं था. जवानों ने महिला को कांवर में बिठाकर दस किलोमीटर का सफर तय कर अस्पताल पहुंचाया.
देवदूत बने डीआरजी के जवान: गर्भवती महिला को जवानों ने अस्पताल पहुंचाने के बाद डॉक्टरों से मरीज की उचित देखभाल करने की भी गुजारिश की. फोर्स ने महिला के साथ आए परिजनों को भरोसा दिलाया कि अगर प्रसूता को कोई दिक्कत होती है तो वो मदद के लिए तैयार हैं. जवानों की मदद को देखकर गांव वाले गदगद हो गए. प्रसूता के परिजनों ने जवानों के धन्यवाद देते हुए कहा कि जबतक आप है तबतक हम सुरक्षित हैं.
बस्तर में चल रहा है नक्सल विरोधी अभियान: पूरे बस्तर में इन दिनों नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. नक्सल विरोधी अभियान में जवान अपनी ड्यूटी तो कर ही रहे हैं साथ साथ गांव वालों की मदद भी कर रहे हैं. नक्सली संगठन अक्सर गांव वालों को जवानों के खिलाफ भड़काते हैं. गांव वालों के ये बताते हैं कि जवान उनके दुश्मन हैं. जवानों की मदद की ये तस्वीरें अब नक्सलियों के दावों को खोखला साबित कर रही हैं. जवान जिस तरह से मुश्किल हालात में ड्यूटी कर लोगों की मदद कर रहे हैं उसे देख गांव वाले भी अब सलाम कर रहे हैं.