भीलवाड़ा. अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया बुधवार को भीलवाड़ा पहुंचे, जहां हिंदू संगठन के पदाधिकारी गोपाल तेली के निवास पर उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान प्रेस से मुखातिब होते हुए तोगड़िया ने कहा कि हमें पीओके चाहिए, लेकिन बिना वहां के लोगों के. वहीं, उन्होंने कहा कि राम मंदिर के बाद आब काशी और मथुरा की बारी है.
वहीं, इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 पूर्ण होने जा रहा है. इस बार चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत कम रहा है, यह सभी के लिए चिंता का विषय है. कम वोटिंग का प्रमुख कारण मतदाताओं में उत्साह का अभाव है. राजनीतिक दलों के प्रति लोगों में विश्वास की कमी आई है. अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल ने राम मंदिर का अंतिम संघर्ष वर्ष 2018 में एक लाख लोगों को लेकर किया. यह संघर्ष 500 वर्षों से चल रहा था.
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देश में सभी पार्टियों के प्रति मतदाताओं का विश्वास डिग रहा है. कल तक जो नेता कांग्रेस में था, वह भाजपा का कैंडिडेट बन जाता है और जो भाजपा में था वह कांग्रेस का कैंडिडेट बन जाता है. मोदी और शाह 400 पार का दावा कर रहे हैं, जिस पर प्रवीण तोगड़िया ने सवाल को टालते हुए कहा कि मैं तो कैंसर का सर्जन हूं. कैंसर के मरीज के कान में कह सकता हूं कि यह कितने साल जिएगा. वहीं, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटी है, राम मंदिर बना है लेकिन कश्मीरी हिंदू घर में नहीं गए हैं. जबकि बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में बैठे हैं. ऐसे में परिणाम थोड़ा अच्छा है, लेकिन थोड़ी इच्छा रखते हैं कि कुछ काम आगे चलकर पूरे हो जाएंगाे.
पीओके पर दिया ये जवाब : चुनाव में नेता कह रहे हैं कि पीओके को लेकर रहेंगे, इस सवाल पर प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि पीओके के बारे में हमारा स्पष्ट मानना है कि मुसलमान के साथ हमे पीओके नहीं चाहिए. पीओके के लोगों को वहां भूखे मरने दो. इसी पीओके में मुसलमानों ने वर्ष 1947 में हिंदुओं पर अत्याचार करते हुए उन्हें भगाया था. भागने वालों में एक जनसंघ के स्थापक भी थे.
हमें पीओके चाहिए, लेकिन वहां के लोगों के बिना. उनको मार कर अफगानिस्तान भगा दो, जैसे इजराइल ने किया और पीओके भारत में लो. पीओके मुसलमान सहित भारत में लाना, भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने जैसा है. मुसलमान विहीन पीओके भारत मे लाना है और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है. इसलिए पीओके की धरती चाहिए, वहां के लोग नहीं.