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लोकसभा चुनाव: प्रशांत किशोर की बड़ी भविष्यवाणी, बोले- भाजपा को 400 सीटें नहीं मिलेंगी - Lok Sabha Election 2024

Prashant Kishor Prediction on Lok Sabha Polls 2024: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की है कि भाजपा इस बार भी 300 सीटें जीत सकती है, लेकिन 400 सीटें नहीं मिलेंगी. साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता में वापसी की संभावना जताई. पढ़ें पूरी खबर.

Prashant Kishor
प्रशांत किशोर. (फोटो- ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 14, 2024, 3:42 PM IST

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण की वोटिंग के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ी भविष्यवाणी की है. पीके के नाम से मशहूर किशोर का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा तीसरी बार सत्ता में वापसी कर सकती है. एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पीके ने कहा कि भाजपा के 300 सीटों के मौजूदा संख्याबल को बरकरार रहने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा आम चुनाव में उत्तर और पश्चिम राज्यों में भाजपा की सीटों में कोई बड़ी गिरावट नहीं दिख रही है. चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि भाजपा इस बार 200 सीट भी जीत नहीं पाएगी, उन्हें बताना चाहिए- भाजपा मौजूदा 100 सीटें कहां हार रही है. पीके ने कहा, दक्षिण और पूर्व में भाजपा का वोट शेयर और सीटें बढ़ेंगी. अगर आप सब कुछ मिलाकर देखेंगे, तो आज भाजपा के पास लगभग 300 सीटें हैं. मुझे इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा को 400 सीटें नहीं मिलेंगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह 200 से नीचे आ जाएगी. ऐसा होने के लिए, भाजपा को उत्तर और पश्चिम राज्यों में 100 सीटें खोनी होंगी. जो लोग ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं कि बीजेपी 200 सीटें जीत नहीं पाएगी. उन्हें बताना चाहिए- बीजेपी ये 100 सीटें कहां हार रही है.

तेलंगाना में कांग्रेस-भाजपा को 6-9 सीटें मिल सकती हैं...
तेलंगाना में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर के संबंध में पीके ने कहा कि दोनों पार्टियां आधी-आधी सीटें जीत सकती हैं. उन्होंने कहा कि दोनों दल दो सीटें कम या ज्यादा जीत सकते हैं. पीके ने कहा कि तेलंगाना में बीजेपी और कांग्रेस 6-9 सीटें जीत सकती हैं.

तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं. 2019 के आम चुनाव में, भाजपा लगभग 20 प्रतिशत वोट शेयर के साथ चार सीटें जीती थी. पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव की बीआरएस के नेताओं में भगदड़ मचने से भाजपा और कांग्रेस को फायदा मिलने की उम्मीद है. बीआरएस ने 2019 में लगभग 42 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 17 लोकसभा सीटों में से 9 सीटें जीती थीं. नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीआरएस को हार का सामना करना पड़ा और वह 119 में से केवल 39 सीटें ही हासिल कर सकी. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं और उसका वोट शेयर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 39.40 प्रतिशत हो गया है.

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उन्होंने कहा कि मौजूदा आम चुनाव में उत्तर और पश्चिम राज्यों में भाजपा की सीटों में कोई बड़ी गिरावट नहीं दिख रही है. चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि भाजपा इस बार 200 सीट भी जीत नहीं पाएगी, उन्हें बताना चाहिए- भाजपा मौजूदा 100 सीटें कहां हार रही है. पीके ने कहा, दक्षिण और पूर्व में भाजपा का वोट शेयर और सीटें बढ़ेंगी. अगर आप सब कुछ मिलाकर देखेंगे, तो आज भाजपा के पास लगभग 300 सीटें हैं. मुझे इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा को 400 सीटें नहीं मिलेंगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह 200 से नीचे आ जाएगी. ऐसा होने के लिए, भाजपा को उत्तर और पश्चिम राज्यों में 100 सीटें खोनी होंगी. जो लोग ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं कि बीजेपी 200 सीटें जीत नहीं पाएगी. उन्हें बताना चाहिए- बीजेपी ये 100 सीटें कहां हार रही है.

तेलंगाना में कांग्रेस-भाजपा को 6-9 सीटें मिल सकती हैं...
तेलंगाना में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर के संबंध में पीके ने कहा कि दोनों पार्टियां आधी-आधी सीटें जीत सकती हैं. उन्होंने कहा कि दोनों दल दो सीटें कम या ज्यादा जीत सकते हैं. पीके ने कहा कि तेलंगाना में बीजेपी और कांग्रेस 6-9 सीटें जीत सकती हैं.

तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं. 2019 के आम चुनाव में, भाजपा लगभग 20 प्रतिशत वोट शेयर के साथ चार सीटें जीती थी. पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव की बीआरएस के नेताओं में भगदड़ मचने से भाजपा और कांग्रेस को फायदा मिलने की उम्मीद है. बीआरएस ने 2019 में लगभग 42 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 17 लोकसभा सीटों में से 9 सीटें जीती थीं. नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीआरएस को हार का सामना करना पड़ा और वह 119 में से केवल 39 सीटें ही हासिल कर सकी. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं और उसका वोट शेयर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 39.40 प्रतिशत हो गया है.

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