पटना : लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है राजनीतिक दलों ने भी जंग-ए-मैदान में कूदने की तैयारी कर ली है. बिहार बैटलफील्ड बनने जा रहा है. राजनीतिक दलों ने विरोधियों को मात देने के लिए जहां एक ओर एजेंडा तैयार कर लिया है, वहीं कई सूरमा आने वाले दिनों में बिहार के चुनावी चौसर पर दिखेंगे. लोकसभा चुनाव के लिए बिहार बैटलफील्ड बन चुका है. हालांकि चुनाव की घोषणा से पहले ही राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव का आगाज कर दिया था. एक ओर जहां पीएम मोदी और अमित शाह ने हुंकार भरी थी तो वहीं दूसरी तरफ पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में महागठबंधन की ओर से भी भीड़ जुटा कर शक्ति प्रदर्शन किया गया था.
बिहार में सात चरण में चुनाव : अब जबकि चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है और सात चरण में चुनाव होने हैं. ऐसे में दोनों ही गठबंधन सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. बिहार में राजनीतिक शतरंज की विसात के लिए मोहरे तैयार हैं. कौन-कौन से नेता बिहार के बैटलफील्ड में उतरेंगे इसकी झांकी पहले ही देखने को मिल चुकी है. क्षेत्र विशेष में जातिगत आधार पर भी नेताओं को जंगे मैदान में उतरने की तैयारी है.
बिहार बनेगा बैटल ग्राउंड : पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की टीम ने आगामी चुनाव को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है. चुनाव से ठीक पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम को अधिसूचित कर मोदी सरकार ने सबको हैरत में डाल दिया. एनडीए की नजर 80% वोट शेयर पर है और पिछड़ा, अति पिछड़ा वोट बैंक एनडीए के लिए सफलता का मंत्र साबित होने वाला है. बिहार के अंदर मंत्रिमंडल विस्तार और विधान परिषद चुनाव में इसकी बानगी देखने को मिली थी.
NDA के मुद्दे : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से जहां चुनाव प्रचार अभियान की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभालेंगे, वहीं रणनीतिकार के तौर पर गृह मंत्री अमित शाह उनके सारथी होंगे. इसके अलावा राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ और मोहन यादव भी चुनाव प्रचार में दिखेंगे. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एनडीए के स्टार प्रचारक होंगे और सुशासन के मंत्र की बदौलत एनडीए को 40 सीट पर जीत दिलाने की कोशिश करेंगे. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए तीन तलाक, धारा 370 अयोध्या मंदिर निर्माण और सीएए तुरूप का एक का साबित होने वाला है.
विपक्ष को घेरने की तैयारी : लाभार्थियों तक योजनाओं के लाभ के मसले को भी भाजपा भुनाइगी. वहीं जेडीयू नीतीश कुमार द्वारा किए गए विकास कार्य और सीतामढ़ी में राम जानकी मंदिर का मुद्दा जोर-जोर से उठेगी. इसके अलावा सुशासन और युवाओं को नौकरी देने के मसाले को लेकर भी नीतीश कुमार जनता के बीच जाएंगे. यही नहीं एनडीए नेता लालू परिवार के भ्रष्टाचार, परिवारवाद और जंगल राज को भी मुद्दा बनाने वाले हैं. इसके संकेत चुनाव की घोषणा से पूर्व मिल चुके हैं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपने तेवर से स्पष्ट भी कर दिये हैं.
INDIA ब्लॉक के मुद्दे : बिहार में महागठबंधन भी एनडीए से मुकाबले के लिए तैयार है युवा नेता तेजस्वी यादव ने एजेंडा सेट कर रखा है. 17 साल बनाम 17 महीने के स्लोगन को लेकर महागठबंधन नेता आगे बढ़ाने वाले हैं. जिस तरीके से चार लाख शिक्षकों को नौकरी दी गई उसका श्रेय तेजस्वी यादव खुद ले रहे हैं और तेजस्वी का मतलब रोजगार बताया जा रहा है. महागठबंधन नेता महंगाई के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है, किसानों की आय अब तक दुगनी नहीं हुई, इस मुद्दे को भी महागठबंधन नेता जोर शोर से उठाने की तैयारी कर रहे हैं. 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने के मसले पर भी एनडीए को घेरा जाएगा.
बिहार में दिखेंगे INDIA ब्लॉक के ये सूरमा : राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार बैटलफील्ड बनने जा रहा है. तमाम सूरमा बिहार के मैदान में उतरने वाले हैं. राहुल गांधी, सोनिया गांधी, लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, डी राजा, सीताराम येचुरी चुनाव के मैदान में दिखने वाले हैं. तेजस्वी यादव जहां रोजगार के मसले पर बात करेंगे, वहीं एनडीए नेता केंद्र की उपलब्धियां का हवाला देंगे.
क्या कहते हैं जानकार? : वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने कहा है कि ''इस बार चुनाव में रोजगार बड़ा मुद्दा बनने वाला है. रोजगार की पिच पर ही राजनेता बैटिंग करते दिखेंगे.'' रवि उपाध्याय ने कहा कि ''तमाम बड़े नेता तेजस्वी यादव, राहुल गांधी. सोनिया गांधी, कन्हैया कुमार के अलावा चिराग पासवान चुनाव के मैदान में दिखेंगे.''
वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि ''इस बार बिहार में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. भाजपा जहां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी, वहीं नीतीश कुमार सीतामढ़ी के राम जानकी मंदिर का भी जिक्र करेंगे. कोशिश या भी होगी कि बिहार में रोजगार का श्रेय नीतीश कुमार को मिले तेजस्वी भी श्रेय लेने की कोशिश करेंगे.''
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