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उत्तरकाशी मस्जिद विवाद बड़ी खबर, उपद्रवियों से होगी नुकसान की भरपाई, खंगाले जा रहे CCTV फुटेज

उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद में शामिल उपद्रवियों से पुलिस नुकसान की भरपाई करेगी.

Uttarkashi mosque dispute
उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद में शामिल उपद्रवियों से पुलिस नुकसान की भरपाई करेगी (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 26, 2024, 8:46 PM IST

Updated : Oct 26, 2024, 10:18 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 55 साल पुरानी मस्जिद को लेकर उठे विवाद पर धार्मिक संगठनों का आक्रोश बना हुआ है. धार्मिक संगठनों ने नवंबर माह में महापंचायत बुलाई है. हालांकि, विवाद के दो दिन बाद अब उत्तरकाशी में माहौल शांत है और पुलिस चौकसी के बीच बाजार खोल दिए गए हैं. वहीं विवाद के दौरान हुए सरकारी संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रशासन कार्रवाई शुरू करने जा रहा है.

ये है मामला: 24 अक्टूबर की सुबह कई धार्मिक संगठनों ने बाड़ाहाट क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद को अवैध बताते हुए प्रदर्शन किया. संगठनों ने आरोप लगाया कि शहर में बनी मस्जिद अवैध है. प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की. लेकिन भीड़ कार्रवाई की बात पर अड़ी रही. 24 अक्टूबर दोपहर बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की. पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए भीड़ को तितर बितर किया और हालात को अपने काबू में लिया. इसके बाद पथराव के आरोप में 200 से ज्यादा लोगों पर मुकदमा दर्ज किया. अब पुलिस वीडिओ फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की तलाश कर रही है.

पुलिस की मौजूदगी में खुला बाजार: वहीं पथराव के बाद पुलिस ने इलाके में धारा 163 लागू की. घटना के दो दिन बाद 26 अक्टूबर को उत्तरकाशी में पुलिस की मौजूदगी में बाजार खोला गया. लेकिन विरोध में कई कई दुकानें बंद भी रहीं. दीपावली पर लोगों को परेशानी ना हो इसलिए व्यापारियों ने प्रशासन की बात को माना और शांति के साथ बाजार भी खोला. उधर उत्तरकाशी में हुई इस पूरी घटनाक्रम पर राज्य की सत्ताधारी दल भाजपा के नेता ही प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

Uttarkashi mosque dispute
उत्तरकाशी मस्जिद विवाद के दो दिन भी खुले बाजार (PHOTO- ETV Bharat)

अपने ही उठा रहे सवाल: हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर प्रशासन अपना काम सही तरीके से सही समय पर और पूरी निष्पक्षता के साथ करता तो यह घटना रोकी जा सकती थी. माकपा के सचिव इंद्रेश मैखुरी ने भी इस पूरे मामले पर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. कहा कि उत्तरकाशी जिला प्रशासन की भूमिका शुरू से ही इस मामले में संदिग्ध रही है. कैसे इतनी भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए ? और क्या पुलिस और प्रशासन को यह पता नहीं लग पाया कि भीड़ की मंशा क्या है?

Uttarkashi mosque dispute
पुलिस की इलाके में कड़ी नजर (PHOTO- ETV Bharat)

दंगा कानून के तहत होगी कार्रवाई: 200 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अब पुलिस वीडियो फुटेज के माध्यम से लोगों की ढूंढ़ने में जुटी हुई है. उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि उत्तरकाशी की इस पूरी घटना पर पुलिस शक्ति से पेश आ रही है. निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून के तहत उन सभी लोगों के ऊपर कारवाई की जाएगी जो भीड़ की शक्ल में हंगामा और पथराव कर रहे थे. जितनी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान या पुलिस कर्मियों को चोट पहुंची है, उसके लिए भीड़ में मौजूद लोगों से वसूली की जाएगी.

पुलिस विभाग ने दीपावली के पर्व को देखते हुए देहरादून और अन्य जनपदों से भी उत्तरकाशी में पुलिस फोर्स को रवाना किया है. ताकि त्योहार की आड़ में किसी तरह की घटना दोबारा उत्तरकाशी में ना घटित हो.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों की महारैली, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका, मस्जिद को लेकर मचा है बवाल

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी: मस्जिद को लेकर बवाल, पुलिस पर पथराव, कई घायल, फोर्स ने किया लाठीचार्ज

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी मस्जिद विवाद, 208 लोगों पर मुकदमा दर्ज, सुरक्षा बलों ने शहर में निकाल फ्लैग मार्च

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी मस्जिद विवाद: प्रेस वार्ता बुलाने वाले धार्मिक संगठन के 3 पदाधिकारी गिरफ्तार, आज खुल गए बाजार

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 55 साल पुरानी मस्जिद को लेकर उठे विवाद पर धार्मिक संगठनों का आक्रोश बना हुआ है. धार्मिक संगठनों ने नवंबर माह में महापंचायत बुलाई है. हालांकि, विवाद के दो दिन बाद अब उत्तरकाशी में माहौल शांत है और पुलिस चौकसी के बीच बाजार खोल दिए गए हैं. वहीं विवाद के दौरान हुए सरकारी संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रशासन कार्रवाई शुरू करने जा रहा है.

ये है मामला: 24 अक्टूबर की सुबह कई धार्मिक संगठनों ने बाड़ाहाट क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद को अवैध बताते हुए प्रदर्शन किया. संगठनों ने आरोप लगाया कि शहर में बनी मस्जिद अवैध है. प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की. लेकिन भीड़ कार्रवाई की बात पर अड़ी रही. 24 अक्टूबर दोपहर बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की. पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए भीड़ को तितर बितर किया और हालात को अपने काबू में लिया. इसके बाद पथराव के आरोप में 200 से ज्यादा लोगों पर मुकदमा दर्ज किया. अब पुलिस वीडिओ फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की तलाश कर रही है.

पुलिस की मौजूदगी में खुला बाजार: वहीं पथराव के बाद पुलिस ने इलाके में धारा 163 लागू की. घटना के दो दिन बाद 26 अक्टूबर को उत्तरकाशी में पुलिस की मौजूदगी में बाजार खोला गया. लेकिन विरोध में कई कई दुकानें बंद भी रहीं. दीपावली पर लोगों को परेशानी ना हो इसलिए व्यापारियों ने प्रशासन की बात को माना और शांति के साथ बाजार भी खोला. उधर उत्तरकाशी में हुई इस पूरी घटनाक्रम पर राज्य की सत्ताधारी दल भाजपा के नेता ही प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

Uttarkashi mosque dispute
उत्तरकाशी मस्जिद विवाद के दो दिन भी खुले बाजार (PHOTO- ETV Bharat)

अपने ही उठा रहे सवाल: हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर प्रशासन अपना काम सही तरीके से सही समय पर और पूरी निष्पक्षता के साथ करता तो यह घटना रोकी जा सकती थी. माकपा के सचिव इंद्रेश मैखुरी ने भी इस पूरे मामले पर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. कहा कि उत्तरकाशी जिला प्रशासन की भूमिका शुरू से ही इस मामले में संदिग्ध रही है. कैसे इतनी भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए ? और क्या पुलिस और प्रशासन को यह पता नहीं लग पाया कि भीड़ की मंशा क्या है?

Uttarkashi mosque dispute
पुलिस की इलाके में कड़ी नजर (PHOTO- ETV Bharat)

दंगा कानून के तहत होगी कार्रवाई: 200 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अब पुलिस वीडियो फुटेज के माध्यम से लोगों की ढूंढ़ने में जुटी हुई है. उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि उत्तरकाशी की इस पूरी घटना पर पुलिस शक्ति से पेश आ रही है. निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून के तहत उन सभी लोगों के ऊपर कारवाई की जाएगी जो भीड़ की शक्ल में हंगामा और पथराव कर रहे थे. जितनी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान या पुलिस कर्मियों को चोट पहुंची है, उसके लिए भीड़ में मौजूद लोगों से वसूली की जाएगी.

पुलिस विभाग ने दीपावली के पर्व को देखते हुए देहरादून और अन्य जनपदों से भी उत्तरकाशी में पुलिस फोर्स को रवाना किया है. ताकि त्योहार की आड़ में किसी तरह की घटना दोबारा उत्तरकाशी में ना घटित हो.

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Last Updated : Oct 26, 2024, 10:18 PM IST
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