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साइबर अटैक मामले में हैकरों ने मांगी थी मोटी रकम, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज, NIA करेगी जांच

उत्तराखंड साइबर अटैक मामले में परतें खुलने लगी है. हैकरों ने आईटीडीए का पूरा सिस्टम हैक कर मोटी रकम मांगी थी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

Updated : 5 hours ago

Uttarakhand cyber attack case
साइबर अटैक मामले में पुलिस ने किया केस दर्ज (Photo- ETV Bharat)

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में 2 अक्टूबर से सरकार से जुड़ी सारी सोशल साइट को हैक करने वाले हैकर्स ने मोटी रकम मांगी थी. इस बात का जिक्र बाहर ना हो, इसलिए लगातार बात को दबाया जा रहा था. लेकिन 7 अक्टूबर की देर रात इस मामले का खुलासा तब हुआ जब दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट की प्रभारी रचना सागर श्रीवास्तव की तरफ से एक मुकदमा दर्ज कराया गया. 2 अक्टूबर के दोपहर करीब 2:45 मिनट पर उत्तराखंड के तमाम सिस्टमों को हैकर्स ने हैक कर लिया था.

इस पूरे मामले पर अभी तक अलग-अलग जानकारियां सामने आ रही थी. कोई इस साइबर अटैक मान रहा था तो कोई सिस्टम की तकनीकी खामी बता रहा था. लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है, वह यह है कि पुलिस की तरफ से जो मुकदमा दर्ज किया गया है, उसमें यह बताया गया है कि हैकर्स ने इस पूरे सिस्टम को इस तरह हैक किया था कि सीसीटीएनएस का सबसे पहले सिस्टम हैक हुआ. यह वहीं सिस्टम है, जिससे पुलिस एक राज्य से दूसरे राज्य से जुड़ी रहती है. इसके साथ ही तमाम ऑनलाइन आपराधिक रिकॉर्ड भी इसी के माध्यम से अपडेट किए जाते हैं.

पुलिस ने तत्काल 2 अक्टूबर को ही आईटीडीए (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी) से संपर्क किया था. इसके बाद यह बात सामने आई थी कि हैकर्स हर एक सिस्टम में एक नोटपैड में अपना संदेश लिख रहे थे और उस संदेश में दो ईमेल आईडी दी गई थी. जिसके माध्यम से उन्होंने खुद से संपर्क करने के लिए कहा था. हैकर्स hermesaa@tutamail.com & linger11@cock.li इस मेल आईडी के माध्यम से प्रशासन से संपर्क कर रहे थे और यह बात कह रहे थे कि अगर वह अपना डाटा रिकवर करना चाहते हैं तो उनसे संपर्क करें. डाटा रिकवर करने की एवज में वह लगातार मोटी रकम की मांग कर रहे थे.

पुलिस ने इस मामले में संगीन और साइबर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है. उत्तराखंड पुलिस के साथ-साथ अब इस मामले की जांच एसटीएफ और एनआईए भी कर रही है. एनआईए को भी इस पूरे मामले की जानकारी साझा की गई है. हालांकि 7 अक्टूबर देर रात पूरी तरह से सिस्टम को सुचारू कर दिया गया था, लेकिन बताया जा रहा है कि जिस वायरस का हैकर्स ने प्रयोग किया था, उस वायरस की वजह से उत्तराखंड स्टेट डाटा सेंटर की लगभग 18 से अधिक वेबसाइट पूरी तरह से खराब हो गई हैं. जिनको रिकवर करने की कोशिश की जा रही है.

क्या कह रहे अधिकारी: साइबर अटैक मामले में गृह सचिव शैलेश बगोली ने ईटीवी भारत को फोन से बताया कि इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर ली है. उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है और इसको देखते हुए एसटीएफ और साइबर टीम को भी इस मामले में लगाया गया है. वहीं डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच एनआईए और एसटीएफ दोनों को सौंप गई है. हम चाहते हैं कि इस पूरे मामले पर एनआईए भी उत्तराखंड पुलिस का सहयोग करें, क्योंकि मामला राज्य के पूरे सिस्टम से जुड़ा हुआ है.

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देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में 2 अक्टूबर से सरकार से जुड़ी सारी सोशल साइट को हैक करने वाले हैकर्स ने मोटी रकम मांगी थी. इस बात का जिक्र बाहर ना हो, इसलिए लगातार बात को दबाया जा रहा था. लेकिन 7 अक्टूबर की देर रात इस मामले का खुलासा तब हुआ जब दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट की प्रभारी रचना सागर श्रीवास्तव की तरफ से एक मुकदमा दर्ज कराया गया. 2 अक्टूबर के दोपहर करीब 2:45 मिनट पर उत्तराखंड के तमाम सिस्टमों को हैकर्स ने हैक कर लिया था.

इस पूरे मामले पर अभी तक अलग-अलग जानकारियां सामने आ रही थी. कोई इस साइबर अटैक मान रहा था तो कोई सिस्टम की तकनीकी खामी बता रहा था. लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है, वह यह है कि पुलिस की तरफ से जो मुकदमा दर्ज किया गया है, उसमें यह बताया गया है कि हैकर्स ने इस पूरे सिस्टम को इस तरह हैक किया था कि सीसीटीएनएस का सबसे पहले सिस्टम हैक हुआ. यह वहीं सिस्टम है, जिससे पुलिस एक राज्य से दूसरे राज्य से जुड़ी रहती है. इसके साथ ही तमाम ऑनलाइन आपराधिक रिकॉर्ड भी इसी के माध्यम से अपडेट किए जाते हैं.

पुलिस ने तत्काल 2 अक्टूबर को ही आईटीडीए (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी) से संपर्क किया था. इसके बाद यह बात सामने आई थी कि हैकर्स हर एक सिस्टम में एक नोटपैड में अपना संदेश लिख रहे थे और उस संदेश में दो ईमेल आईडी दी गई थी. जिसके माध्यम से उन्होंने खुद से संपर्क करने के लिए कहा था. हैकर्स hermesaa@tutamail.com & linger11@cock.li इस मेल आईडी के माध्यम से प्रशासन से संपर्क कर रहे थे और यह बात कह रहे थे कि अगर वह अपना डाटा रिकवर करना चाहते हैं तो उनसे संपर्क करें. डाटा रिकवर करने की एवज में वह लगातार मोटी रकम की मांग कर रहे थे.

पुलिस ने इस मामले में संगीन और साइबर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है. उत्तराखंड पुलिस के साथ-साथ अब इस मामले की जांच एसटीएफ और एनआईए भी कर रही है. एनआईए को भी इस पूरे मामले की जानकारी साझा की गई है. हालांकि 7 अक्टूबर देर रात पूरी तरह से सिस्टम को सुचारू कर दिया गया था, लेकिन बताया जा रहा है कि जिस वायरस का हैकर्स ने प्रयोग किया था, उस वायरस की वजह से उत्तराखंड स्टेट डाटा सेंटर की लगभग 18 से अधिक वेबसाइट पूरी तरह से खराब हो गई हैं. जिनको रिकवर करने की कोशिश की जा रही है.

क्या कह रहे अधिकारी: साइबर अटैक मामले में गृह सचिव शैलेश बगोली ने ईटीवी भारत को फोन से बताया कि इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर ली है. उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है और इसको देखते हुए एसटीएफ और साइबर टीम को भी इस मामले में लगाया गया है. वहीं डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच एनआईए और एसटीएफ दोनों को सौंप गई है. हम चाहते हैं कि इस पूरे मामले पर एनआईए भी उत्तराखंड पुलिस का सहयोग करें, क्योंकि मामला राज्य के पूरे सिस्टम से जुड़ा हुआ है.

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