नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर में हुई मौत मामले में गिरफ्तार एसयूवी चालक मनुज कथूरिया के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का आरोप हटाने का फैसला किया है. सत्र न्यायालय के समक्ष पुलिस ने कहा कि बीते 48 घंटे की जांच में हमारे पास भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत कथूरिया के खिलाफ आरोप स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है.
इसके बाद अदालत ने गुरुवार को कथूरिया की दूसरी जमानत याचिका मंजूर कर ली. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार बुधवार को मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा कथूरिया को जमानत देने से इनकार करने के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रहे थे.
IIT दिल्ली की टीम देगी रिपोर्टः सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट में कहा कि आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की टीम द्वारा घटनास्थल का दौरा करने और निरीक्षण के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ही इसका बेहतर मूल्यांकन किया जा सकेगा. अभी तक कथूरिया के खिलाफ प्राथमिक अपराध बीएनएस की धारा 281 (रैश ड्राइविंग) के तहत है. बता दें, मनुज कथूरिया को चार अन्य लोगों के साथ 29 जुलाई को तीन सिविल सेवा उम्मीदवारों की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जो पुराने राजिंदर नगर में राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में डूब गए थे.
कथूरिया पर यह है आरोपः कथूरिया पर आरोप है कि उन्होंने अपनी फोर्स गोरखा कार को सड़क पर चलाया, जो बारिश के पानी से भरी थी, जिससे पानी बढ़ गया और तीन मंजिला इमारत के गेट टूट गए और बेसमेंट में पानी भर गया. उन्हें गैर इरादतन हत्या के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. बुधवार को मजिस्ट्रेट की अदालत ने कथूरिया को जमानत देने से इनकार कर दिया.
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31 जुलाई को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिकाः बुधवार को जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने कहा था, "कथित घटना के सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन से पता चलता है कि आरोपी को भारी जलभराव वाली सड़क पर इतनी तेज गति से वाहन चलाते हुए देखा जा सकता है, जिससे पानी का बड़ा विस्थापन हुआ. इसके परिणामस्वरूप कथित परिसर का गेट टूट गया और पानी बेसमेंट में चला गया और परिणामस्वरूप उक्त घटना में तीन निर्दोष लोगों की जान चली गई."
मजिस्ट्रेट ने कहा था, "वीडियो फुटेज में "प्रथम दृष्टया" यह दिख रहा है कि मनुज कथूरिया को कुछ राहगीरों ने तेज गति से गाड़ी न चलाने की चेतावनी दी थी, लेकिन उसने कोई ध्यान नहीं दिया. आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं. इस अदालत को अवगत कराया गया है कि जांच अभी भी चल रही है और अन्य नागरिक एजेंसियों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है. जांच अभी अपने प्रारंभिक चरण में है."