कोलकाता: इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी को मंगलवार को कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्हें हिरासत में उस समय लिया गया जब वह संदेशखली जाने की तैयारी कर रहे थे. हिरासत में लेने के दौरान उन्हें पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी बहस करते देखा गया.
विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा,'मुझे संदेशखाली जाने से क्यों रोका जा रहा है? मेरी हिरासत के पीछे क्या कारण है? क्या कोई लिखित आदेश है?' इससे पहले ताकतवर नेता और संदेशखाली के आरोपी शेख शाहजहां की गिरफ्तारी में देरी के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को जिम्मेदार ठहराने के बाद सत्तारूढ़ टीएमसी पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस के राज्य प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय पर दोष मढ़ते हुए कहा, 'यह अदालत की अवमानना के समान है.' पूरे पश्चिम बंगाल में महिलाएं सड़कों पर हैं.
न्याय की गुहार लगा रही हैं. संदेशखाली में साथी महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ रही हैं. संदेशखाली की महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रहने के लिए टीएमसी सरकार में शामिल लोगों को शर्म से अपना सिर झुका लेना चाहिए. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार को यह कहने के लिए अवमानना का सामना करना चाहिए कि उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस के हाथ बांध दिए हैं.
सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को संदेशखाली मामले में जोड़ने का आदेश दिया. हाईकोर्ट के जस्टिस ने मामले में नोटिस जारी करने को कहा. अदालत ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार न करने का कोई कारण नहीं है. संदेशखाली घटना पर तनाव के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल का काम यह देखना है कि चुनी हुई सरकार कानून के शासन के तहत कब कार्रवाई करती है.
अगर ऐसा नहीं किया गया तो राज्यपाल हस्तक्षेप करेंगे. राज्यपाल ने शेख शाहजहाँ पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि शेख शाहजहाँ को गिरफ्तार न करने का कोई बहाना नहीं है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. संदेशखाली में कुछ हफ्तों से तनाव है क्योंकि महिलाओं का एक वर्ग टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ न्याय की मांग कर रहा है.
संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. शाहजहाँ लगातार गिरफ्तारी से बच रहा है. राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां दोनों उसका पता लगाने में असमर्थ हैं.