रुद्रपुर (उत्तराखंड): उधमसिंह नगर जिले में कार सेवा डेरा प्रमुख नानकमत्ता बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड से जुड़े चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो शूटर्स सहित अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं. गिरफ्तार आरोपियों ने बाबा की हत्या करने के एवज में शूटरों से 10 लाख रुपए की डील की थी, जिसमें से शूटर साढ़े 6 लाख रुपए ले गए थे. गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जा रहा है.
पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच में पता चला है कि इन गिरफ्तार चार आरोपियों ने मुख्य साजिशकर्ताओं की सहायता की थी. हत्याकांड की साजिश यूपी के शाहजहांपुर में रची गई थी. यहां तक कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दोनों शूटर षड्यंत्रकारियों के पास शहाजहांपुर भी गए थे. शूटरों की पहचान सर्वजीत सिंह (निवासी तरनतारण, पंजाब) और अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा (निवासी नगली फतेहगढ़, चूड़ियां रोड, थाना कम्मो, जिला अमृतसर पंजाब) के रूप में हो चुकी है.
पुलिस ने इस मामले में दिलबाग सिंह समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी दिलबाग सिंह, बलकार सिंह, सतनाम सिंह, परगट सिंह और हरविंद्र सिंह उर्फ पिंदी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले हैं. साजिशकर्ताओं में बाबा तरसेन का करीब अमनदीप सिंह उर्फ काला भी शामिल है.
एसएसपी उधमसिंह नगर डॉ. मंजुनाथ टीसी ने बताया कि इन चारों अभियुक्तों ने तरसेम सिंह की हत्या के लिए शूटरों को हथियार, तकनीकी सहायता और संसाधन उपलब्ध कराए थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से दो वाहन भी बरामद किए हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपियों पर कई राज्यों में दर्जनों आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. पुलिस ने इसके साथ ही दोनों फरार अपराधियों (शूटरों) पर इनाम की राशि भी 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी है.
गिरफ्तार आरोपी-
- दिलबाग सिंह (निवासी ग्राम कबीरपुर थाना निगोही जिला शाहजहांपुर).
- हरमिंदर ऊर्फ पिंदी (निवासी रणधीर पुर थाना तिलहर जिला शाहजहांपुर).
- बलकार सिंह (निवासी ग्राम बाधे कंजा थाना करेली जिला पीलीभीत)
- अमनदीप सिंह उर्फ काला (निवासी बरा जगत थाना अमरिया जिला पीलीभीत), गुरुद्वारा कर्मचारी.
28 मार्च को हुई थी तरसेम की हत्या: बता दें कि, बीती 28 मार्च को उधमसिंह नगर जिले में स्थित नानकमत्ता गुरुदारे के कार सेवा डेरा प्रमुख तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 28 मार्च की सुबह बाबा तरसेम सिंह गुरुद्वारे के बाहर कुर्सी पर बैठे हुए थे, तभी बाइक सवार दो बदमाश वहां पहुंचे और तरसेम सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी. 10 सेकंड में इस हत्याकांड को अंजाम देकर बदमाश फरार हो गए थे.
पुलिस टीम को मिले सबूत: एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि, जांच के दौरान टीम को पता चला कि शूटर्स 19 मार्च को गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब आए थे और गुरुद्वारा सराय में कमरा नंबर 23 में रुके हुए थे. सराय के कमरा लेते हुए आरोपी सर्वजीत सिंह ने अपनी आईडी, आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर को रजिस्टर में दर्ज करवाया था. इन जानकारियों के आधार पर पुलिस को पता चला कि सर्वजीत सिंह पहले भी कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है.
कॉल डिटेल से अहम जानकारी मिली: सर्वजीत सिंह के फोन की कॉल डिटेल के अनुसार 19 मार्च से लेकर 27 मार्च तक वो रामपुर, बाजपुर, किच्छा, बरेली और शाहजहांपुर आदि में घूमता रहा. जांच के दौरान पुलिस टीम को ये भी पता चला कि दोनों शूटर्स आरोपी दिलबाग सिंह, बलकार सिंह, सतनाम सिंह, परगट सिंह, हरविंद्र सिंह उर्फ पिंदी (सभी निवासी शाहजहांपुर, तहसील पुवायां के ग्राम कबीरपुर) आदि के संपर्क में फरवरी 2024 से थे.
कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के कहने पर इन लोगों द्वारा गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब स्थित डेरा कार सेवा एवं तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों के प्रबंधन अपने वर्चस्व में लेने के मकसद से बाबा तरसेम सिंह की हत्या की योजना बनाई गई थी. योजना को पूरा करने के लिए दिलबाग और उनके अन्य साथियों ने दो शूटर्स (सर्वजीत सिंह और अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा) को हायर किया. बाबा की हत्या कराने के लिए दोनों शूटर्स को 10 लाख रुपए देने की बात हुई थी, जिसमें से शूटर्स को एक लाख साठ हजार रुपए एडवांस दिए गए थे.
गुरुद्वारे के कर्मचारी ने की मदद: प्लॉन बनने के बाद दोनों शूटर्स ने गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब की सराय में रहकर पहले रेकी की और इसी दौरान गुरुद्वारा साहिब के एक कर्मचारी अमनदीप सिंह उर्फ काला (निवासी बरा जगत थाना अमरिया, जिला पीलीभीत यूपी) को लालच देकर उसे अपने साथ मिला लिया. अमनदीप सिंह की मदद से दोनों शूटर्स ने 28 मार्च 2024 को बाबा तरसेम सिंह की सही लोकेशन पता की और सराय से निकलकर डेरा कार सेवा में जाकर बाबा तरसेम सिंह को गोली मारकर हत्या दी.
घटना को अंजाम देने के बाद दोनों शूटर्स षड्यंत्रकारी दिलबाग सिंह (निवासी ग्राम कबीरपुर, तहसील पुआयां जिला शाहजहांपुर) के घर पर पहुंचे. वहां उनको दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने पहले से निर्धारित की गई धनराशि में से 5 लाख रुपये दिए गए. फिर शूटर्स आरोपी दिलबाल की सहायता से फरार हो गए.
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