नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और देश भर में सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र की राजनीति में आने के बाद से भाजपा का ग्राफ बहुत तेजी से लगातार बढ़ा है. नरेंद्र मोदी के केंद्र की राजनीति में आने से पहले साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 433 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन, उसे सिर्फ 116 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई थी. 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूरे देश में 8 करोड़ से भी कम मतदाताओं (7.84 करोड़) का वोट हासिल हुआ था.
बता दें कि भाजपा ने साल 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर लोकसभा चुनाव लड़ा था. 2014 में भाजपा ने 428 सीटों पर चुनाव लड़ा और पार्टी को 17.16 करोड़ मतदाताओं के वोट के बल पर 282 सीटों पर जीत हासिल हुई. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के मतदाता जनाधार में बंपर बढ़ोतरी हुई और पार्टी को 2014 के 17.16 करोड़ मतों की तुलना में 2019 में 23 करोड़ के लगभग (22.9 करोड़) वोट हासिल हुए. 2019 में भाजपा 436 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे 303 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का टारगेट भी सेट कर दिया है. उन्होंने भाजपा के अकेले 370 और एनडीए गठबंधन के 400 पार जाने का लक्ष्य तय कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के मुताबिक भाजपा अपने इतिहास की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक जीत हासिल करने की तैयारी कर रही है.
ऐसे में शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से भाजपा और एनडीए गठबंधन की बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा कि 'आज भारत के हर कोने से और समाज के हर वर्ग से एक स्वर सुनाई दे रहा है- अबकी बार, 400 पार!'. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि 140 करोड़ परिवारजनों और 96 करोड़ से अधिक मतदाताओं का भरपूर स्नेह और आशीर्वाद उन्हें लगातार तीसरी बार मिलेगा.
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस बार एनडीए 400 सीटों का आंकड़ा पार करने के लिए चुनाव में जा रहा है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारी बहुमत से सरकार बनाने का दावा किया.