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राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी बोले- आतंकवादियों के 'आकाओं' को पता चल गया... भारत छोड़ेगा नहीं!

PM Modi On National Unity Day: राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी ने देश के दुश्मनों को सख्त संदेश दिया है.

PM MODI ON NATIONAL UNITY DAY
राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 31, 2024, 11:21 AM IST

केवड़िया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के दौरान इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उन्होंने देश से मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी एकता को मजबूत करने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के 'आकाओं' को अब पता चल गया है कि भारत को नुकसान पहुंचाने से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि भारत उन्हें नहीं छोड़ेगा. मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में चुनौतियों के बारे में भी बात की और इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने 'बातचीत, विश्वास और विकास' के माध्यम से अलगाववाद से प्रभावी ढंग से निपटा है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए बोडो और ब्रू-रियांग समझौतों की प्रशंसा की और कहा कि त्रिपुरा के नेशनल लिबरेशन फ्रंट के साथ समझौते ने लंबे समय से चली आ रही अशांति को हल कर दिया है. 'भारत शांति, विकास और समृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है.

जम्मू-कश्मीर के लोगों के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने अलगाववाद और आतंकवाद के सदियों पुराने एजेंडे को नकार दिया है. उन्होंने भारत के संविधान और भारत के लोकतंत्र को विजयी बनाया है. उन्होंने अपने वोट से 70 साल से चल रहे दुष्प्रचार को खत्म कर दिया है. आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को सलाम करता हूं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले एक दशक में राष्ट्रीय एकता के लिए कई खतरों का समाधान किया गया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के सफल समाधान का भी जिक्र किया और इसे राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा कि जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा, तो उसमें एक अध्याय यह भी होगा कि भारत ने नक्सलवाद की बीमारी को कैसे जड़ से उखाड़ फेंका. पीएम ने भारत की वर्तमान प्रगति को दृष्टि, दिशा और दृढ़ संकल्प वाला बताया. उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने एक ऐसा भारत है जिसके पास दृष्टि, दिशा और दृढ़ संकल्प है. ऐसा भारत जो सशक्त और समावेशी है, संवेदनशील और सतर्क है, विनम्र है और विकास के पथ पर भी अग्रसर है, जो शक्ति और शांति दोनों का महत्व जानता है.

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत के तेज और 'असामान्य' विकास के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि दुनिया में भारी उथल-पुथल के बीच सबसे तेज गति से विकास करना सामान्य नहीं है. युद्ध के दौरान बुद्ध के संदेशों का संचार करना सामान्य नहीं है. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जब दुनिया संकटों का सामना कर रही है, तो देश तेजी से भारत की ओर देख रहे हैं. यह सामान्य नहीं है; यह एक नया इतिहास बन रहा है. आज दुनिया देख रही है कि भारत किस तरह दृढ़ संकल्प के साथ अपनी समस्याओं का समाधान कर रहा है.

पढ़ें: पीएम मोदी ने सरदार पटेल की दी श्रद्धांजलि, दिलाई राष्ट्रीय एकता की शपथ

केवड़िया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के दौरान इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उन्होंने देश से मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी एकता को मजबूत करने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के 'आकाओं' को अब पता चल गया है कि भारत को नुकसान पहुंचाने से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि भारत उन्हें नहीं छोड़ेगा. मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में चुनौतियों के बारे में भी बात की और इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने 'बातचीत, विश्वास और विकास' के माध्यम से अलगाववाद से प्रभावी ढंग से निपटा है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए बोडो और ब्रू-रियांग समझौतों की प्रशंसा की और कहा कि त्रिपुरा के नेशनल लिबरेशन फ्रंट के साथ समझौते ने लंबे समय से चली आ रही अशांति को हल कर दिया है. 'भारत शांति, विकास और समृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है.

जम्मू-कश्मीर के लोगों के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने अलगाववाद और आतंकवाद के सदियों पुराने एजेंडे को नकार दिया है. उन्होंने भारत के संविधान और भारत के लोकतंत्र को विजयी बनाया है. उन्होंने अपने वोट से 70 साल से चल रहे दुष्प्रचार को खत्म कर दिया है. आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को सलाम करता हूं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले एक दशक में राष्ट्रीय एकता के लिए कई खतरों का समाधान किया गया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के सफल समाधान का भी जिक्र किया और इसे राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा कि जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा, तो उसमें एक अध्याय यह भी होगा कि भारत ने नक्सलवाद की बीमारी को कैसे जड़ से उखाड़ फेंका. पीएम ने भारत की वर्तमान प्रगति को दृष्टि, दिशा और दृढ़ संकल्प वाला बताया. उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने एक ऐसा भारत है जिसके पास दृष्टि, दिशा और दृढ़ संकल्प है. ऐसा भारत जो सशक्त और समावेशी है, संवेदनशील और सतर्क है, विनम्र है और विकास के पथ पर भी अग्रसर है, जो शक्ति और शांति दोनों का महत्व जानता है.

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत के तेज और 'असामान्य' विकास के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि दुनिया में भारी उथल-पुथल के बीच सबसे तेज गति से विकास करना सामान्य नहीं है. युद्ध के दौरान बुद्ध के संदेशों का संचार करना सामान्य नहीं है. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जब दुनिया संकटों का सामना कर रही है, तो देश तेजी से भारत की ओर देख रहे हैं. यह सामान्य नहीं है; यह एक नया इतिहास बन रहा है. आज दुनिया देख रही है कि भारत किस तरह दृढ़ संकल्प के साथ अपनी समस्याओं का समाधान कर रहा है.

पढ़ें: पीएम मोदी ने सरदार पटेल की दी श्रद्धांजलि, दिलाई राष्ट्रीय एकता की शपथ

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