ETV Bharat / bharat

पीएम मोदी मन की बात में बोले-वह दिन आ गया, जिसका इंतजार था - PM MODI MANN KI BAAT - PM MODI MANN KI BAAT

PM Modi Mann Ki baat 111th episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 111वें एपिसोड को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देशवासियों से मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील की.

PM Modi Mann Ki baat
मन की बात रेडियो कार्यक्रम (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 30, 2024, 11:28 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 111वें एपिसोड को संबोधित किया. यह कार्यक्रम कुछ महीनों के अंतराल के बाद एक बार फिर से शुरू हो गया है. विश्व प्रसिद्ध कार्यक्रम 'मन की बात' के 111वें एपिसोड को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आज आखिरकार वह दिन आ ही गया जिसका हम सभी फरवरी से इंतजार कर रहे थे. 'मन की बात' के जरिए मैं एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवार के सदस्यों के बीच आया हूं. मैंने फरवरी में आपसे कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद मैं आपसे फिर मिलूंगा और आज मैं फिर से मन की बात के साथ आपके बीच आया हूं. मानसून के आगमन ने आपके दिल को भी खुश कर दिया है.'

प्रधानमंत्री ने कहा,' आज 30 जून का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे आदिवासी भाई-बहन इस दिन को हुल दिवस के रूप में मनाते हैं. यह दिन वीर सिद्धू और कान्हू के साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचारों का डटकर विरोध किया. उन्होंने हजारों संथाली साथियों को एकजुट किया और अंग्रेजों से बहादुरी से मुकाबला किया. यह 1855 में हुआ था, यानी 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम से दो साल पहले.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा,'इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर 'एक पेड़ मां के नाम' नाम से एक विशेष अभियान शुरू हुआ है. मैंने भी अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाया है और मैंने सभी देशवासियों से अपील की है कि वे अपनी मां के साथ या उनके नाम पर एक पेड़ लगाएं. मैं आपसे पूछूं कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा होता है तो आप जरूर कहेंगे मां. हम सबके जीवन में 'मां' का दर्जा सबसे ऊंचा होता है. मां हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है. हर मां अपने बच्चे पर हर स्नेह लुटाती है. जन्मदात्री मां का ये प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है जिसे कोई चुका नहीं सकता.'

पीएम मोदी ने कहा,'मैं आज देशवासियों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है. 2024 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था. दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ. मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रकिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूं.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,'पेरिस ओलंपिक में आपको कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलेंगी. शूटिंग में हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरकर सामने आ रही है. टेबल टेनिस में पुरुष और महिला दोनों टीमें क्वालीफाई कर चुकी हैं. भारतीय शॉटगन टीम में हमारी शूटर बेटियाँ भी शामिल हैं. इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में हमारे दल के खिलाड़ी उन वर्गों में भी बढ़त हासिल करेंगे जिनमें पहले वे कभी शामिल नहीं रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत के बहुत से उत्पाद हैं जिनकी पूरी दुनिया में बहुत मांग है और जब हम भारत के किसी स्थानीय उत्पाद को वैश्विक बनते देखते हैं, तो गर्व महसूस होना स्वाभाविक है. ऐसा ही एक उत्पाद है अराकू कॉफी. अराकू कॉफी आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीता राम राजू जिले में बड़ी मात्रा में उगायी जाती है.

यह अपने भरपूर स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाती है. अराकू कॉफी की खेती से करीब 1.5 लाख आदिवासी परिवार जुड़े हुए हैं. मुझे याद है एक बार मुझे विशाखापत्तनम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू गारू के साथ इस कॉफी का स्वाद चखने का मौका मिला था. अराकू कॉफी को कई वैश्विक पुरस्कार मिल चुके हैं. दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भी इस कॉफी की चर्चा हुई थी.'

ये भी पढ़ें- अगले तीन महीने नहीं होगी ‘मन की बात’, पीएम मोदी ने बताई वजह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 111वें एपिसोड को संबोधित किया. यह कार्यक्रम कुछ महीनों के अंतराल के बाद एक बार फिर से शुरू हो गया है. विश्व प्रसिद्ध कार्यक्रम 'मन की बात' के 111वें एपिसोड को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आज आखिरकार वह दिन आ ही गया जिसका हम सभी फरवरी से इंतजार कर रहे थे. 'मन की बात' के जरिए मैं एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवार के सदस्यों के बीच आया हूं. मैंने फरवरी में आपसे कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद मैं आपसे फिर मिलूंगा और आज मैं फिर से मन की बात के साथ आपके बीच आया हूं. मानसून के आगमन ने आपके दिल को भी खुश कर दिया है.'

प्रधानमंत्री ने कहा,' आज 30 जून का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे आदिवासी भाई-बहन इस दिन को हुल दिवस के रूप में मनाते हैं. यह दिन वीर सिद्धू और कान्हू के साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचारों का डटकर विरोध किया. उन्होंने हजारों संथाली साथियों को एकजुट किया और अंग्रेजों से बहादुरी से मुकाबला किया. यह 1855 में हुआ था, यानी 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम से दो साल पहले.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा,'इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर 'एक पेड़ मां के नाम' नाम से एक विशेष अभियान शुरू हुआ है. मैंने भी अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाया है और मैंने सभी देशवासियों से अपील की है कि वे अपनी मां के साथ या उनके नाम पर एक पेड़ लगाएं. मैं आपसे पूछूं कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा होता है तो आप जरूर कहेंगे मां. हम सबके जीवन में 'मां' का दर्जा सबसे ऊंचा होता है. मां हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है. हर मां अपने बच्चे पर हर स्नेह लुटाती है. जन्मदात्री मां का ये प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है जिसे कोई चुका नहीं सकता.'

पीएम मोदी ने कहा,'मैं आज देशवासियों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है. 2024 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था. दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ. मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रकिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूं.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,'पेरिस ओलंपिक में आपको कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलेंगी. शूटिंग में हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरकर सामने आ रही है. टेबल टेनिस में पुरुष और महिला दोनों टीमें क्वालीफाई कर चुकी हैं. भारतीय शॉटगन टीम में हमारी शूटर बेटियाँ भी शामिल हैं. इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में हमारे दल के खिलाड़ी उन वर्गों में भी बढ़त हासिल करेंगे जिनमें पहले वे कभी शामिल नहीं रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत के बहुत से उत्पाद हैं जिनकी पूरी दुनिया में बहुत मांग है और जब हम भारत के किसी स्थानीय उत्पाद को वैश्विक बनते देखते हैं, तो गर्व महसूस होना स्वाभाविक है. ऐसा ही एक उत्पाद है अराकू कॉफी. अराकू कॉफी आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीता राम राजू जिले में बड़ी मात्रा में उगायी जाती है.

यह अपने भरपूर स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाती है. अराकू कॉफी की खेती से करीब 1.5 लाख आदिवासी परिवार जुड़े हुए हैं. मुझे याद है एक बार मुझे विशाखापत्तनम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू गारू के साथ इस कॉफी का स्वाद चखने का मौका मिला था. अराकू कॉफी को कई वैश्विक पुरस्कार मिल चुके हैं. दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भी इस कॉफी की चर्चा हुई थी.'

ये भी पढ़ें- अगले तीन महीने नहीं होगी ‘मन की बात’, पीएम मोदी ने बताई वजह
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.