नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में समान अवसर की कमी के विपक्ष के आरोपों से इनकार किया है. चुनाव के बीच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के विपक्ष के आरोपों पर पीएम मोदी ने कहा कि इन जांच एजेंसियों से संबंधित कानून उनके सत्ता में आने से पहले बने थे. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव में सिर्फ अपनी हार को देखकर बहाना ढूंढने की कोशिश कर रहा है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दुरुपयोग के दावों को खारिज करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ईडी ने देशभर में सिर्फ तीन प्रतिशत मामले नेताओं के खिलाफ दर्ज किए हैं, जबकि ईडी द्वारा पिछले 10 वर्षों में पहले की तुलना में बहुत ज्यादा मात्रा में नकदी जब्त की गई है. उन्होंने कहा कि ईडी हो, सीबीआई हो या चुनाव आयोग हो, इन संस्थाओं को लेकर कोई भी कानून उनकी सरकार ने नहीं बनाया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने एक विधेयक पारित किया है, जिसमें चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिए तीन सदस्यीय समिति में विपक्ष के एक नेता को शामिल करने का प्रवाधान किया गया है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिये हमने चुनाव आयोग में सुधार किया है. आज चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया में विपक्ष भी शामिल है. पहले प्रधानमंत्री एक फाइल पर हस्ताक्षर कर चुनाव आयोग का गठन करते थे और जो उनके परिवार के करीबी थे, ऐसे लोग चुनाव आयुक्त बन गए.
उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस पार्टी के करीबी अधिकारी ही चुनाव आयुक्त बनते थे, जिन्हें बाद में राज्यसभा का टिकट और मंत्रालय दिया जाता था. उनकी सरकार में ऐसे चुनाव आयुक्त चुने गए जो कांग्रेस के उम्मीदवार बन गए और इसलिए हम उस स्तर पर नहीं जा सकते.
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