नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मंत्रियों और नौकरशाहों से आग्रह किया कि वे नीतियों, विशेषकर महिलाओं और गरीबों के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से सामाजिक पहलों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श करें. मंत्रिपरिषद के साथ पांच घंटे की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने विशेष रूप से सरकार के निर्णयों के बारे में तेजी से और बेहतर संचार के लिए कहा.
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं को भी तेज करने के लिए कहा ताकि उनकी सरकार को उत्तरदायी के रूप में देखा जा सके. निवर्तमान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने जून में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने के बाद से सरकार द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णयों पर एक रिपोर्ट पेश की.
अधिकारियों ने 2047 तक 'विकसित भारत' के लिए परिकल्पित बुनियादी ढांचे और युवाओं के बीच कौशल में सुधार पर विस्तृत प्रस्तुतियां दी. प्रधानमंत्री ने मंत्रियों और शीर्ष नौकरशाहों से कहा कि सरकार ने पिछले 10 वर्षों में अच्छा काम किया है और अगले पांच वर्षों तक भी इसी गति से काम करना जारी रखेगी.
पीएम मोदी ने मंत्रियों और अधिकारियों से कहा कि उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया है कि विकास उसी गति से जारी रहेगा जैसा कि पिछले दशक में रहा क्योंकि उन्हें उन पर भरोसा है. उन्होंने मंत्रियों से आग्रह किया कि वे क्रमशः बुनियादी ढांचे और कौशल क्षेत्रों के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गतिशक्ति मंच और मिशन कर्मयोगी का अधिकतम उपयोग करें.
बुनियादी ढांचे के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए, एनडीए सरकार ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई रेलवे लाइनों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और औद्योगिक स्मार्ट शहरों के निर्माण के लिए 2.30 लाख रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी है. यहां सुषमा स्वराज भवन में आयोजित बैठक के दौरान बजट घोषणाओं और परियोजनाओं को पूरा करने पर भी चर्चा की गई.
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 2047 तक विकसित भारत के लिए कौशल विकास रोडमैप पर एक प्रस्तुति दी. बैठक में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100-दिवसीय एजेंडे पर हुई प्रगति का भी जायजा लिया गया. बैठक के दौरान चार जातियों - महिलाओं, गरीबों, युवाओं और किसानों - के लिए उपायों पर जोर दिया गया, जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों के सचिव भी शामिल हुए.
बैठक का मुख्य जोर जून में सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से नई योजनाओं और नीतिगत निर्णयों के बारे में जागरूकता फैलाने पर था, जिसमें नई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी शामिल थी. बैठक में सामाजिक क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों पर भी प्रमुखता से चर्चा की गई. विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने 100 दिवसीय एजेंडे पर अपने-अपने मंत्रालयों द्वारा की गई प्रगति पर प्रस्तुतियां भी दी. यह बैठक पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और देश के कुछ अन्य हिस्सों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर की गई.