पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मिथिलांचल की धरती पर बीजेपी उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर के पक्ष में सभा को संबोधित किया. इस दौरान नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों और विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे कथित भ्रम की बातों को अपने ही अंदाज में लोगों को समझाया. पीएम मोदी ने दरभंगा की रैली में राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव को भी 'शहजादे' कहकर संबोधित किया. इसके बाद राजद खेमे में हलचल मच गयी.
पीएम को बताया पीरजादेः तेजस्वी यादव ने रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर पीएम मोदी के शहजादे वाले बयान पर विरोध जताया. उन्होंने लिखा कि "वे प्रधानमंत्री हैं, कुछ भी बोल सकते हैं. अगर हम शहजादे हैं तो वो पीरजादे (बुजुर्ग) हैं. वे बुजुर्ग हैं. उनका हक है वे कुछ भी बोल सकते हैं, लेकिन वे झूठ अधिक बोलते हैं. काम की बात होनी चाहिए. मिथिला के लोग बहुत प्रबुद्ध लोग हैं. वे काम की बात सुनना चाहते हैं."
भाजपा परिवार के लोगों को टिकट दे रही हैः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पाटलिपुत्रा लोकसभा की राजद उम्मीदवार डॉ मीसा भारती ने प्रतिक्रिया दी. दानापुर में अपने प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने कहा कि यह मुद्दा परिवार का नहीं है देश के चुनाव का है. भाजपा के लोग तब आरोप लगाते हैं जब परिवार के सदस्यों को टिकट नहीं देती. भाजपा तो भर भर परिवार को टिकट दे रही है. हमारे परिवार पर क्यों आरोप लगा रहे हैं कि परिवारवाद कर कर रहे हैं.
20 करोड़ नौकरी का मांगा हिसाबः राजद सांसद मनोज झा ने भी पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव हर सभा में नौकरी की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर पीएम तेजस्वी यादव पर हमला करना चाहते हैं तो नौकरी पर हमला करें कि हम ज्यादा देंगे. ये कर नहीं पा रहे हैं तो कुछ भी अनाप शनाप बोल रहे हैं. मनोज झा ने तेजस्वी को बेरोजगार युवकों की आशा बताया. उन्होंने पीएम मोदी के 2 करोड़ रोजगार की गारंटी वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा कि 20 करोड़ नौकरी हो गए हैं और आप 2 लाख का भी हिसाब नहीं दे सकते.
क्या कहा था पीएम ने: दरभंगा की सभा में शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था "जैसे एक शहजादे दिल्ली में है वैसे ही एक शहजादे पटना में हैं. एक शहजादे ने बचपन से पूरे देश को और दूसरे शहजादे ने पूरे बिहार को अपनी जागीर समझा है. दोनों का रिपोर्ट कार्ड भी एक जैसा ही है. इनके रिपोर्ट कार्ड में घोटालों और बेलगाम कानून-व्यवस्था के अलावा और कुछ नहीं है."
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