अबू धाबी : विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के हमेशा प्रयास किए हैं और अन्य देशों के नेताओं से बात की है. क्वात्रा ने कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया.
उन्होंने कहा कि जब भी भारतीय समुदाय को समस्याओं का सामना करना पड़ा है, तो प्रधानमंत्री, उनके नेतृत्व और उनकी व्यक्तिगत कोशिशों ने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें भारत वापस लाया जाए. कतर ने सोमवार को भारतीय नौसेना के उन पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी और जिनकी सजा को अलग-अलग अवधि की जेल की सजा में बदल दिया गया था.
क्वात्रा ने प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि यह भारतीय समुदाय के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री की ओर से अपनाए जाने वाले संवेदनशील नजरिए का प्रत्यक्ष प्रमाण है. विदेश सचिव ने कहा कि पिछले 10 साल में जब भी भारतीय नागरिकों के सामने कोई समस्या आई है, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न केवल विदेश मंत्रालय, बल्कि 'पूरी सरकार' को शामिल करने का दृष्टिकोण अपनाया गया है.
क्वात्रा ने कहा कि भारतीय नागरिक, चाहे वे कहीं भी हों, उन्हें हर संभव और उचित मदद दी जानी चाहिए... ये प्रधानमंत्री के निर्देश हैं. विदेश सचिव ने कहा कि उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) अन्य देशों के नेताओं से बात करने की पहल की है और उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि भारतीय नागरिक जहां भी हों, वे सुरक्षित रहें और जरूरत पड़ने पर उन्हें भारत वापस लाया जाए.
भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर सहयोग से संबंधित अंतर सरकारी ढांचे पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हस्ताक्षरित समझौते पर प्रकाश डालते हुए, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जोर देकर कहा कि इसका एक उद्देश्य यह देखना है कि आईएमईसी कितनी जल्दी संचालित होता है.