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हरिद्वार लाया गया पायलट बाबा का पार्थिव शरीर, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़, कल दी जाएगी समाधि - Haridwar Pilot Baba - HARIDWAR PILOT BABA

Haridwar Pilot Baba Died देश के जाने माने संत और जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर पायलट बाबा के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर हरिद्वार लाया गया है, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है. बताया जा रहा है कि कल यानी गुरुवार को उन्हीं के आश्रम में समाधि दी जाएगी.

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पायलट बाबा का पार्थिव शरीर (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 21, 2024, 3:47 PM IST

Updated : Aug 21, 2024, 5:24 PM IST

हरिद्वार पहुंचा पायलट बाबा का पार्थिव शरीर (वीडियो- ETV Bharat)

हरिद्वार: जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का पार्थिव शरीर हरिद्वार लाया गया है. पायलट बाबा के पार्थिव शरीर को उनके आश्रम में रखा गया है. जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए साधु संतों के साथ ही स्थानीय लोगों का हुजूम देखने को मिल रहा है. तमाम साधु संत और अखाड़े से जुड़े पदाधिकारी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

पायलट बाबा को जानिए: गौर हो कि बीती रोज यानी 20 अगस्त को पायलट बाबा का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में देहांत हो गया था. पायलट बाबा देश के बड़े संतों में शामिल थे. इसके अलावा श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर भी थे. संन्यास लेने से पहले पायलट बाबा भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर भी रहे. उन्होंने साल 1962, 1965, 1971 के युद्ध में बतौर विंग कमांडर हिस्सा लिया था. इन युद्धों में बाबा ने फाइटर पायलट की भूमिका निभाई थी.

पाकिस्तान के साथ साल 1965 और 1971 युद्ध में सफल अभियान को अंजाम दिया. जिसके बाद उन्होंने संन्यास लिया, फिर वो पायलट बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए. जबकि, उनका वास्तविक नाम कपिल सिंह था. जो मूल रूप से बिहार के रोहतास के रहने वाले थे. साल 1998 में बाबा महामंडलेश्वर पद पर आसीन हुए. उन्हें साल 2010 में उज्जैन में प्राचीन जूना अखाड़ा शिवगिरी आश्रम नीलकंठ मंदिर में जूना अखाड़े का पीठाधीश्वर बनाया गया. वहीं, पायलट बाबा को लेकर कई विवाद भी हुए.

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पायलट बाबा को श्रद्धांजलि (फोटो- ETV Bharat)

अध्यात्म की राह पर ले जाने का किया काम: वहीं, आज पायलट बाबा का पार्थिव शरीर उनके हरिद्वार स्थित आश्रम में लाया गया. इस मौके पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हरि गिरि महाराज ने कहा कि महायोगी पायलट बाबा को खोना अखाड़े ही नहीं बल्कि, पूरे विश्व के लिए बड़ी क्षति है. उनके अनुयायी देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक थे. जिस तरह से उन्होंने सनातन का परचम पूरे देश-विदेश में लहराया था, साथ ही लोगों को अध्यात्म की राह पर ले जाने का काम किया.

कल उन्हीं के आश्रम में दी जाएगी समाधि: उन्होंने बताया कि फिलहाल उनके शिष्यों और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर से वार्तालाप चल रहा है. अब तक जो निर्णय लिया गया है, उसके अनुसार कल गुरुवार को पायलट बाबा को उन्हीं के आश्रम में समाधि दी जाएगी. वहीं, आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरि महाराज ने बताया कि जिस तरह से पायलट बाबा ने पहले देश सेवा की, फिर संन्यास लेकर सनातन का परचम लहराया. यही वजह है कि आज देश-विदेश में उनके शिष्य हैं.

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हरिद्वार पहुंचा पायलट बाबा का पार्थिव शरीर (वीडियो- ETV Bharat)

हरिद्वार: जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का पार्थिव शरीर हरिद्वार लाया गया है. पायलट बाबा के पार्थिव शरीर को उनके आश्रम में रखा गया है. जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए साधु संतों के साथ ही स्थानीय लोगों का हुजूम देखने को मिल रहा है. तमाम साधु संत और अखाड़े से जुड़े पदाधिकारी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

पायलट बाबा को जानिए: गौर हो कि बीती रोज यानी 20 अगस्त को पायलट बाबा का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में देहांत हो गया था. पायलट बाबा देश के बड़े संतों में शामिल थे. इसके अलावा श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर भी थे. संन्यास लेने से पहले पायलट बाबा भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर भी रहे. उन्होंने साल 1962, 1965, 1971 के युद्ध में बतौर विंग कमांडर हिस्सा लिया था. इन युद्धों में बाबा ने फाइटर पायलट की भूमिका निभाई थी.

पाकिस्तान के साथ साल 1965 और 1971 युद्ध में सफल अभियान को अंजाम दिया. जिसके बाद उन्होंने संन्यास लिया, फिर वो पायलट बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए. जबकि, उनका वास्तविक नाम कपिल सिंह था. जो मूल रूप से बिहार के रोहतास के रहने वाले थे. साल 1998 में बाबा महामंडलेश्वर पद पर आसीन हुए. उन्हें साल 2010 में उज्जैन में प्राचीन जूना अखाड़ा शिवगिरी आश्रम नीलकंठ मंदिर में जूना अखाड़े का पीठाधीश्वर बनाया गया. वहीं, पायलट बाबा को लेकर कई विवाद भी हुए.

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पायलट बाबा को श्रद्धांजलि (फोटो- ETV Bharat)

अध्यात्म की राह पर ले जाने का किया काम: वहीं, आज पायलट बाबा का पार्थिव शरीर उनके हरिद्वार स्थित आश्रम में लाया गया. इस मौके पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हरि गिरि महाराज ने कहा कि महायोगी पायलट बाबा को खोना अखाड़े ही नहीं बल्कि, पूरे विश्व के लिए बड़ी क्षति है. उनके अनुयायी देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक थे. जिस तरह से उन्होंने सनातन का परचम पूरे देश-विदेश में लहराया था, साथ ही लोगों को अध्यात्म की राह पर ले जाने का काम किया.

कल उन्हीं के आश्रम में दी जाएगी समाधि: उन्होंने बताया कि फिलहाल उनके शिष्यों और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर से वार्तालाप चल रहा है. अब तक जो निर्णय लिया गया है, उसके अनुसार कल गुरुवार को पायलट बाबा को उन्हीं के आश्रम में समाधि दी जाएगी. वहीं, आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरि महाराज ने बताया कि जिस तरह से पायलट बाबा ने पहले देश सेवा की, फिर संन्यास लेकर सनातन का परचम लहराया. यही वजह है कि आज देश-विदेश में उनके शिष्य हैं.

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Last Updated : Aug 21, 2024, 5:24 PM IST
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