मुजफ्फरपुर: बिना वीजा और वैध कागजात के बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार चीनी नागरिक ली जियाकी की पिछले दिनों पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. उसने चश्मे के शीशे से अपने प्राइवेट पार्ट को काटने की कोशिश की थी, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. वहीं उसकी मौत का मामला मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है. इसको लेकर मानवाधिकार आयोग के अधिवक्ता एसके झा ने याचिका दायर की है.
एनएचआरसी तक पहुंचा चीनी नागरिक मौत मामला: याचिकाकर्ता एसके झा ने कहा कि 5 जून के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से चीनी नागरिक ली जियाकी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके पास भारत में प्रवेश से संबंधित कोई कागजात नहीं था. पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार में भेज दिया गया. उसी दौरान चीनी नागरिक ने आत्महत्या की कोशिश की और उसने अपने प्राइवेट पार्ट को काटने का प्रयास किया. आनन-फानन में उसे एसकेएमसीएच में भर्ती करवाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
क्या बोले याचिकाकर्ता?: चीनी नागरिक की मौत मामले में अधिवक्ता एसके झा ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और पटना स्थित राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिका दाखिल की है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस और सरकारी व्यवस्था के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का पालन नहीं किया गया है. साथ-ही उसे सही तरीके से काउंसलिंग नहीं की गई. उसे चीनी भाषा के जानकार काउंसलर भी उपलब्ध नहीं कराया गया, जिस वजह से ऐसी नौबत आई.
"अगर चीनी नागरिक ली जियाकी की सही तरीके से काउंसलिंग होती और चीनी भाषा के जानकार काउंसलर उपलब्ध कराया गया होता तो शायद वह जिंदा रहता. उसके परिजनों के पास उसकी डेड बॉडी पहुंचे, इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था और सरकार को पूरा प्रयास करना चाहिए. मैंने मानवाधिकार आयोग से इस पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की है, क्योंकि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन नहीं किया गया है."- एसके झा, अधिवक्ता और याचिकाकर्ता