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गंगोत्री ट्रेक पर चीड़वासा नाले में फंसे 5 वैज्ञानिकों समेत 38 लोगों का रेस्क्यू, दो कांवड़िए लापता, गोमुख तपोवन ट्रेक यात्रा पर फिलहाल रोक - Gaumukh Trek Rescue Operation - GAUMUKH TREK RESCUE OPERATION

Gangotri Gaumukh Trek Uttarkashi उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री-गोमुख ट्रेक पर चीड़वासा नाले की वजह से फंसे 38 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है. अभी भी 2 कांवड़िए लापता चल रहे हैं. वहीं, गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने गोमुख की यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है.

Gangotri Gaumukh Trek Uttarkashi
चीड़वासा नाले में रेस्क्यू अभियान (फोटो- एसडीआरएफ)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 5, 2024, 6:59 PM IST

Updated : Jul 5, 2024, 7:57 PM IST

उत्तरकाशी: गंगोत्री-गोमुख ट्रेक पर चीड़वासा नाले के उफान में आने के कारण फंसे 38 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जिन्हें अब एसडीआरएफ और वन विभाग की टीम रेस्क्यू कर गंगोत्री धाम ला रही है. वहीं, गुरुवार को बहे दो कांवड़ियों का अभी कुछ पता नहीं लग पाया है.

गौर हो कि बीती रोज यानी 4 जुलाई को दिल्ली निवासी दो कांवड़िए चीड़वासा नाले का पानी बढ़ने के कारण उसके तेज बहाव में बह गए थे. इसकी सूचना उनके दोस्त ने कनूख बैरियर पर दी थी. जिसके बाद वन विभाग और एसडीआरएफ की मौके पर पहुंची. शुक्रवार यानी आज भी दोनों को ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन तेज बहाव के कारण उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट ने बताया कि चीड़वासा नाला बढ़ने के कारण वहां पर 35 यात्री समेत भूविज्ञान संस्थान के 5 अधिकारी और कर्मचारी फंस गए थे. इसमें से सभी लोगों को एसडीआरएफ ने रोप और रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकालकर कनखू बैरियर के लिए भेज दिया है.

वहीं, उत्तरकाशी रेस्क्यू टीम प्रभारी ने सैटेलाइट फोन के माध्यम से बताया कि एसडीआरफ की टीम ने 38 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, जिसमें 25 कांवड़िए, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के 5 महिला कर्मचारी और 8 यात्री शामिल हैं. जबकि, 2 कांवड़िए अभी लापता चल रहे हैं.

गोमुख यात्रा पर गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने लगाई रोक: गोमुख तपोवन ट्रेक की यात्रा पर गंगोत्री नेशनल पार्क की ओर से अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है. चीड़बासा में मार्ग अवरूद्ध होने के कारण किसी भी यात्री और ट्रेकर्स को अग्रिम आदेशों तक कनखू बैरियर से आगे नहीं जाने दिया जाएगा. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद और बीती गुरुवार को चीड़बासा नाले के उफान के आने पर अब गोमुख ट्रेक पर आवाजाही सुरक्षित नहीं है. इसलिए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने अग्रिम आदेशों तक गोमुख यात्रा पर रोक लगा दी है.

इस यात्रा पर रोक लगने के कारण इस बार कांवड़ियों को गंगोत्री से ही जलभर कर वापस लौटना पड़ेगा. क्योंकि, गोमुख से जल भरने के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों से कांवड़िए सावन माह से शुरू होने से पहले ही उत्तरकाशी जिले में पहुंच जाते हैं, ताकि वो समय पर अपने शिवालयों तक पहुंच सकें.

वहीं, गंगोत्री धाम और गोमुख के लिए कांवड़ियों के जत्थों का आने का सिलसिला जारी है. राजस्थान के भरतपुर से पहुंचे कांवड़ियों के जत्थे ने बताया कि वो गोमुख से गंगा जल भरना चाहते हैं, लेकिन अब गोमुख यात्रा पर रोक लगने के कारण उन्हें गंगोत्री से ही जल भरना पड़ेगा.

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उत्तरकाशी: गंगोत्री-गोमुख ट्रेक पर चीड़वासा नाले के उफान में आने के कारण फंसे 38 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जिन्हें अब एसडीआरएफ और वन विभाग की टीम रेस्क्यू कर गंगोत्री धाम ला रही है. वहीं, गुरुवार को बहे दो कांवड़ियों का अभी कुछ पता नहीं लग पाया है.

गौर हो कि बीती रोज यानी 4 जुलाई को दिल्ली निवासी दो कांवड़िए चीड़वासा नाले का पानी बढ़ने के कारण उसके तेज बहाव में बह गए थे. इसकी सूचना उनके दोस्त ने कनूख बैरियर पर दी थी. जिसके बाद वन विभाग और एसडीआरएफ की मौके पर पहुंची. शुक्रवार यानी आज भी दोनों को ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन तेज बहाव के कारण उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट ने बताया कि चीड़वासा नाला बढ़ने के कारण वहां पर 35 यात्री समेत भूविज्ञान संस्थान के 5 अधिकारी और कर्मचारी फंस गए थे. इसमें से सभी लोगों को एसडीआरएफ ने रोप और रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकालकर कनखू बैरियर के लिए भेज दिया है.

वहीं, उत्तरकाशी रेस्क्यू टीम प्रभारी ने सैटेलाइट फोन के माध्यम से बताया कि एसडीआरफ की टीम ने 38 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, जिसमें 25 कांवड़िए, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के 5 महिला कर्मचारी और 8 यात्री शामिल हैं. जबकि, 2 कांवड़िए अभी लापता चल रहे हैं.

गोमुख यात्रा पर गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने लगाई रोक: गोमुख तपोवन ट्रेक की यात्रा पर गंगोत्री नेशनल पार्क की ओर से अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है. चीड़बासा में मार्ग अवरूद्ध होने के कारण किसी भी यात्री और ट्रेकर्स को अग्रिम आदेशों तक कनखू बैरियर से आगे नहीं जाने दिया जाएगा. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद और बीती गुरुवार को चीड़बासा नाले के उफान के आने पर अब गोमुख ट्रेक पर आवाजाही सुरक्षित नहीं है. इसलिए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने अग्रिम आदेशों तक गोमुख यात्रा पर रोक लगा दी है.

इस यात्रा पर रोक लगने के कारण इस बार कांवड़ियों को गंगोत्री से ही जलभर कर वापस लौटना पड़ेगा. क्योंकि, गोमुख से जल भरने के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों से कांवड़िए सावन माह से शुरू होने से पहले ही उत्तरकाशी जिले में पहुंच जाते हैं, ताकि वो समय पर अपने शिवालयों तक पहुंच सकें.

वहीं, गंगोत्री धाम और गोमुख के लिए कांवड़ियों के जत्थों का आने का सिलसिला जारी है. राजस्थान के भरतपुर से पहुंचे कांवड़ियों के जत्थे ने बताया कि वो गोमुख से गंगा जल भरना चाहते हैं, लेकिन अब गोमुख यात्रा पर रोक लगने के कारण उन्हें गंगोत्री से ही जल भरना पड़ेगा.

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Last Updated : Jul 5, 2024, 7:57 PM IST
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