रांची: राजधानी रांची की जनता को इन दिनों आलू, प्याज और अन्य हरी सब्जियों की बढ़ी कीमत ने परेशान कर रखा है. अरगोड़ा सब्जी बाजार में आज बिक रहे सब्ज़ियों की कीमत की बात करें तो लाल आलू (फाइन क्वालिटी) जहां 50 रुपये किलो बिक रहे हैं. वहीं प्याज भी 50 से 60 रुपये किलो बिक रहे हैं.
आलू प्याज के बढ़ते दाम को लेकर ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने इसकी वजह जानने की कोशिश की. इस पड़ताल में पता चला कि पिछले दो दिनों में आलू प्याज के थोक दामों में दो से चार रुपये प्रति किलो की कमी के बावजूद खुदरा सब्जी विक्रेताओं ने न तो दाम घटाए बल्कि थोक मूल्य पर 70 से 90% तक मुनाफा रखकर आलू प्याज बेच रहे हैं. पंडरा थोक बाजार में शुक्रवार को लाल आलू 22 से 26 रुपये किलो बिका, वहीं प्याज 28 से 32 रुपये किलो बिका है. राजधानी के अलग-अलग खुदरा सब्जी बाजार में लाल आलू 45-50 रुपये किलो यानी थोक बाजार मूल्य से दोगुनी कीमत पर बेची जा रही है जबकि प्याज भी खुदरा बाजार में आज 50-55 रुपये किलो बिक रहा है.
दो दिनों में घटे हैं आलू प्याज के दाम- मदन प्रसाद
रांची के पंडरा स्थित सबसे बड़े मंडी में आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष मदन प्रसाद कहते हैं कि पिछले दो तीन दिनों से आलू और प्याज के दाम में कमी आयी है. थोक बाजार मंडी में पर्याप्त मात्रा में आलू और प्याज का स्टॉक है. उन्होंने बताया कि आज की तारीख में 1230 टन से 1500 टन आलू-प्याज स्टॉक में है. ऐसे में आलू प्याज के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी खुदरा बाजार में क्यों है, यह बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि आज 28 जून को पंडरा बाजार समिति में लाल आलू 22 से 26 रु. किलो बिका है जबकि प्याज 28 से 32 रु. किलो बिका है.
एक किलो आलू-प्याज बेच कर 22-24 रु. कमा रहे खुदरा सब्जी विक्रेता
अगर 28 जून के खुदरा बाजार और थोक बाजार की कीमत की तुलना करें तो मुनाफाखोरी में खुदरा दुकानदार थोक रेट से लगभग दोगुने कीमत आम जनता से वसूल रहे हैं. खुदरा सब्जी बाजार पर सरकार अपना कोई नियंत्रण नहीं रखती यही वजह है कि अनाप-शनाप दलील देकर खुदरा सब्जी दुकानदार जमकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं और जनता परेशान हैं.
क्या कहते हैं खुदरा सब्जी विक्रेता
आलू-प्याज की थोक मंडी में दाम काफी कम होने के बावजूद खुदरा बाजार में दुगुने कीमत पर आलू-प्याज बेचने को लेकर अरगोड़ा सब्जी बाजार की महिला सब्जी दुकानदार रानी देवी कहती हैं कि हम लोग थोक बाजार से आलू प्याज नहीं खरीदते हैं बल्कि बीच का व्यापारी से खरीद कर बेचते हैं. इसलिए उनका दाम बढ़ जाता है. वहीं रामाशीष कहते हैं कि हमलोग क्या मुनाफाखोरी करेंगे, दिन भर गर्मी, बारिश में रोड किनारे सब्जी बेचते है तो किसी तरह घर चलता है. हमलोग छोटे दुकानदार हैं, खुद पंडरा से आलू प्याज नहीं लाते हैं, जो वहां से लाकर हमें देता है उसी मूल्य पर दो चार रुपया रखकर सब्जी बेचते हैं.
हरी सब्जियां भी महंगी
राजधानी रांची के सब्जी बाजार में सिर्फ आलू प्याज ही महंगा नहीं बिक रहा है. अभी ठीक से बरसात भी शुरू नहीं हुआ है और हरी सब्जियों की कीमत आसमान छूने लगी है. पटनिया परवल 80 रु. किलो, कच्चू 70 रु. किलो, गोभी 60 रु. किलो, कच्चा केला 50 रु. किलो, लाल साग 50 रु. किलो, बैगन 60 रु. किलो, भिंडी 50 रु. किलो, हरा धनिया 30 रु./100g, अदरख 200 रु. किलो, लहसुन 300 रु. किलो बिक रहा है. टमाटर भी खुदरा बाजार में 50 से 60 रुपये किलो बिक रहा है.
अरगोड़ा सब्जी बाजार में सब्जी खरीदने आयीं पुंदाग की प्रीति सिंह कहती हैं कि पिछले कुछ दिनों में आलू प्याज से लेकर किचन का हर सामान महंगा हुआ है. महंगाई की वजह से घर का बजट बिगड़ा हुआ है और अब सब्जियों को वह किलो की जगह पाव में खरीद कर किसी तरह खर्च मैनेज कर रही हैं. वह कहती हैं कि सरकार को सब्ज़ियों और अनाज के दाम नियंत्रण में रखने के लिए कदम उठाना चाहिए.
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