देहरादून: उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मिजोरम के राज्यपाल रहे अजीज कुरैशी का भोपाल के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है. उत्तराखंड में राज्यपाल रहते हुए कुरैशी कई बार चर्चाओं में आए. साल 2013 में आई आपदा के बाद उनकी भूमिका काफी अहम रही थी. वहीं, अजीज कुरैशी के निधन पर उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम हरीश रावत समेत तमाम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.
साल 2012 से 2015 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे अजीज कुरैशी: बताया जा रहा है कि पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी का स्वास्थ्य लंबे समय से ठीक नहीं चल रहा था. डॉक्टर कुरैशी ने उत्तराखंड में राज्यपाल रहते हुए अपना लंबा समय बिताया. 15 मई 2012 को अजीज कुरैशी उत्तराखंड के राज्यपाल बने थे. जबकि, 7 जनवरी 2015 को उन्हें इस पद से मुक्त किया गया.
साल 2013 की आपदा के दौरान केदारनाथ पुनर्निर्माण का काम के दौरान उन्होंने सरकार को कई अहम निर्देश दिए थे. वे अपनी संसदीय प्रणाली और संविधान को लेकर बेहद कड़े थे. यही वजह थी कि उनके राज्यपाल रहते हुए शायद ही कभी विपक्ष या किसी अन्य ने उनके किसी फैसले पर सवाल उठाए हों.
उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने जताया दुख: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर लिखा है कि 'डॉ. कुरैशी देवभूमि उत्तराखंड में वर्ष 2012 से वर्ष 2015 के मध्य राज्यपाल के पद पर रहे. उत्तराखंड के प्रति उनका सेवाभाव और जुड़ाव यहां के लोगों की स्मृतियों में सदैव रहेगा.'
हरीश रावत ने साझा किए कुरैशी के साथ के अनुभव: वहीं, पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किए पोस्ट में लिखा है, 'मेरा सौभाग्य था कि मैं भी उनके साथ भारत की लोकसभा का सदस्य रहा. कालांतर में जब वो उत्तराखंड के राज्यपाल बने तो उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्रियों को बराबर मार्गदर्शन देकर राज्य के सर्वांगीण विकास में अपने अनुभव का फायदा पहुंचाया.'
हरीश रावत आगे लिखते हैं कि, 'मुझे भी उनके साथ मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का सौभाग्य मिला. वो एक अभिभावक के रूप में थे, लंबे समय से रूग्ण चल रहे थे, लेकिन वे हमको छोड़कर के चले जाएंगे, इस समाचार पर सहसा विश्वास नहीं होता है. क्योंकि, वे एक खुश दिल इंसान थे. वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे. खुदा उनको जन्नत बख्शे.'
हरीश रावत ने अजीज कुरैशी के निधन को बताया बड़ी क्षति: इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अजीज कुरैशी के निधन को एक बड़ी क्षति बताया हैं. उनका कहना है कि यह उन लोगों के बड़ी क्षति है, जो कौमी भाई-चारे में विश्वास रखते हैं. गरीब और सामान्य लोगों के लिए समर्पण की राजनीति करते हैं.
अजीज कुरैशी ने ही शुरू की थी अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन की पहल: लेखक और समाजसेवी राधिका नागरथ ने बताया कि अजीज कुरैशी से उनका कई बार साक्षात्कार हुआ. वे भले ही पैदा मुस्लिम समाज में हुए हों, लेकिन उनकी पकड़ हिंदू धर्म ग्रंथों, देवी-देवताओं और सनातन धर्म को लेकर जितनी थी. राधिका बताती हैं कि उत्तराखंड में पहली बार अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन करवाने की पहल भी अजीज कुरैशी की ही थी.
वहीं, समाजसेवी राधिका नागरथ ने बताया कि इतना ही नहीं अजीज कुरैशी जब भी हरिद्वार के गंगा के तट पर आते थे, तब उनकी एक ही इच्छा रहती थी कि वो हरिद्वार के हरकी पैड़ी पर गंगा आरती को देखें, लेकिन वो कभी ब्रह्मकुंड पर नहीं जा पाए, लेकिन उन्होंने हमेशा मालवीय दीप से बैठकर आरती का आनंद लिया.
साइन में ॐ से शुरू किया अपना नाम: राधिका कहती हैं कि उनकी किताब के विमोचन पर अजीज कुरैशी आए थे. उन्होंने करीब 45 मिनट तक लोगों को एड्रेस किया. जब उन्होंने उनकी किताब पर अपना नाम लिखा तो अजीज शब्द का पहला अक्षर ॐ के साथ शुरू किया. राधिका बताती हैं कि वो उर्दू के अल्फाज जरूर अपने भाषण में बोलते थे, लेकिन हमेशा वो धर्म ग्रंथों से लिए गए शब्दों को अपने भाषणों में कहते थे.
उन्होंने एक बार बताया कि वो जब बाली या दूसरे देशों में गए तो उन्होंने देखा कि जो मुस्लिम समुदाय के जानकार या ज्ञानी थे, वो भी भगवान श्री राम को अपना आराध्य मानते थे. कई जगहों पर तो वो अपने नाम के आगे पंडित भी लिखते थे. ऐसे में पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी की हिंदू धर्म ग्रंथों में अच्छी पकड़ मानी जाती थी.
कई बार विवादों में घिरे अजीज कुरैशी: इसमें कोई दो राय नहीं है कि अजीज कुरैशी का ज्ञान हर क्षेत्र में था, लेकिन वो अपने बयानों को लेकर भी कई बार चर्चाओं में रहे. एक बार साल 2023 में उनका एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेताओं को जय मां गंगे नर्मदा मैया कहने पर फटकार लगाई थी. इस बयान के बाद उनकी खूब निंदा हुई.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने पाकिस्तान के नेता मोहम्मद अली जिन्ना को सबसे बड़ा देश भक्त बता दिया था. फिल्मों को लेकर वो हमेशा से बयान देते रहे. फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर भी उन्होंने एक विवादित बयान दिया था, जो खूब सुर्खियों में रहा.
ये भी पढ़ें-
- पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी का निधन, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
- मदरसों में गीता रामायण पर पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कही ये बात
- पुलवामा हमला एक साजिश, मोदी जिम्मेदार: अजीज कुरैशी
- ईटीवी भारत से बोले पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी, 'राहुल बनेंगे पीएम, भाजपा फिरकापरस्त'
- पूर्व गवर्नर अजीज कुरैशी को राहत, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक
- प्रियंका गांधी के नर्मदा पूजन पर अजीज कुरैशी ने उठाए सवाल, जानें क्यों बोला तबाही की राह पर कांग्रेस