तिरुवनंतपुरम : केरल सरकार ने राज्य में अपात्र व्यक्तियों को धोखाधड़ी से दी गई सामाजिक सुरक्षा पेंशन को रद्द कर दिया है. इस बारे में अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य के वित्त विभाग ने गुरुवार को एक परिपत्र जारी कर पहले से आहरित धनराशि की वसूली और 18 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज लगाने का आदेश दिया है.
इसके अलावा अयोग्य व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलाने में सहयोग करने के आरोपी अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. ए. जयतिलक द्वारा जारी परिपत्र में नगर पालिकाओं और पंचायतों को आदेश का तत्काल अक्षरशः क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया गया है. यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब विभाग ने पाया कि पेंशन प्रबंधन प्रणाली में आधार संख्या कर्मचारियों के वेतन रिकॉर्ड से मेल खाती है.
इस संबंध में वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल के आदेश के बाद सूचना केरल मिशन द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान इसका खुलासा हुआ. इसका उद्देश्य केरल में स्थानीय स्वशासन संस्थाओं का डिजिटलीकरण और नेटवर्किंग करना है. बाद में, जांच में धोखाधड़ी का मामला सामने आया, जिसके बाद तत्काल सुधारात्मक उपाय शुरू किए गए. जांच में यह भी पता चला कि दिव्यांग व्यक्तियों सहित कई सरकारी कर्मचारियों ने सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कल्याणकारी पेंशन का अवैध रूप से दावा किया था.
अधिकारियों ने बताया, "धोखाधड़ी में कम से कम 1,458 लोग राजपत्रित अधिकारी और कॉलेज शिक्षक शामिल थे. जिससे सरकारी नौकरी मिलने के बाद भी उन्हें 1,600 रुपये मासिक पेंशन मिलती रही." वहीं धोखाधड़ी के दावे प्रत्येक माह 23 लाख रुपये से अधिक के थे, जिससे राज्य के खजाने को लगभग 2.5 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान हो रहा था.
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