श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के युवा नेता और श्रीनगर संसदीय उम्मीदवार वहीद पारा ने चुनाव आयोग की नोटिस पर जवाब दिया है. अपने जवाब में पारा ने कहा कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है. साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि उनके बयानों का गलत अर्थ निकाला गया. बता दें कि आरोप है कि पारा ने अपने एक भाषण में चुनाव को नई दिल्ली के खिलाफ 'जनमत संग्रह' के बराबर बताया था. उनके इस कथित बयान पर चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया.
जम्मू-कश्मीर चुनाव आयोग द्वारा उनकी 'जनमत संग्रह' टिप्पणी पर नोटिस दिए जाने के एक दिन बाद पारा ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि उनकी जनमत संग्रह टिप्पणी को 'अनुमानों और धारणाओं के आधार पर' गलत समझा जा रहा है. पारा ने चुनाव आयोग को अपने दो पेज के जवाब में कहा कि वह भाषण जिसमें उन्होंने संसदीय चुनावों को नई दिल्ली के खिलाफ जनमत संग्रह के रूप में संदर्भित किया था, वास्तव में जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया को महत्व दे रहा था.
पारा ने कहा,'हालाँकि, दिए गए बयान में किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है. फिर भी अधिक स्पष्टता के लिए यह प्रस्तुत किया गया है कि इस पहलू का संदर्भ कि 'आगामी चुनाव किसी जनमत संग्रह से कम नहीं है', केवल वर्तमान चुनाव के महत्व की ओर इशारा करता है. इसके अवाला इसका अर्थ और कुछ नहीं.'
उन्होंने कहा, 'उनके बयान को संदर्भ से बाहर ले जाया गया और वहां से निकाला गया निष्कर्ष 'अनुमानों पर आधारित है, जो पूरी तरह से अनुचित है.' किसी भी व्यक्ति द्वारा निकाला गया कोई अन्य निष्कर्ष उनका इरादा नहीं था और इस तरह, उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.' आदर्श आचार संहिता के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीनगर के नोडल अधिकारी ने 9 मई को पारा को उनके एक अभियान भाषण का हवाला देते हुए नोटिस दिया था जिसमें उन्होंने चुनाव को नई दिल्ली के खिलाफ जनमत संग्रह के बराबर बताया था.
अधिकारी ने बताया है कि पारा के भाषण में 'समुदायों के बीच मतभेद बढ़ने की क्षमता है और इससे समाज में असंतोष पैदा हो सकता है.' पारा अपना पहला संसदीय चुनाव श्रीनगर सीट से लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीन बार के विधायक आगा रुहुल्ला मेहदी से है. श्रीनगर में 13 मई को मतदान होना है और प्रचार कल शाम को समाप्त हो जाएगा. श्रीनगर में 24 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला एनसी और पीडीपी के बीच है.