पटनाः बिहार की राजधानी पटना में कोचिंग संस्थानों की भरमार है. स्कूली शिक्षा से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाखों छात्र इन कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करते हैं, इनमें कई ऐसे कोचिंग संस्थान है जो बिहार कोचिंग नियमावली 2023 के मानकों पर खरे नहीं हैं. ऐसे में दिल्ली हादसे से सबक लेते हुए पटना डीएम ने सभी कोचिंग संस्थानों के निरीक्षण के आदेश दिए हैं. डीएम का कहना है कि इससे ये पता चल पाएगा कि आखिर कोचिंग संस्थान नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं ?
'नकेल कसने का इरादा नहीं': पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि बिहार कोचिंग नियमावली 2023 के अंतर्गत पटना में करीब 3000 कोचिंग संस्थाएं रजिस्टर्ड हैं. कई लोगों का कहना है कि इससे अधिक कोचिंग संस्थान चल रहे हैं ऐसे में इन सभी की जांच की जाएगी.
"दिल्ली की घटना को देखते हुए पटना में भी जांच टीम बनाई गयी हैं जो कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करेंगी. इसके लिए 6 टीम बनाई गई हैं जिसका नेतृत्व एसडीओ को दिया गया है. जिले में कई प्रकार के कोचिंग संस्थान चल रहे हैं और यह आज की एक जरूरत भी बन गई है. ऐसे में हमारा इरादा कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसना नहीं है बल्कि उनमें जरूरी मानकों का पालन कराना है."- डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
'दिल्ली की घटना बेहद दुःखद': डीएम ने कहा कि पटना में बड़ी संख्या में कोचिंग संस्थाएं हैं जिनमें लाखों छात्र पढ़ते हैं. ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया है कि इन कोचिंग संस्थानों का सत्यापन करा लें कि यह संस्थान नियम के अनुरूप चल रहे हैं या नहीं. अगर कुछ अकस्मात स्थिति होती है तो उससे निपटने के लिए संस्थानों में क्या तैयारी है, इसकी जांच जरूरी है. दिल्ली की घटना बहुत दुःखद रही है. इसलिए ही एहतियात के तौर पर जांच कराई जा रही है.
"2 साल पहले भी जांच करवाई गयी थी और इस दौरान मानकों के अनुरूप नहीं पाए जानेवाले कोचिंग संस्थान बंद कराए गए थे. हमारा उद्देश्य है कि कोचिंग संस्थान मानक के अनुरूप संचालित हों. जो कोचिंग संस्थान मानक के अनुरूप नहीं पाए जाएंगे उन्हें तब तक के लिए सील कर दिया जाएगा जब तक कि वो संस्थान खुद को मानक के अनुरूप तैयार नहीं कर लेता"-डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
'दो सप्ताह में रिपोर्ट देंगी जांच टीमः' डीएम ने बताया कि बिहार कोचिंग नियमावली 2023 के तहत स्पष्ट है कि कोचिंग संस्थान में क्लासरूम 300 स्क्वायर फीट का होना चाहिए. क्लासरूम में फायर एक्सटिंग्विशर और फर्स्ट एड अनिवार्य रूप से होने चाहिए. इसके अलावा फायर सेफ्टी को लेकर एनओसी जरूरी है. साथ ही बिहार सरकार से रजिस्टर्ड होना भी जरूरी है. इन सभी बातों की जांच एसडीओ के नेतृत्व में जांच टीम करेंगी और दो सप्ताह में टीम रिपोर्ट देंगी.
सोमवार को जारी किए जांच के आदेशः बता दें कि दिल्ली के आईएएस कोचिंग में हुए दुःखद हादसे के बाद पटना के डीएम ने सोमवार को ही पटना जिले में चल रहे करीब 20 हजार कोचिंग संस्थानों की जांच के आदेश जारी किये. इसको लेकर एसडीओ के नेतृत्व में 6 टीम गठित की गयी हैं जो ये सुनिश्चित करेगी कि सभी कोचिंग संस्थान बिहार कोचिंग नियमावली 2023 के मानकों के अनुरूप संचालित हों.
दिल्ली में हुए हादसे के बाद सतर्क जिला प्रशासनः 27 जुलाई को देश की राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के एक आईएएस कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में बारिश का पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गयी थी. इस बेसमेंट में नियमों की अनदेखी कर लाइब्रेरी का संचालन हो रहा था. दिल्ली में हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद पटना जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों की जांच कराने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ेंः20 हजार कोचिंग पर लटकी तलवार, दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद एक्शन में पटना डीएम - Patna Coaching Center