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पाकिस्तान से आए सैयद नकवी को जेल से रिहा करने का आदेश, जानिये क्या है पूरा मामला - Patna High Court

Pakistani citizen सैयद नकवी, जिनका जन्म अरवल में हुआ था, 1982-83 में अपनी नानी के साथ पाकिस्तान चला गया था. वहां की नागरिकता प्राप्त कर ली. 2012 में, अपने बीमार पिता को देखने के लिए वह वीजा लेकर भारत आया, लेकिन वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी रुका रहा. इसके कारण उसे 2016 में गिरफ्तार कर लिया गया. अब हाईकोर्ट ने उसको रिहा करने का फैसला सुनाया है. पढ़ें, विस्तार से.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 26, 2024, 9:37 PM IST

पटनाः पटना हाइकोर्ट ने भारतीय नागरिक नहीं होने के मामले में 2016 से जेल में बंद अरवल के सैयद नकवी को रिहा करने का आदेश दिया है. जस्टिस पीबी बजंथ्री एवं जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने सैयद नकवी की पत्नी अफ़सान निगार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया.

क्या है मामलाः सैयद नकवी जन्म अरवल में हुआ था. 1982-83 में उसकी नानी अपनी सेवा के लिए पाकिस्तान लेकर चली गयी. इस दौरान वहां नकवी को पाकिस्तान की नागरिकता मिल गयी. 2012 में नकवी के पिता ने संदेश भेजा कि वह बीमार हैं, नकवी पाकिस्तान से वीजा लेकर अरवल आया. वीजा की अवधि मात्र छह महीने थी. छह महीने में उसके पिता की तबीयत ठीक नहीं हुई.

बिना वीजा अवधि बढ़ाये रूक गयाः नकवी बिना वीजा की अवधि बढ़ाये भारत में रह गया. पुलिस ने इस आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को शक हुआ कि कहीं नकवी पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर तो नहीं आया है. हालांकि, बाद में जांच में यह आशंका गलत साबित हुई. नकवी ने पटना हाइकोर्ट में अपील की. हाइकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा. इस दौरान नकवी ने भारतीय मुस्लिम महिला से शादी भी कर ली.

सरकार ने कहा, नहीं है खतराः इस बीच जब भारतीय विदेश मंत्रालय ने जब पाकिस्तान से संपर्क किया, तो पाकिस्तान सरकार ने कहा कि नकवी ने जो पता बताया है, वह मिल नहीं रहा है. राज्य सरकार ने अपनी ओर से हलफनामा दायर कर कहा कि नकवी को लेकर कोई खतरा नहीं प्रतीत होता है, लेकिन नागरिकता पर फैसला लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है.

इसे भी पढ़ेंः 'ब्रेथ एनालईजर टेस्ट शराब सेवन का निर्णायक प्रमाण नहीं', पटना हाईकोर्ट ने जारी किया निलंबित कर्मी की बहाली का आदेश - Patna High Court

पटनाः पटना हाइकोर्ट ने भारतीय नागरिक नहीं होने के मामले में 2016 से जेल में बंद अरवल के सैयद नकवी को रिहा करने का आदेश दिया है. जस्टिस पीबी बजंथ्री एवं जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने सैयद नकवी की पत्नी अफ़सान निगार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया.

क्या है मामलाः सैयद नकवी जन्म अरवल में हुआ था. 1982-83 में उसकी नानी अपनी सेवा के लिए पाकिस्तान लेकर चली गयी. इस दौरान वहां नकवी को पाकिस्तान की नागरिकता मिल गयी. 2012 में नकवी के पिता ने संदेश भेजा कि वह बीमार हैं, नकवी पाकिस्तान से वीजा लेकर अरवल आया. वीजा की अवधि मात्र छह महीने थी. छह महीने में उसके पिता की तबीयत ठीक नहीं हुई.

बिना वीजा अवधि बढ़ाये रूक गयाः नकवी बिना वीजा की अवधि बढ़ाये भारत में रह गया. पुलिस ने इस आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को शक हुआ कि कहीं नकवी पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर तो नहीं आया है. हालांकि, बाद में जांच में यह आशंका गलत साबित हुई. नकवी ने पटना हाइकोर्ट में अपील की. हाइकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा. इस दौरान नकवी ने भारतीय मुस्लिम महिला से शादी भी कर ली.

सरकार ने कहा, नहीं है खतराः इस बीच जब भारतीय विदेश मंत्रालय ने जब पाकिस्तान से संपर्क किया, तो पाकिस्तान सरकार ने कहा कि नकवी ने जो पता बताया है, वह मिल नहीं रहा है. राज्य सरकार ने अपनी ओर से हलफनामा दायर कर कहा कि नकवी को लेकर कोई खतरा नहीं प्रतीत होता है, लेकिन नागरिकता पर फैसला लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है.

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