पटना: पटना हाई कोर्ट ने भारती एयरटेल मोबाइल ऑपरेटर के फाउंडर एवं अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल के खिलाफ दायर आपराधिक मामले को निरस्त करने का आदेश दिया है. जस्टिस विवेक चौधरी ने मित्तल की ओर से दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को मंजूर करते हुए ये फैसला सुनाया. यह आपराधिक मामला एयरटेल कंपनी के ही एक कर्मी अमित विक्रम ने दायर की थी.
क्या आरोप लगाए थे?: अमित विक्रम ने आरोप लगाया था कि पटना के एयरटेल दफ्तर में फर्जी तरीके से एयरटेल के सिम बांटकर मोबाइल ग्राहक बनाया जा रहा है. जिसकी शिकायत करने पर भी सीनियर अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी. परिवादी ने यह भी आरोप लगाया किया यह सब एयरटेल के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल के इशारे पर हो रहा था.
मित्तल के अधिवक्ता ने रखी दलीलः इस परिवाद पत्र पर संज्ञान लेते हुए पटना के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय ने 25 जनवरी 2019 को एयरटेल प्रमुख सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ 467/468 एवम 120 B (अपराधिक षड्यंत्र ) के तहत दंडनीय अपराधों का संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था. मित्तल की तरफ से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मोबाइल एवं टेलीकॉम संबंधित सिम की फर्जी या अन्य गड़बड़ियों की शिकायत कोई भी आम आदमी या कोई परिवादी नहीं कर सकता. यह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की एक विशेष शाखा की जांच पड़ताल एवं ऑडिट करने के बाद दायर की जा सकती है.
क्षेत्राधिकार से बाहर का मामलाः मित्तल के अधिवक्ता ने कहा कि यह कानूनी सिद्धांत सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में ही अपने एक न्याय आदेश से प्रतिपादित किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तय किए हुए न्यायिक सिद्धांत के विपरीत जाकर पटना के न्यायिक दंडाधिकारी ने एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर आपराधिक मामले का संज्ञान लिया, जो कि उनके क्षेत्राधिकार से बाहर था.
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