हल्द्वानी (उत्तराखंड): योग गुरु रामदेव बाबा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब पतंजलि का एक प्रोडक्ट फेल होने पर तीन लोगों को सजा होने के बाद पतंजलि एक बार फिर से चर्चाओं में है. पिथौरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पतंजलि के इलायची सोन पापड़ी के सैंपल फेल होने पर दुकानदार समेत कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर और डिस्ट्रीब्यूटर को 6 महीने की सजा के साथ जुर्माना लगाया है.
6 महीने की जेल की सजा: दरअसल, 18 मई को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी और दुकानदार लीलाधर पाठक को 6 महीने के कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही तीनों पर अर्थदंड भी लगाया गया है. आरोपियों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की संबंधित धाराओं में सजा सुनाई गई है.
पिथौरागढ़ के खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि 17 सितंबर 2019 को बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान से पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए गए थे. सैंपल को उधमसिंह नगर राजकीय प्रयोगशाला में भेजा गया था. जहां साल 2020 में जांच में सोनपापड़ी असुरक्षित पाई गई.
इसके बाद कंपनी के सैंपल को गाजियाबाद स्थित सेंट्रल लैब से जांच कराया गया, लेकिन सेंट्रल लैब से भी जांच रिपोर्ट में सोन पापड़ी असुरक्षित के श्रेणी में पाई गई. इसके बाद बेरीनाग दुकान मालिक लीलाधर पाठक, डिस्ट्रीब्यूटर अजय जोशी और पतंजलि के असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
पूरे मामले में मुख्य नई मजिस्ट्रेट पिथौरागढ़ संजय सिंह की अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत तीनों आरोपियों को 6 महीने की कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दुकानदार लीलाधर पाठक को 5 हजार रुपए और जुर्माना न भरने पर 7 दिन की अतिरिक्त सजा, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी को 10 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
इसके अलावा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड यूनिट तृतीय, पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क लक्सर के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार को 25 हजार रुपए की जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना न भरने पर एक महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. मामले में सहायक अभियोजन अधिकारी रितेश वर्मा ने परिवादी की तरफ से पैरवी की.
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