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जयशंकर ने नेहरू पर साधा निशाना, कहा-PoK जैसे मुद्दों के लिए पिछली गलतियां जिम्मेदार - Jaishankar slams Nehru

Jaishankar targeted former PM Nehru: विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने अहमदाबाद में गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में अपने संबोधन के दौरान पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की आलोचना की. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

Jaishankar targeted former PM Nehru (Photo IANS)
जयशंकर ने पूर्व पीएम नेहरू पर साधा निशाना (फोटो आईएएनएस)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 3, 2024, 10:27 AM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने मंगलवार को एक बार फिर पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की आलोचना की और दावा किया कि पीओके (PoK) और कुछ भारतीय क्षेत्रों पर चीन के कब्जे जैसे मुद्दों के लिए पिछली गलतियाँ जिम्मेदार हैं. अहमदाबाद में गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने एक ऐतिहासिक उदाहरण का जिक्र किया जब भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की पेशकश की गई थी. इसमें नेहरू के कथित बयान 'भारत दूसरे, चीन पहले' पर प्रकाश डाला.'

अपनी टिप्पणी के दौरान जयशंकर ने कहा, '1950 में (तत्कालीन गृह मंत्री) सरदार पटेल ने तत्कालीन पीएम नेहरू को चीन के बारे में चेतावनी दी थी. पटेल ने नेहरू से कहा था कि आज पहली बार हम दो मोर्चों (पाकिस्तान और चीन) पर स्थिति का सामना कर रहे हैं. जिसका सामना भारत ने पहले कभी नहीं किया था. पटेल ने नेहरू से यह भी कहा कि वह चीनियों की बातों पर विश्वास नहीं करते क्योंकि उनके इरादे कुछ और ही लगते हैं और हमें सावधानी बरतनी चाहिए.'

उन्होंने आगे कहा, 'नेहरू का रुख पूरी तरह से असहमतिपूर्ण था. उन्होंने पटेल को जवाब दिया कि आप अनावश्यक रूप से चीनियों पर संदेह करते हैं. इसके अलावा, कोई भी हिमालय के पार हम पर हमला नहीं कर सकता है. कुछ साल बाद संयुक्त राष्ट्र में इस बात पर बहस हुई कि क्या भारत को दिया जाना चाहिए उस समय संयुक्त राष्ट्र की एक सीट? तो उस समय नेहरू ने कहा, 'हम एक सीट के हकदार हैं, लेकिन पहले हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन को एक सीट मिले. इसलिए आज हम पहले भारत की बात कर रहे हैं. एक समय था जब भारत के पीएम पहले चीन के बारे में बात की.'

जयशंकर ने कहा, 'आज जब हम अपनी सीमाओं के बारे में बात करते हैं, तो कुछ लोग कहते हैं कि हमारी सीमाओं को फिर से लिखें. हमारी सीमाएं अभी भी हमारी सीमाएं हैं, हमें इस पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए. कश्मीर के मामले में हमारे पास एक संसद प्रस्ताव है (पीओके के संबंध में) और हर किसी को इसका सम्मान करना होगा.

इससे पहले सोमवार को जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश में 30 और स्थानों के नाम बदलने और उनके दावों को लेकर चीन पर निशाना साधते हुए कहा, 'नाम बदलने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.' जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक राज्य था, है और हमेशा रहेगा.' अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जायेगा? अरुणाचल प्रदेश भारत का एक राज्य था, है और रहेगा. उन्होंने कहा, 'नाम बदलने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता.' चीन ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की. चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है और उसने राज्य का नाम जांगनान रखा है.

ये भी पढ़ें- चीन के दावे पर जयशंकर ने किया कटाक्ष- 'आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या मेरा हो जाएगा?' - Jaishankar Jibe At China

नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने मंगलवार को एक बार फिर पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की आलोचना की और दावा किया कि पीओके (PoK) और कुछ भारतीय क्षेत्रों पर चीन के कब्जे जैसे मुद्दों के लिए पिछली गलतियाँ जिम्मेदार हैं. अहमदाबाद में गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने एक ऐतिहासिक उदाहरण का जिक्र किया जब भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की पेशकश की गई थी. इसमें नेहरू के कथित बयान 'भारत दूसरे, चीन पहले' पर प्रकाश डाला.'

अपनी टिप्पणी के दौरान जयशंकर ने कहा, '1950 में (तत्कालीन गृह मंत्री) सरदार पटेल ने तत्कालीन पीएम नेहरू को चीन के बारे में चेतावनी दी थी. पटेल ने नेहरू से कहा था कि आज पहली बार हम दो मोर्चों (पाकिस्तान और चीन) पर स्थिति का सामना कर रहे हैं. जिसका सामना भारत ने पहले कभी नहीं किया था. पटेल ने नेहरू से यह भी कहा कि वह चीनियों की बातों पर विश्वास नहीं करते क्योंकि उनके इरादे कुछ और ही लगते हैं और हमें सावधानी बरतनी चाहिए.'

उन्होंने आगे कहा, 'नेहरू का रुख पूरी तरह से असहमतिपूर्ण था. उन्होंने पटेल को जवाब दिया कि आप अनावश्यक रूप से चीनियों पर संदेह करते हैं. इसके अलावा, कोई भी हिमालय के पार हम पर हमला नहीं कर सकता है. कुछ साल बाद संयुक्त राष्ट्र में इस बात पर बहस हुई कि क्या भारत को दिया जाना चाहिए उस समय संयुक्त राष्ट्र की एक सीट? तो उस समय नेहरू ने कहा, 'हम एक सीट के हकदार हैं, लेकिन पहले हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन को एक सीट मिले. इसलिए आज हम पहले भारत की बात कर रहे हैं. एक समय था जब भारत के पीएम पहले चीन के बारे में बात की.'

जयशंकर ने कहा, 'आज जब हम अपनी सीमाओं के बारे में बात करते हैं, तो कुछ लोग कहते हैं कि हमारी सीमाओं को फिर से लिखें. हमारी सीमाएं अभी भी हमारी सीमाएं हैं, हमें इस पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए. कश्मीर के मामले में हमारे पास एक संसद प्रस्ताव है (पीओके के संबंध में) और हर किसी को इसका सम्मान करना होगा.

इससे पहले सोमवार को जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश में 30 और स्थानों के नाम बदलने और उनके दावों को लेकर चीन पर निशाना साधते हुए कहा, 'नाम बदलने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.' जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक राज्य था, है और हमेशा रहेगा.' अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जायेगा? अरुणाचल प्रदेश भारत का एक राज्य था, है और रहेगा. उन्होंने कहा, 'नाम बदलने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता.' चीन ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की. चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है और उसने राज्य का नाम जांगनान रखा है.

ये भी पढ़ें- चीन के दावे पर जयशंकर ने किया कटाक्ष- 'आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या मेरा हो जाएगा?' - Jaishankar Jibe At China
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