नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा को संबोधित किया. पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में हंगामा किया और बीच में 'एलओपी, एलओपी' के नारे लगाए. इतना ही नहीं विपक्ष पीएम मोदी के भाषण के बीच सदन से बाहर चले गए. इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ खफा हो गए और विपक्ष को खरी-खोटी सुनाई.
उन्होंने कहा, "मैं अत्यंत दर्दनाक, पीड़ादायक और अमर्यादित आचरण से दुखी हूं. शासन लगातार तीसरे कार्यकाल में है. मैंने चर्चा की और अनुरोध किया. मैंने नेता प्रतिपक्ष को बिना रोक-टोक बोलने की अवसर दिया. आज वे सदन छोड़कर नहीं गए है, मर्यादा छोड़ कर गए हैं. "
जगदीप धनखड़ ने की विपक्ष की निंदा
धनखड़ ने आगे कहा कि आज उन्होंने (विपक्ष) मुझे पीठ नहीं दिखाई है बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई है. आज उन्होंने मेरा अनादर नहीं किया है, बल्कि उस शपथ का अनादर किया जो संविधान के तहत ली है. भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती. मैं उनके इस आचरण की निंदा करता हूं.
'भारतीय संविधान की भावना का अपमान'
सभापति ने आगे कहा कि यह एक ऐसा अवसर है, जहां उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है. उन्होंने भारतीय संविधान की भावना का अपमान किया. भारतीय संविधान कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आप अपने हाथों में थाम लें, यह जीवन जीने की पुस्तक है. मुझे उम्मीद है कि वे आत्मनिरीक्षण करेंगे और कर्तव्य पथ पर चलेंगे.
पीएम मोदी ने साधा निशाना
विपक्ष के वॉकआउट करने पर पीएम मोदी ने कहा, "देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच सुनने की ताकत नहीं है, जिनमें सच का सामना करने का साहस नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठाए गए सवालों के जवाब सुनने का साहस नहीं है. वे उच्च सदन का और उसकी गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं."
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