नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला को अपने भाषण से हटाए गए अंशों और टिप्पणियों को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने मंगलवार को लिख इस पत्र में अनुरोध किया है कि उनकी बयान को रिस्टोर किया जाए. रायबरेली के सांसद ने यह भी दावा किया कि स्पीकर की कार्रवाई लोकसभा के नियमों के खिलाफ है.
कांग्रेस नेता ने पत्र में लिखा, "मैं यह पत्र 1 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मेरे भाषण से निकाली गई अपनी टिप्पणियों और अंशों के संदर्भ में लिख रहा हूं. चूंकि सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियां हटाने की शक्ति प्राप्त है, लेकिन इसमें केवल उन शब्दों को निकालने का प्रावधान है, जिनकी प्रकृति लोकसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 380 में निर्दिष्ट की गई है."
Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi writes to Speaker Om Birla over the remarks and portions from his speech expunged; requests that the remarks be restored.
— ANI (@ANI) July 2, 2024
The letter reads, " ...shocked to note the manner in which considerable portion of my speech have been simply… pic.twitter.com/zoD8A0xvlc
उन्होंने आगे कहा, "मैं यह देखकर हैरान हूं कि मेरे भाषण का एक बड़ा हिस्सा कार्यवाही से हटा दिया गया है. मैं यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए अंश नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं. मैं सदन में जो संदेश देना चाहता था, वह जमीनी हकीकत है और वे तथ्यात्मक भी हैं."
'सदन में लोगों की चिंताएं उठाने का अधिकार'
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा कि सदन का प्रत्येक सदस्य जो लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है. सदन में लोगों की चिंताओं को उठाना प्रत्येक सदस्य का अधिकार है."
'टिप्पणी हटाना संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ'
मैं देश की जनता के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए कल इस अधिकार का प्रयोग कर रहा था. रिकॉर्ड से मेरी टिप्पणी हटाना संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. इस संदर्भ में मैं आपका ध्यान अनुराग ठाकुर के भाषण की ओर भी आकर्षित करना चाहता हूं, जिनका भाषण आरोपों से भरा था. हालांकि, उनके बयान से केवल एक शब्द हटाया गया है.
बता दें कि लोकसभा में सोमवार को दिए राहुल गांधी के भाषण के कई हिस्से, जिनमें नीट विवाद और अग्निपथ योजना को लेकर बीजेपी पर उनके हमले शामिल हैं, संसद के रिकॉर्ड से हटा दिए गए. इसके अलावा हिंदू धर्म पर उनकी टिप्पणी, जिसके कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना पड़ा था, उसको को भी हटा दिया गया है.