नई दिल्ली: एक तरफ नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी की दिल्ली में मुलाकात होनी है. वहीं संसद की कार्यवाही के दौरान जेडीयू और बीजेपी में जमकर बहसबाजी हुई. प्रश्नकाल के दौरान जेडीयू सांसद महाबली सिंह ने बिहार की बंद चीनी मिलों को लेकर प्रश्न करते हुए पूछा कि बंद मिलों को कब तक केंद्र सरकार चालू कराएगी. इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चुटकी ली और कहा कि वे शायद अभी भी इतिहास में ही हैं.
जेडीयू सांसद ने उठाया बंद पड़े चीनी मिलों का मुद्दा: दरअसल प्रश्नकाल के दौरान काराकाट से जेडीयू सांसद महाबली सिंह ने पूछा कि आजादी के बाद बिहार में 35 चीनी मिल काम करती थी, धीरे-धीरे एक एक चीनी मिल बंद हो गई. मात्र बिहार में 9 चीनी मिल काम कर रही है. जो चीनी मिल बिहार में बंद हैं, उस चीनी मिल को आप चालू करना चाहती हैं.
"माननीय प्रधानमंत्री ने चीनी उद्योग के लिए पिछले दिनों बड़ा ऐलान किया था. चीनी मिल तो केन्द्र सरकार के अधीन है. जो किसान गन्ने का उत्पादन बहुत मेहनत से करते हैं, उन्हें उनका सही मूल्य और भुगतान नहीं होता है. किसान मिल और प्रबंधन का चक्कर काटते रहते है. ऐसे में केंन्द्र कोई कानून क्यों नहीं बनाती है."- महाबली सिंह, जेडीयू सांसद, काराकाट
'चीनी मिल लगाना केन्द्र सरकार का विषय नहीं'- साध्वी निरंजन: महाबली सिंह के सवाल का उपभोक्ता मामले व खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि 'चीनी मिल लगाना केन्द्र सरकार का विषय नहीं है, यह राज्य सरकार का विषय है.'
पीयूष गोयल का लोकसभा में जवाब: वहीं उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब देते हुए कहा कि चीनी मिलों में आज से 10-12 साल पहले गन्ना किसानों को तकलीफ होती थी, समय पर पैसा नहीं मिलता था. सड़कों पर प्रदर्शन करना पड़ता था. लेकिन साल 2014 में पीएम मोदी के आने के बाद कई सारे कदम उठाए गए. जैसे किसानों को सही दाम मिले. किसानों को भुगतान के लिए चीनी मिलों को जो पैसे का अभाव होता था, उसके लिए ईथलोन को प्राथमिकता दी गई.
''चीनी मिल की आमदनी बढ़ी. आज की तारीख में 99 फीसदी किसानों के भुगतान समय पर हो रहा है, सड़कों पर कोई प्रदर्शन, आंदोलन नहीं हो रहे है. 2013-14 में गन्ना का कुल भुगतान 57 हजार करोड़ था. हमारी सरकार आने के बाद 2022-23 में गन्ने का उत्पादन डेढ़ गुना हो गया. किसानों को एक लाख 15 करोड़ भुगतान होना था. जिनमें एक लाख 14 हजार करोड़ भुगतान हो गया है. मात्र 516 करोड़ बकाया है.''- पीयूष गोयल, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री
JDU और BJP में गरमा गरम बहस: पीयूष गोयल जवाब देकर बैठ ही थे कि विपक्ष के सदस्यों ने इस दौरान 'बकवास' शब्द का इस्तेमाल कर दिया. इस पर सत्ता पक्ष ने नाराजगी जाहिर की और इस शब्द को कार्यवाही से हटाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. वहीं पीयूष गोयल द्वारा महाबली सिंह पर टिप्पणी करने को लेकर भी हंगामा हुआ. पीयूष गोयल ने कहा कि महाबली इतिहास में ही हैं. उन्हें विगत 10 सालों में क्या-क्या परिवर्तन हुए इसकी जानकारी नहीं है.
इसे भी पढ़ें-
बगहा में चीनी मिल के खिलाफ I.N.D.I.A का धरना, किसान नेताओं ने दी आत्मदाह की चेतावनी
Bihar Politics : '..वोट मांगने नहीं आउंगा', प्रशांत किशोर ने PM मोदी से पूछा- 'क्या हुआ आपका वादा'