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युगांडा में आयोजित चैंपियनशिप में पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी जतिन आजाद ने जीता 'गोल्ड' - Para Badminton player Jatin Azad

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 20, 2024, 8:24 PM IST

Uganda Para Badminton 2024: युगांडा में आयोजित चैंपियनशिप में पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी जतिन आजाद ने पुरुष एकल वर्ग और पुरुष युगल जोड़ी में दो स्वर्ण पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया.

बैडमिंटन खिलाड़ी जतिन आजाद
बैडमिंटन खिलाड़ी जतिन आजाद (Etv Bharat)

नई दिल्लीः अगर आपके मन में किसी खेल के प्रति मेहनत करने का जुनून हो तो विपरीत परिस्थितियां भी आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक पाती है. राजधानी दिल्ली के 16 वर्षीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी जतिन आजाद ने ऐसा ही कर दिखाया. जतिन ने पिछले हफ्ते ही युगांडा में आयोजित प्रतियोगिता के पुरुष एकल वर्ग और पुरुष युगल जोड़ी में दो स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया.

जतिन अपने माता-पिता के साथ दिल्ली के द्वारका स्थित सोमेश विहार में रहते हैं. एकल वर्ग में जतिन ने अजरबैजान के इब्राहम अलिएव को 21-14 व 21-16 के अंतर से हराया. इसी तरह पुरुष युगल जोड़ी में जतिन आजाद और अभिजीत सखूजा की जोड़ी ने अजरबैजान के इब्राहम अलिएव और करण की जोड़ी को 21-17, 18-21 और 21-10 के अंतर से पराजित किया.

जतिन ने युगांडा से लौटने के बाद ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि उन्होंने युगांडा में पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीता है. इससे पहले वह राज्य स्तर पर कई बार पदक जीत चुके हैं. अब उनका अगला लक्ष्य इंडोनेशिया में होने वाली यूथ चैंपियनशिप में पदक जीतना है. इसके अलावा वर्ष 2028 में होने वाले पैरा ओलंपिक को भी ध्यान में रखकर वह तैयारी कर रहे हैं. वो अभी एक महीने बाद होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए हैं.

जतिन की मां मीनाक्षी आजाद ने बताया कि वह बचपन से ही अपने बाएं हाथ से दिव्यांग हैं. इसके बावजूद उनके मन में बैडमिंटन के लिए अलग ही जुनून था. बैडमिंटन में रुचि को लेकर पूछने पर जतिन ने बताया कि कभी-कभी रुचि होती नहीं है, लेकिन जब परिवार के खेलते हुए देखकर प्रोत्साहित करते हैं तो रुचि पैदा हो जाती है. इसी तरह में बचपन में खेलता था तो कुछ लोग बोलते थे तुम अच्छा खेलते हो. फिर घर वालों ने काफी सहयोग किया.

जतिन ने बताया कि दिल्ली लोकल में ही नजफगढ़ की एक बैडमिंटन अकादमी से पापा ने मेरी कोचिंग शुरू कराई. वहां के कोच नागपाल सर ने मेरे माता-पिता को सुझाव दिया कि पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए कोचिंग की सबसे अच्छी अकादमी लखनऊ में है. उस अकादमी को पैरा बैडमिंटन के राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना चलाते हैं. अगर वहां से कोचिंग लोगे तो आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. जतिन ने बताया कि इसके बाद उनके पापा ने लखनऊ अकादमी में बात की. मेरी पढ़ाई के लिए भी लखनऊ में ही दाखिला कराया गया, जिससे पढ़ाई और कोचिंग एक साथ चलती रहे.

जतिन के पिता अजय आजाद ने बताया कि बेटा खेल पर ज्यादा ध्यान दे पाए इसके लिए 10वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए ओपन स्कूलिंग में दाखिला कराया. उन्होंने कहा कि अभी तक हम स्पॉन्सरशिप और अपने खर्चे से ही जतिन का अधिकतर खर्चा उठा रहे हैं. सरकार और बैडमिंटन फेडरेशन की ओर से कुछ खास मदद नहीं मिली है.

जतिन द्वारा अभी तक की प्रियोगिताओं में जीते गए पदक:

  • वर्ष 2023 में दिल्ली में खेलो इंडिया में सीनियर वर्ग में कांस्य पदक
  • वर्ष 2023 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के जूनियर वर्ग में रजत
  • वर्ष 2022 और 2023 में दिल्ली राज्य चैंपियनशिप के जूनियर और सीनियर वर्ग में दो स्वर्ण पदक
  • वर्ष 2023 में ही राष्ट्रीय चैंपियनशिप के सीनियर वर्ग में स्वर्ण पदक
  • वर्ष 2024 में युगांडा में वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन द्वारा आयोजित चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक

मेहनत और जुनून को देखकर अकादमी में किया दाखिल: जतिन ने बताया कि जब पहली बार अकादमी में कोचिंग के लिए दाखिला लेने गए तो कोच ने बोला कि इस तरह अकादमी में दाखिला नहीं देते हैं. मुझे नहीं लगता कि आप कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल पाओगे. फिर जब उन्होंने कोर्ट पर मेरी लगातार तीन-चार घंटे की मेहनत देखी तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे अंदर जुनून है. तुम्हें अकादमी में कोचिंग देंगे. इसके बाद अप्रैल 2022 में अकादमी में दाखिला हुआ. फिर गौरव खन्ना सर ने कोचिंग देना शुरु किया. फिर उसी के हिसाब से मेहनत शुरू की और राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताएं खेलने का मौका मिला.

पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए बढ़ाई जाएं सुविधाएं: जतिन ने कहा कि दिल्ली में पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए अभी कोई खास सुविधाएं नहीं है. कुछ बैडमिंटन कोर्ट तो हैं लेकिन, अच्छे कोच नहीं हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों को सरकार की ओर से कोई खास प्रोत्साहन भी नहीं दिया जा रहा है. इसकी वजह से की अच्छी खेल प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रही है.

2023 में राज्य स्तर पर पदक जीतने की अभी तक नहीं पुरस्कार राशि: जतिन ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में आयोजित दिसंबर 2023 में खेलो इंडिया के सीनियर वर्ग में कांस्य पदक जीता था. दिल्ली सरकार की ओर से उसकी पुरस्कार राशि अभी तक नहीं मिली है. पता करने पर बताया जाता है कि सरकार की ओर से फाइल एलजी को भेजी गई है, जब फाइल पास होगी तब पैसा मिलेगा. जतिन ने कहा कि जब समय पर मेहनत का फल नहीं मिलता तो थोड़ी निराशा होती है.

नई दिल्लीः अगर आपके मन में किसी खेल के प्रति मेहनत करने का जुनून हो तो विपरीत परिस्थितियां भी आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक पाती है. राजधानी दिल्ली के 16 वर्षीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी जतिन आजाद ने ऐसा ही कर दिखाया. जतिन ने पिछले हफ्ते ही युगांडा में आयोजित प्रतियोगिता के पुरुष एकल वर्ग और पुरुष युगल जोड़ी में दो स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया.

जतिन अपने माता-पिता के साथ दिल्ली के द्वारका स्थित सोमेश विहार में रहते हैं. एकल वर्ग में जतिन ने अजरबैजान के इब्राहम अलिएव को 21-14 व 21-16 के अंतर से हराया. इसी तरह पुरुष युगल जोड़ी में जतिन आजाद और अभिजीत सखूजा की जोड़ी ने अजरबैजान के इब्राहम अलिएव और करण की जोड़ी को 21-17, 18-21 और 21-10 के अंतर से पराजित किया.

जतिन ने युगांडा से लौटने के बाद ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि उन्होंने युगांडा में पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीता है. इससे पहले वह राज्य स्तर पर कई बार पदक जीत चुके हैं. अब उनका अगला लक्ष्य इंडोनेशिया में होने वाली यूथ चैंपियनशिप में पदक जीतना है. इसके अलावा वर्ष 2028 में होने वाले पैरा ओलंपिक को भी ध्यान में रखकर वह तैयारी कर रहे हैं. वो अभी एक महीने बाद होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए हैं.

जतिन की मां मीनाक्षी आजाद ने बताया कि वह बचपन से ही अपने बाएं हाथ से दिव्यांग हैं. इसके बावजूद उनके मन में बैडमिंटन के लिए अलग ही जुनून था. बैडमिंटन में रुचि को लेकर पूछने पर जतिन ने बताया कि कभी-कभी रुचि होती नहीं है, लेकिन जब परिवार के खेलते हुए देखकर प्रोत्साहित करते हैं तो रुचि पैदा हो जाती है. इसी तरह में बचपन में खेलता था तो कुछ लोग बोलते थे तुम अच्छा खेलते हो. फिर घर वालों ने काफी सहयोग किया.

जतिन ने बताया कि दिल्ली लोकल में ही नजफगढ़ की एक बैडमिंटन अकादमी से पापा ने मेरी कोचिंग शुरू कराई. वहां के कोच नागपाल सर ने मेरे माता-पिता को सुझाव दिया कि पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए कोचिंग की सबसे अच्छी अकादमी लखनऊ में है. उस अकादमी को पैरा बैडमिंटन के राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना चलाते हैं. अगर वहां से कोचिंग लोगे तो आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. जतिन ने बताया कि इसके बाद उनके पापा ने लखनऊ अकादमी में बात की. मेरी पढ़ाई के लिए भी लखनऊ में ही दाखिला कराया गया, जिससे पढ़ाई और कोचिंग एक साथ चलती रहे.

जतिन के पिता अजय आजाद ने बताया कि बेटा खेल पर ज्यादा ध्यान दे पाए इसके लिए 10वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए ओपन स्कूलिंग में दाखिला कराया. उन्होंने कहा कि अभी तक हम स्पॉन्सरशिप और अपने खर्चे से ही जतिन का अधिकतर खर्चा उठा रहे हैं. सरकार और बैडमिंटन फेडरेशन की ओर से कुछ खास मदद नहीं मिली है.

जतिन द्वारा अभी तक की प्रियोगिताओं में जीते गए पदक:

  • वर्ष 2023 में दिल्ली में खेलो इंडिया में सीनियर वर्ग में कांस्य पदक
  • वर्ष 2023 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के जूनियर वर्ग में रजत
  • वर्ष 2022 और 2023 में दिल्ली राज्य चैंपियनशिप के जूनियर और सीनियर वर्ग में दो स्वर्ण पदक
  • वर्ष 2023 में ही राष्ट्रीय चैंपियनशिप के सीनियर वर्ग में स्वर्ण पदक
  • वर्ष 2024 में युगांडा में वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन द्वारा आयोजित चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक

मेहनत और जुनून को देखकर अकादमी में किया दाखिल: जतिन ने बताया कि जब पहली बार अकादमी में कोचिंग के लिए दाखिला लेने गए तो कोच ने बोला कि इस तरह अकादमी में दाखिला नहीं देते हैं. मुझे नहीं लगता कि आप कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल पाओगे. फिर जब उन्होंने कोर्ट पर मेरी लगातार तीन-चार घंटे की मेहनत देखी तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे अंदर जुनून है. तुम्हें अकादमी में कोचिंग देंगे. इसके बाद अप्रैल 2022 में अकादमी में दाखिला हुआ. फिर गौरव खन्ना सर ने कोचिंग देना शुरु किया. फिर उसी के हिसाब से मेहनत शुरू की और राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताएं खेलने का मौका मिला.

पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए बढ़ाई जाएं सुविधाएं: जतिन ने कहा कि दिल्ली में पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए अभी कोई खास सुविधाएं नहीं है. कुछ बैडमिंटन कोर्ट तो हैं लेकिन, अच्छे कोच नहीं हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों को सरकार की ओर से कोई खास प्रोत्साहन भी नहीं दिया जा रहा है. इसकी वजह से की अच्छी खेल प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रही है.

2023 में राज्य स्तर पर पदक जीतने की अभी तक नहीं पुरस्कार राशि: जतिन ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में आयोजित दिसंबर 2023 में खेलो इंडिया के सीनियर वर्ग में कांस्य पदक जीता था. दिल्ली सरकार की ओर से उसकी पुरस्कार राशि अभी तक नहीं मिली है. पता करने पर बताया जाता है कि सरकार की ओर से फाइल एलजी को भेजी गई है, जब फाइल पास होगी तब पैसा मिलेगा. जतिन ने कहा कि जब समय पर मेहनत का फल नहीं मिलता तो थोड़ी निराशा होती है.

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