बेंगलुरु: एक साल में तीन बार कैदियों को रिहा करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के तहत आज बेंगलुरु की परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल से 77 दोषियों को रिहा कर दिया गया. बेंगलुरु से 34 कैदियों, मैसूरु से 7, बेलगावी से 5, कालाबुरागी से 9, विजयपुर से 6, बेल्लारी से10 और धारवाड़ से 6 कैदियों को जेल से रिहा किया गया है. गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में आयोजित रिहाई कार्यक्रम में शामिल हुए.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि जिन कैदियों ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप तत्परता दिखाई है, उन्हें रिहा करने का मौका है. जेल में बंद 77 लोगों को आज रिहा कर दिया गया. उन्होंने कहा कि, 'कैदियों की रिहाई के लिए इसके लिए कुछ निश्चित मापदंड हैं. उन्होंने जेल में कैसा व्यवहार किया है...क्या वे बदल गए हैं और वे समाज में कैसे रहेंगे? फिर कमेटी समीक्षा कर सरकार को अनुशंसा करेगी. कैबिनेट इस पर फैसला लेगी और रिलीज लिस्ट राज्यपाल को भेज दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद इसे जारी करने का समय आएगा.'
जी परमेश्वर ने कहा, 2015 से अब तक 2,144 कैदियों को उनके अच्छे आचरण के आधार पर रिहा किया गया है. जेल से रिहाई के बाद सभी लोग अच्छा जीवन भी जी रहे हैं. किसी ने, एक या दो ने फिर वही गलती की है. ऐसे लोगों को सजा भी मिलती है. उनमें से अधिकांश बदल रहे हैं और समाज में रह रहे हैं. आज रिहा होने वालों में एक ने बीए और दूसरे ने लॉ में डिप्लोमा किया है. साथ ही संगीत शिक्षा, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर शिक्षा भी प्रदान की जाती है.
जेल के जैमर से आसपास के लोगों को परेशानी होने के आरोप के बारे में एक सवाल के जवाब में परमेश्वर ने कहा कि पहले भी ऐसे आरोप सुनने को मिले हैं कि जेल के अंदर फोन लाए जा रहे हैं और कैदी बाहरी लोगों से बातचीत कर रहे हैं. जेल में दूसरे राज्यों के कैदी भी हैं. ऐसे में जैमर लगाने से अनियमितता को रोका जा सकता है. इसलिए जेलों में हाई रेजोल्यूशन जैमर लगाया गया है. इस वजह से, जैमर की रेंज स्वाभाविक रूप से लगभग 800 मीटर तक बढ़ गई, जिससे पड़ोसियों को परेशानी हुई. ऐसी स्थिति में जैमर की कार्य सीमा 100 मीटर तक कम हो जाती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि जैमर नहीं हटाये जायेंगे.
वहीं हत्या के आरोप में न्यायिक हिरासत में बंद अभिनेता दर्शन को जेल में शाही आतिथ्य मिलने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि भोजन के मामले में उन्होंने कोई आतिथ्य नहीं दिया. जेल में अन्य लोगों की तरह ही दर्शन की भी व्यवस्था है. कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बिरयानी दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई.
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