नागपुर: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक समारोह में कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी पार्टी के एक नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए ऑफर दिया था. हालांकि, उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य कभी नहीं है. मैं अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित हूं.'
नितिन गडकरी के बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. नितिन गडकरी ने एक पत्रकारिता पुरस्कार वितरण समारोह में कहा, '2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी पार्टी के एक नेता प्रधानमंत्री पद का ऑफर दिया लेकिन मैंने यह कहते हुए उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया कि मुझे प्रधानमंत्री बनने की लालसा नहीं है.
प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है. मैं अपने विश्वास और अपने संगठन के प्रति वफादार हूं और मैं किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करने जा रहा हूं क्योंकि मेरे लिए मेरा विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है.' अपने भाषण में नितिन गडकरी ने पत्रकारिता और राजनीति दोनों में नैतिकता के महत्व को रेखांकित किया.
गडकरी ने कहा, 'मैंने उनसे (नेता से) साफ-साफ कहा कि आप मुझे अपना समर्थन क्यों देंगे और मैं आपका समर्थन क्यों स्वीकार करूंगा.' केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह स्पष्ट किया. नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए एक चौंकाने वाला दावा किया.
सीपीआई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ हुई बैठक को याद करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने कम्युनिस्ट नेता से कहा कि स्वर्गीय ए बी बर्धन नागपुर और विदर्भ के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक थे. जब नेता ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बर्धन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विरोधी थे, तो नितिन गडकरी ने कहा कि ईमानदार विपक्ष का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कॉमरेड बर्धन अपनी विचारधारा के प्रति वफादार थे और राजनीति के साथ-साथ पत्रकारिता में भी अब ऐसे लोगों की कमी है.