ETV Bharat / bharat

"सदा ए सरहद" को अब भी है सरहद खुलने का इंतजार, जानें, दिल्ली टू लाहौर बस की कहानी

Bus service from India to Pakistan: भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों में मिठास बनाने के लिए आज तक कई प्रयास किए गए हैं. इनमें से एक है सदा-ए-सरहद बस सेवा. इसके तहत लोग दिल्ली से लाहौर तक की यात्रा करते थे, लेकिन 2019 से इस बस सेवा पर रोक लगने के बाद यह प्रयास केवल यादों में जिंदा रह गया है. आइए जानते हैं इसके बारे में खास बातें..

india pakistan bus service
india pakistan bus service
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 19, 2024, 2:47 PM IST

Updated : Feb 19, 2024, 4:11 PM IST

दिल्ली-लाहौर बस सेवा केवल यादों में है जिंदा

नई दिल्ली: 19 फरवरी का दिन भारत-पाकिस्तान के संबंधों के लिए बेहद खास माना जाता है. सन् 1999 में आज ही के दिन दिल्ली से लाहौर के लिए बस सेवा शुरू हुई थी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में, शांतिपूर्णऔर मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए यह बस सेवा शुरू की गई थी. उस वक्त वे इस बस से ही शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए लाहौर गए थे. हालांकि 2019 में यह बस सेवा बंद किए जाने के बाद केवल लोगों की यादों में ही जिंदा रह गई है.

इस बस सेवा को सदा-ए-सरहद के नाम से जाना जाता था, जो काफी लंबे समय तक चली. उस वक्त लाहौर की तरफ से भी एक बस चलाई जाती थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत आते-जाते थे. वर्ष 2004 में भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे के मद्देनजर पाकिस्तान ने लाहौर में 10 हजार भारतीयों को क्रिकेट देखने की अनुमति दी थी. तब भारतीय लोग इसी बस से धूमधाम से मैच देखने के लिए पाकिस्तान गए थे. यह बस वाघा बॉर्डर से लाहौर तक जाती थी. इसमें सफर करने के लिए यात्रियों को पासपोर्ट और वीजा की जरूरत पड़ती थी. दोनों देशों से सप्ताह में छह दिन बस चलाई जाती थी.

सदा-ए-सरहद बस सेवा पर एक नजर
सदा-ए-सरहद बस सेवा पर एक नजर

यहां से चलाई जाती थी बस: लाहौर के लिए दिल्ली गेट बस डिपो से यह बस चलाई जाती थी, लेकिन सेवा को बंद किए जाने के बाद, अब यह डिपो सूना पड़ा है. यहां सिर्फ वह बोर्ड बचा है, जो आज भी दो देशों के बीच की यात्रा को याद दिलाता है. इस बारे में हाल ही में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से भी ईटीवी भारत ने बात की थी. इसपर उन्होंने बताया था कि यदि पाकिस्तान की तरफ से इस बारे में कोई मांग की जाती है, तो हम जरूर इस दिशा में काम करेंगे.

पाक ने 2019 में बंद की थी बस सेवा: पूर्व में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ करता था, लेकिन 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म कर जम्मू कश्मीर से यह दर्जा हटा दिया गया था. इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी तरफ से बस सेवा बंद कर दी थी, जिसे देखते हुए भारत से भी पाकिस्तान जाने वाली बस सेवा पर रोक लगा दी गई. तब से आज तक यह बस सेवा शुरू नहीं हो सकी है.

सदा-ए-सरहद बस सेवा का किराया
सदा-ए-सरहद बस सेवा का किराया

युद्ध के दौरान भी नहीं बंद हुई थी बस सेवा: वर्ष 1999 में तीन मई से 26 जुलाई तक करगिल युद्ध चला था, जिसकी यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा हैं. यह युद्ध दो माह 23 दिन तक चला था, जिसमें बड़ी संख्या में भारत और पाकिस्तान के सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी. इसके बावजूद भी दिल्ली से लाहौर के लिए बस सेवा नहीं बंद हुई थी. हालांकि 13 दिसंबर, 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद यह बस सेवा रोक दी गई थी, जिसके कारण दोनों पड़ोसी देशों के बीच काफी टकराव हुआ था. बाद में दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों में सुधार होने पर बस सेवा को दोबारा शुरू कर दिया गया था.

बस से पहले समझौता एक्सप्रेस का संचालन हुआ था बंद: जानकारी के लिए बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच बस संचालन बंद होने से पहले, दोनों देशों के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन का भी संचालन बंद कर दिया गया था. यह ट्रेन सबसे पहले 22 जुलाई, 1976 को अटारी-लाहौर के बीच शुरू हुई थी. इस ट्रेन को शांति का संदेश भी कहा जाता था, लेकिन जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद 8 अगस्त 2019 को यह ट्रेन सेवा भी बंद कर दी गई थी.

यह भी पढ़ें-MSP को लेकर मोदी सरकार ने किसानों के सामने रखे ये प्रस्ताव, जानिए चौथे दौर की बैठक में किन मुद्दों पर बनी सहमति, कहां फंसा है पेंच?

यह भी पढ़ें-Rajya Sabha Election 2024: कैसे चुने जाते हैं राज्यसभा के सांसद, क्या है Voting की प्रोसेस, सब कुछ जानें

दिल्ली-लाहौर बस सेवा केवल यादों में है जिंदा

नई दिल्ली: 19 फरवरी का दिन भारत-पाकिस्तान के संबंधों के लिए बेहद खास माना जाता है. सन् 1999 में आज ही के दिन दिल्ली से लाहौर के लिए बस सेवा शुरू हुई थी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में, शांतिपूर्णऔर मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए यह बस सेवा शुरू की गई थी. उस वक्त वे इस बस से ही शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए लाहौर गए थे. हालांकि 2019 में यह बस सेवा बंद किए जाने के बाद केवल लोगों की यादों में ही जिंदा रह गई है.

इस बस सेवा को सदा-ए-सरहद के नाम से जाना जाता था, जो काफी लंबे समय तक चली. उस वक्त लाहौर की तरफ से भी एक बस चलाई जाती थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत आते-जाते थे. वर्ष 2004 में भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे के मद्देनजर पाकिस्तान ने लाहौर में 10 हजार भारतीयों को क्रिकेट देखने की अनुमति दी थी. तब भारतीय लोग इसी बस से धूमधाम से मैच देखने के लिए पाकिस्तान गए थे. यह बस वाघा बॉर्डर से लाहौर तक जाती थी. इसमें सफर करने के लिए यात्रियों को पासपोर्ट और वीजा की जरूरत पड़ती थी. दोनों देशों से सप्ताह में छह दिन बस चलाई जाती थी.

सदा-ए-सरहद बस सेवा पर एक नजर
सदा-ए-सरहद बस सेवा पर एक नजर

यहां से चलाई जाती थी बस: लाहौर के लिए दिल्ली गेट बस डिपो से यह बस चलाई जाती थी, लेकिन सेवा को बंद किए जाने के बाद, अब यह डिपो सूना पड़ा है. यहां सिर्फ वह बोर्ड बचा है, जो आज भी दो देशों के बीच की यात्रा को याद दिलाता है. इस बारे में हाल ही में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से भी ईटीवी भारत ने बात की थी. इसपर उन्होंने बताया था कि यदि पाकिस्तान की तरफ से इस बारे में कोई मांग की जाती है, तो हम जरूर इस दिशा में काम करेंगे.

पाक ने 2019 में बंद की थी बस सेवा: पूर्व में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ करता था, लेकिन 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म कर जम्मू कश्मीर से यह दर्जा हटा दिया गया था. इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी तरफ से बस सेवा बंद कर दी थी, जिसे देखते हुए भारत से भी पाकिस्तान जाने वाली बस सेवा पर रोक लगा दी गई. तब से आज तक यह बस सेवा शुरू नहीं हो सकी है.

सदा-ए-सरहद बस सेवा का किराया
सदा-ए-सरहद बस सेवा का किराया

युद्ध के दौरान भी नहीं बंद हुई थी बस सेवा: वर्ष 1999 में तीन मई से 26 जुलाई तक करगिल युद्ध चला था, जिसकी यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा हैं. यह युद्ध दो माह 23 दिन तक चला था, जिसमें बड़ी संख्या में भारत और पाकिस्तान के सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी. इसके बावजूद भी दिल्ली से लाहौर के लिए बस सेवा नहीं बंद हुई थी. हालांकि 13 दिसंबर, 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद यह बस सेवा रोक दी गई थी, जिसके कारण दोनों पड़ोसी देशों के बीच काफी टकराव हुआ था. बाद में दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों में सुधार होने पर बस सेवा को दोबारा शुरू कर दिया गया था.

बस से पहले समझौता एक्सप्रेस का संचालन हुआ था बंद: जानकारी के लिए बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच बस संचालन बंद होने से पहले, दोनों देशों के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन का भी संचालन बंद कर दिया गया था. यह ट्रेन सबसे पहले 22 जुलाई, 1976 को अटारी-लाहौर के बीच शुरू हुई थी. इस ट्रेन को शांति का संदेश भी कहा जाता था, लेकिन जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद 8 अगस्त 2019 को यह ट्रेन सेवा भी बंद कर दी गई थी.

यह भी पढ़ें-MSP को लेकर मोदी सरकार ने किसानों के सामने रखे ये प्रस्ताव, जानिए चौथे दौर की बैठक में किन मुद्दों पर बनी सहमति, कहां फंसा है पेंच?

यह भी पढ़ें-Rajya Sabha Election 2024: कैसे चुने जाते हैं राज्यसभा के सांसद, क्या है Voting की प्रोसेस, सब कुछ जानें

Last Updated : Feb 19, 2024, 4:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.