नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह और उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला पिछले 15 सालों से अलग रह रहे हैं और उनकी शादी खत्म हो चुकी है. उमर ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल कर शादी को खत्म कर दे.
उमर अब्दुल्ला का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल की शादी खत्म हो चुकी है. सिब्बल ने जोर देकर कहा कि वे पिछले 15 वर्षों से अलग-अलग रह रहे हैं.
उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से संविधान के अनुच्छेद 142 को लागू करने का अनुरोध किया, जिसका इस्तेमाल अतीत में विवाह को समाप्त करने के लिए किया गया है. उमर और पायल अब्दुल्ला की शादी 1 सितंबर, 1994 को हुई थी और वे 2009 से अलग रह रहे हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए, सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसने क्रूरता के आधार पर उनकी पत्नी से तलाक की मांग करने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया और छह सप्ताह के भीतर उनसे जवाब मांगा.
सर्वोच्च न्यायालय में अपनी याचिका में उमर ने क्रूरता के आधार पर तलाक की मांग की. दिसंबर 2023 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उमर अब्दुल्ला की तलाक की मांग वाली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनकी अपील में कोई दम नहीं है.
साल 2016 में, एक पारिवारिक अदालत ने अब्दुल्ला को तलाक का आदेश देने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि पायल अब्दुल्ला के खिलाफ क्रूरता के आरोप अस्पष्ट थे, और यह भी कहा कि वह 'क्रूरता' या 'परित्याग' के दावों को साबित नहीं कर सके. उच्च न्यायालय ने पारिवारिक अदालत के आदेश को बरकरार रखा था. उमर और पायल अब्दुल्ला अपने दो बेटों की कस्टडी साझा करते हैं.