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दीपावली पर बुझ गया भाजपा का सबसे पुराना दीया, पूर्व विधायक 111 वर्षीय भुलई भाई का निधन, योगी को PM के रूप में देखने की थी इच्छा

कुशीनगर अपने घर ली अंतिम सांस, कोविड काल में प्रधानमंत्री ने फोन करके पूछा था हालचाल, पीएम मोदी, सीएम योगी और गृहमंत्री ने जताया शोक

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कुशीनगर अपने घर में भुलई ने ली अंतिम सांस. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

कुशीनगरः जिले के रहने वाले सबसे बुजर्ग और भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ता श्रीनारायण उर्फ भुलई भाई का 111वर्ष की उम्र में निधन हो गया. केसरिया गमछा भुलई भाई की पहचान थी. 1974 में भुलई भाई ने उस समय देवरिया के नौरंगिया (वर्तमान में कुशीनगर के खड्डा) से भारतीय जनसंघ से विधायक चुने गए थे. बीजेपी के गठन के बाद भुलई भाई बीजेपी के कार्यकर्ता बन गए थे. भुलई भाई की सोमवार को तबीयत खराब होने के बाद से रामकोला थाना क्षेत्र के पगार छपरा स्थित अपने घर पर ही ऑक्सीजन पर थे. दीपावली की शाम करीब 6 बजे अपने निवास पर ही उन्होंने अंतिम सास ली. भुलई भाई के निधन पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने शोक जताया है.

भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्ता का निधन. (Video Credit; ETV Bharat)

पीएम ने बताया अपूरणीय क्षतिः पीएम मोदी ने X पर लिखा है कि 'राजनीति और समाज सेवा में अमूल्य योगदान देने वाले नारायण जी का देहावसान एक अपूरणीय क्षति है. वे भाजपा के सबसे पुराने और कर्मठ कार्यकर्ताओं में शामिल रहे हैं, जिन्हें हम भुलई भाई के नाम से भी जानते हैं. जन कल्याण से जुड़े उनके कार्यों को सदैव याद किया जाएगा. शोक की इस घड़ी में मैं उनके प्रशंसकों और परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. ओम शांति!'

कोविड संकट के समय पीएम ने लिया था आशीर्वादः बता दें कि कोविड काल 2020 में भुलई भाई तब चर्चा में आये थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके उनका हालचाल लिया था. उस समय पोते कन्हैया ने जब बताया कि फोन पर दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं तो भुलई भाई की खुशी का ठिकाना न रहा. फोन पर बातचीत में, ‘प्रधानमंत्री ने कहा था कि सोचा, इस संकट के समय आपका आशीर्वाद लूं. इस पर पूर्व विधायक ने कहा कि आप यशस्वी हों और जब तक स्वस्थ रहें, देश की सेवा करते रहें’. प्रधानमंत्री ने पूर्व विधायक से ढाई मिनट तक बात की थी. जिसपर पूर्व विधायक ने प्रधानमंत्री ने आभार व्यक्त किया था.

योगी को पीएम रूप में देखने की जताई थी इच्छा: विधानसभा चुनाव 2022 भुलई भाई से जीत के बाद प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर बात कर आशीर्वाद लिया था. बातचीत के क्रम में भुलई भाई ने योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री के रूप में देखने की इच्छा जताई थी. उन्होंने योगी से फोन पर करीब 41 सेकंड तक बात की. इस दौरान पूर्व विधायक ने पहले नमस्कार किए फिर योगी आदित्यनाथ को अपना हाल बताया था. भुलई भाई ने कहा था कि आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद प्रधानमंत्री के रूप में देखने की इच्छा है. साथ ही उन्होंने कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी यह इच्छा जरूर पूरी होगी, क्योकि ईश्वर पर उन्हें पूरा भरोसा है.
जेपी नड्डा और सीएम योगी के साथ भुलई भाई.
जेपी नड्डा और सीएम योगी के साथ भुलई भाई. (File Photo)


नौकरी छोड़ सियासत में उतरे थे: बता दें कि जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई तो श्री नारायण उर्फ भुलई भाई एमए के छात्र थे. उस वक्त दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर उनके सिद्धांतों के रास्ते पर चलना शुरू किया था. एमए के बाद एमएड किया और इसके बाद भुलई भाई शिक्षा अधिकारी (एसडीआई) बन गए. लेकिन 1967 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सियासत में आकर देश और समाज के लिए कुछ करने की ठानी. साल 1974 को उनको भारतीय जनसंघ ने अपना उम्मीदवार बनाया और भुलई भाई विधायक बन गए. भुलई भाई ने दो बार नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की थी. 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर बनी जनता पार्टी के चुनाव चिह्न पर फिर विधायक चुने गए. भुलई भाई की पहचान उनका केसरिया गमछा रहा.

पीएम मोदी से मुलाकात करते भुलई भाई.
पीएम मोदी से मुलाकात करते भुलई भाई. (File Photo)
आपातकाल में जेल में भी रहे: 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी बनाई गई तब भुलई भाई बीजेपी में आ गए थे. पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भुलई भाई की सादगी और उनकी ईमादार छवि काफी चर्चित रही है. बाढ़ से घिरे गरीबों की स्थिति का भोजपुरी में वर्णन करने पर भी वो काफी प्रसिद्ध हुए. भुलई भाई सक्रिय राजनीति में उतरने से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी जुडे़ हुए थे. इस दौरान वह देवरिया जिले के प्रचारक भी रहे. आपातकाल के समय में वह कई महीनों तक जेल में भी रहे. उनकी छवि ईमानदार नेता के रूप में है. भुलई भाई की पहचान उनका केसरिया गमछा रहा.
राजनाथ सिंह के साथ भुलई भाई
राजनाथ सिंह के साथ भुलई भाई (File Photo)
राजनाथ सिंह से गले मिलकर हो गए थे भावुक: भुलई भाई के पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए भाजपा ने भी हमेशा उनका सम्मान किया. केंद्रीय रक्षा मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता राजनाथ सिंह से एक मुलाकात काफी चर्चित रही, जब दोनों नेता एक दूसरे के गले लग भावुक हो गये थे. वर्ष 2022 में दशकों बाद उत्तर प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी तो सबसे ज्यादा खुश भुलई भाई थे. योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें विशेष तौर बुलाया गया था. इस दौरान मंच से उतरकर तात्कालीन भाजपा अध्यक्ष व वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें सम्मानित किया था.

सीएम योगी और अमित शाह ने जताया दुखः गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा है कि 'भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्ताओं में एक नारायण जी उर्फ भुलई भाई का निधन अत्यंत दुःखद है। देशहित व राष्ट्रप्रथम के प्रति समर्पित भुलई भाई, जनसंघ से लेकर भाजपा के माध्यम से युवाओं को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए प्रेरित करते रहे। उनसे हुई मुलाकात में विचारधारा व राष्ट्रवाद के प्रति उनका उत्साह, आज भी मुझे याद आता है। दुःख की इस घड़ी में पूरा भाजपा परिवार उनके परिजनों के साथ है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति शांति शांति.' मुख्यमंत्री ने लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ताओं में एक एवं पूर्व विधायक श्री नारायण जी उर्फ 'भुलई भाई' का निधन अत्यंत दुःखद और भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों और समर्थकों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.

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भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्ता का निधन. (Video Credit; ETV Bharat)

पीएम ने बताया अपूरणीय क्षतिः पीएम मोदी ने X पर लिखा है कि 'राजनीति और समाज सेवा में अमूल्य योगदान देने वाले नारायण जी का देहावसान एक अपूरणीय क्षति है. वे भाजपा के सबसे पुराने और कर्मठ कार्यकर्ताओं में शामिल रहे हैं, जिन्हें हम भुलई भाई के नाम से भी जानते हैं. जन कल्याण से जुड़े उनके कार्यों को सदैव याद किया जाएगा. शोक की इस घड़ी में मैं उनके प्रशंसकों और परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. ओम शांति!'

कोविड संकट के समय पीएम ने लिया था आशीर्वादः बता दें कि कोविड काल 2020 में भुलई भाई तब चर्चा में आये थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके उनका हालचाल लिया था. उस समय पोते कन्हैया ने जब बताया कि फोन पर दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं तो भुलई भाई की खुशी का ठिकाना न रहा. फोन पर बातचीत में, ‘प्रधानमंत्री ने कहा था कि सोचा, इस संकट के समय आपका आशीर्वाद लूं. इस पर पूर्व विधायक ने कहा कि आप यशस्वी हों और जब तक स्वस्थ रहें, देश की सेवा करते रहें’. प्रधानमंत्री ने पूर्व विधायक से ढाई मिनट तक बात की थी. जिसपर पूर्व विधायक ने प्रधानमंत्री ने आभार व्यक्त किया था.

योगी को पीएम रूप में देखने की जताई थी इच्छा: विधानसभा चुनाव 2022 भुलई भाई से जीत के बाद प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर बात कर आशीर्वाद लिया था. बातचीत के क्रम में भुलई भाई ने योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री के रूप में देखने की इच्छा जताई थी. उन्होंने योगी से फोन पर करीब 41 सेकंड तक बात की. इस दौरान पूर्व विधायक ने पहले नमस्कार किए फिर योगी आदित्यनाथ को अपना हाल बताया था. भुलई भाई ने कहा था कि आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद प्रधानमंत्री के रूप में देखने की इच्छा है. साथ ही उन्होंने कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी यह इच्छा जरूर पूरी होगी, क्योकि ईश्वर पर उन्हें पूरा भरोसा है.
जेपी नड्डा और सीएम योगी के साथ भुलई भाई.
जेपी नड्डा और सीएम योगी के साथ भुलई भाई. (File Photo)


नौकरी छोड़ सियासत में उतरे थे: बता दें कि जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई तो श्री नारायण उर्फ भुलई भाई एमए के छात्र थे. उस वक्त दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर उनके सिद्धांतों के रास्ते पर चलना शुरू किया था. एमए के बाद एमएड किया और इसके बाद भुलई भाई शिक्षा अधिकारी (एसडीआई) बन गए. लेकिन 1967 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सियासत में आकर देश और समाज के लिए कुछ करने की ठानी. साल 1974 को उनको भारतीय जनसंघ ने अपना उम्मीदवार बनाया और भुलई भाई विधायक बन गए. भुलई भाई ने दो बार नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की थी. 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर बनी जनता पार्टी के चुनाव चिह्न पर फिर विधायक चुने गए. भुलई भाई की पहचान उनका केसरिया गमछा रहा.

पीएम मोदी से मुलाकात करते भुलई भाई.
पीएम मोदी से मुलाकात करते भुलई भाई. (File Photo)
आपातकाल में जेल में भी रहे: 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी बनाई गई तब भुलई भाई बीजेपी में आ गए थे. पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भुलई भाई की सादगी और उनकी ईमादार छवि काफी चर्चित रही है. बाढ़ से घिरे गरीबों की स्थिति का भोजपुरी में वर्णन करने पर भी वो काफी प्रसिद्ध हुए. भुलई भाई सक्रिय राजनीति में उतरने से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी जुडे़ हुए थे. इस दौरान वह देवरिया जिले के प्रचारक भी रहे. आपातकाल के समय में वह कई महीनों तक जेल में भी रहे. उनकी छवि ईमानदार नेता के रूप में है. भुलई भाई की पहचान उनका केसरिया गमछा रहा.
राजनाथ सिंह के साथ भुलई भाई
राजनाथ सिंह के साथ भुलई भाई (File Photo)
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सीएम योगी और अमित शाह ने जताया दुखः गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा है कि 'भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्ताओं में एक नारायण जी उर्फ भुलई भाई का निधन अत्यंत दुःखद है। देशहित व राष्ट्रप्रथम के प्रति समर्पित भुलई भाई, जनसंघ से लेकर भाजपा के माध्यम से युवाओं को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए प्रेरित करते रहे। उनसे हुई मुलाकात में विचारधारा व राष्ट्रवाद के प्रति उनका उत्साह, आज भी मुझे याद आता है। दुःख की इस घड़ी में पूरा भाजपा परिवार उनके परिजनों के साथ है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति शांति शांति.' मुख्यमंत्री ने लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ताओं में एक एवं पूर्व विधायक श्री नारायण जी उर्फ 'भुलई भाई' का निधन अत्यंत दुःखद और भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों और समर्थकों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.

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