पुरी: मोहन माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के गठन के साथ ही ओडिशा सरकार एक्शन मोड में आ गई. बुधवार को पहली कैबिनेट मीटिंग के फैसले के बाद मंदिर के 4 द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. मुख्यमंत्री मोहन माझी और सभी नए मंत्रियों ने भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की. कल शाम पहली कैबिनेट ने यह फैसला लिया और आज 5 साल बाद मंदिर के 4 द्वार खुल गए.
मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों की मौजूदगी में प्रशासन ने मंदिर के चारों द्वार खोल दिए. सभी द्वारों से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर दर्शन कर रहे हैं. श्रद्धालु इस बात से खुश हैं कि 5 साल बाद मंदिर के चारों द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोले गए हैं. मार्च 2020 में कोविड प्रतिबंधों के बाद से मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया. मंदिर के अंदर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने भक्तों को मंदिर के सिंहद्वार से ही प्रवेश की अनुमति दी थी.
बाद में जब कोविड प्रतिबंध हटा दिए गए तो केवल मंदिर के सिंह द्वार से ही भक्तों को प्रवेश की अनुमति दी गई. इसे लेकर हर जगह विरोध के बाद भी राज्य की बीजद सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसे लेकर भक्तों में गहरा असंतोष था. भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था. जब भाजपा सरकार सत्ता में आई तो उसने भक्तों के लिए मंदिर के चारों दरवाजे खोलने का अपना वादा पूरा किया.
ओडिशा में सरकार के शपथ ग्रहण के बाद, नए मुख्यमंत्री मोहन माझी ने मंदिर के चारों द्वार भक्तों के लिए खोलने का आदेश दिया. आज भगवान के आशीर्वाद के बाद श्री मंदिर के चारों द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए. वहीं, भक्तों की सुविधा के लिए जूता स्टैंड, पीने के पानी की सुविधा और ओलावृष्टि और बारिश से बचाव के लिए शेड की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है. दूसरी ओर भक्तों और सेवादारों ने नए मुख्यमंत्री के ऐसे फैसले का स्वागत किया है.
सीएम मोहन ने की बड़ी घोषणा: ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने कहा, 'हमने कल कैबिनेट की बैठक में जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वार खोलने का प्रस्ताव रखा था. प्रस्ताव पारित हो गया और आज सुबह 6:30 बजे मैं अपने विधायकों और पुरी के सांसद (संबित पात्रा) के साथ 'मंगला आरती' में शामिल हुआ. जगन्नाथ मंदिर और अन्य कार्यों के विकास के लिए, हमने कैबिनेट में एक फंड का प्रस्ताव रखा है. जब हम अगला राज्य बजट पेश करेंगे, तो हम मंदिर प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये का एक कोष आवंटित करेंगे.'