हजारीबाग: पिछले तीन दिनों से सीबीआई की टीम हजारीबाग में नीट प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच कर रही है. बुधवार को ओएसिस स्कूल में जांच के बाद सीबीआई टीम ने प्रिंसिपल एहसान उल हक को हिरासत में ले लिया था. तब से अब तक करीब 15 घंटे हो चुके हैं, प्रिंसिपल सीबीआई हिरासत में ही हैं. टीम लगातार उनसे पूछताछ कर रही है. वहीं स्कूल के दो कर्मचारियों को फूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. गुरुवार की सुबह करीब 10 बजे सीबीआई की टीम प्रिंसिपल को लेकर चरही से हजारीबाग की ओर निकली है, टीम कहां जा रही है, अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.
बता दें कि बुधवार की शाम 5:17 बजे ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को सीबीआई की टीम ने हिरासत में लिया था. 15 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सीबीआई उन्हें चरही गेस्ट हाउस में हिरासत में रखे हुए है. सीबीआई की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. इस कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि स्कूल के प्रिंसिपल समेत 6 लोगों को सीबीआई ने अपने साथ क्यों रखा है.
बुधवार को ही स्कूल के दो कर्मचारियों राहुल और एक महिला स्टाफ को सीबीआई की टीम ने 9:29 बजे छोड़ दिया था. ये वे दो स्टाफ सदस्य हैं, जिनसे सीबीआई बुधवार की सुबह से पूछताछ कर रही थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों को बांड पर हस्ताक्षर कराकर छोड़ा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर आगे जांच होगी और उन्हें बुलाया जाएगा तो वे पेश होंगे और पूरी मदद करेंगे. बुधवार को ही सीबीआई की टीम ने ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस के उस कर्मचारी से भी पूछताछ की है, जिसके जरिए प्रश्नपत्र रांची से हजारीबाग लाया गया था. टीम में शामिल अधिकारी दो बार एसबीआई बैंक भी गए और वहां भी पूछताछ की.
दरअसल, नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस ने गिरफ्तार अभ्यर्थियों के घर से जले हुए कागजात बरामद किए थे, इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने इन जले हुए कागजात का मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया. जिसमें जले हुए कागजात में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू पाए गए हैं.
इतना ही नहीं प्रश्नों के सीरियल नंबर भी मूल प्रश्नपत्र से मेल खाते मिले. बरामद प्रश्नपत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से मेल खाता था. इसके बाद से ही स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक सीबीआई के रडार पर हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए हैं. इस मामले को लेकर प्रिंसिपल एहसान उल हक के परिजनों ने कोई बयान साझा नहीं किया है.