नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने शुक्रवार को कहा कि पूर्ण सुरक्षा और सुरक्षित सीमा सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों (CPO) को एक साथ जोड़ने पर जोर दिया. उक्त बातें डोभाल ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 21वें बीएसएफ अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों (CPO) की संयुक्तता बेहतर संचालन सुनिश्चित करेगी, इससे अधिक अखंडता भी आएगी. यहां तक कि राज्य पुलिस भी सीमा बलों की सहायता कर सकती हैं.
हालांकि बाद में कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कई सेवानिवृत्त अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर अपनी आपत्ति जताई. इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए बीएसएफ के एक सेवानिवृत्त महानिरीक्षक ने कहा कि अगर सभी बलों को एक साथ मिला दिया जाए तो अलग-अलग बल अपनी पहचान खो देंगे.
डोभाल ने सीमा सुरक्षा एजेंसियों से सीमावर्ती लोगों से मित्रता करने के बारे में कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के बिना सीमा की रक्षा नही की जा सकती. डोभाल ने कहा कि कम से कम अपनी तरफ से तो सीमा के लोगों से दोस्ती करो, उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि आप उन पर शासन करने या उन्हें विनियमित करने के लिए वहां हैं.
एनएसए डोभाल ने सीमा की सुरक्षा के लिए नवीनतम तकनीक अपनाने का भी आह्वान किया. डोभाल ने हमास द्वारा इजराइल किए गए रॉकेट और मिसाइल हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि इजराइल पर सिलसिलेवार मिसाइल 1500 मिसाइलें लॉन्च की गईं. हालांकि, लगभग 99 प्रतिशत को रोक दिया गया था. केवल 2-3 मिसाइलें ही मार करने में सक्षम थीं…यह प्रौद्योगिकी की शक्ति थी. डोभाल ने कहा कि नवीनतम तकनीक ने इजराइल को इतने विनाशकारी आतंकी हमले से बचा लिया.
डोभाल ने कहा कि तकनीकी परिवर्तन आवश्यक है. हमारे सीमा रक्षकों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि सीमा का भारत की आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता पर प्रभाव पड़ता है. डोभाल ने रणनीतिक सोच के लिए कमजोरियों को लेकर कहा कि हमें इमें इसका अनुमान लगाने की आवश्यकता है. सीमा की कमजोरी एक बड़ा मुद्दा है. हालांकि जहां तक इस मुद्दे पर काबू पाने का सवाल है, पिछले 10 साल में भारत ने बहुत कुछ हासिल किया है. उन्होंने कहा कि अगर भारत की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाएं असुरक्षित रहेंगी तो इससे हमारी आंतरिक सुरक्षा प्रभावित होगी.
डोभाल ने कहा कि पिछले 10 साल में केंद्र सरकार ने भारत की सीमाओं की सुरक्षा और प्रबंधन पर पूरा ध्यान दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर दिवाली सीमा सुरक्षा एजेंसियों के जवानों के साथ मनाना चाहते हैं. उन्होंने (प्रधानमंत्री) यह सुनिश्चित करने में भी व्यक्तिगत रुचि ली कि सीमावर्ती राज्यों के सभी प्रमुख सीमा का दौरा करें. डोभाल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा की पवित्रता के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न तैनाती परिदृश्यों को प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करके राष्ट्र की संप्रभुता को बनाए रखने में बीएसएफ की असाधारण भूमिका पर प्रकाश डाला.
इस अवसर बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने रणनीति, बुनियादी ढांचे, हथियार और प्रशिक्षण के मामले में खुद को तैयार करने में बल के निरंतर प्रयास पर जोर दिया. अग्रवाल ने हाल ही में कांकेर में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ को बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि फोर्स ने नक्सलियों को कई बड़े झटके दिए हैं. हाल ही में एक नक्सल विरोधी अभियान के दौरान, बीएसएफ ने डीआरजी के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के कांकेर इलाके में 29 कट्टर माओवादियों को मार गिराने के साथ भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था. बीएसएफ महानिदेशक ने सद्भावना बनाने और सीमावर्ती निवासियों का विश्वास हासिल करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में एजेंसी द्वारा की गई विभिन्न पहलों का भी उल्लेख किया. इसमें चिकित्सा शिविर, शैक्षिक कार्यक्रम, खेल प्रतियोगिताएं, सीमा चौकियों पर बच्चों के लिए साहसिक बूट शिविर आदि शामिल हैं. 21वें बीएसएफ अलंकरण समारोह के अवसर पर बीएसएफ के 17 सदस्यों को पदकों से अलंकृत किया गया. इसमें 10 सदस्यों को वीरता के लिए पुलिस पदक (PMG) से सम्मानित किया गया और सात सदस्यों को जीवन रक्षा पदक (JRP) से सम्मानित किया गया. समारोह के दौरान बीएसएफ के सेवानिवृत्त महानिदेशक और आईजी, सीएपीएफ के महानिदेशक, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के सेवारत अधिकारी उपस्थित थे.
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